Sunday, April 30, 2017

nakalchepi patanjali /anil kaise bane mgahvv ke kary parisad sadasy,barkhast kyon nahi kiye jate

sattachakra.blogspot.in
30-04-2017

prof.anil k rai  ankit ( plagrist)
नकलचेपी प्रेमचंद पतंजलि/अनिल के. राय कैसे बने मगांअंहिविवि कार्य परिषद सदस्य, बर्खास्त क्यों नहीं किये जातेःईमानदार छात्रों , अध्यापकों , संघ भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को अचरज हो रहा है कि नकल करके बहुत सी पुस्तकें लिखने के आरोपी प्रो.प्रेमचंद पातंजलि और प्रो. अनिल कुमार राय अंकित  द्वय को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय , वर्धा ( महाराष्ट्र) के कार्य परिषद  का सदस्य कैसे बना दिया गया। चर्चा है कि अनिल कुमार राय अंकित जो इन दिनों मगांअंहिविवि में प्रोफेसर हैं, जिनको जातिवाद के चलते  वामपंथी व भ्रष्टाचार आरोपी विभूति नारायण राय ने कुलपति बनने के बाद  प्रोफेसर नियुक्त किया , ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री  सुनिल आम्बेकर से मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर के यहां पैरवी कराकर पातंजलि सहित कई और को कार्य परिषद  का सदस्य बनवाया । जिनके बदौलत उसने ( अनिल के. राय) कार्य परिषद  में अपनी तरफदारी वाला बहुमत बना लिया है ।मालूम हो कि  कार्य परिषद में कुलपति गिरिश्वर मिश्र जो अध्यक्ष हैं और कुलसचिव कादर नवाज खान जो पदेन सचिव हैं को छोड़कर बाकी जो 15 सदस्य (चोरगुरू अनिल के. राय अंकित सहित ) हैं उनमें ज्यादेतर इस तथाकथित  चोरगुरू  अनिल कुमार राय के नकल करके एक दर्जन पुस्तकें,शोध-पत्र  लिखने और उसको अपने बायोडाटा में दिखाकर नौकरी पाने के भ्रष्टाचार की जांच के लिए बनाई गई कमेटी को रद्द कराने के लिए गोल बंद हो गये हैं। कहा जाता है कि कार्यपरिषद की जो अगली बैठक 3 मई 2017 को होने वाली है , उसमें  ये एकजुट होकर उस जांच कमेटी को भंग कराने का हर उपक्रम करने की योजना बनाये हैं। इसतरह एक तथाकथित भ्रष्टाचार आरोपी और नकल करके अंग्रेजी हिन्दी की लगभग एक दर्जन  पुस्तकें लिखकर शिक्षा की सुचिता , शिक्षक की नैतिकता ,आचरण व आदर्श को तार-तार करने, विश्वविद्यालय के नाम  को कलंकित करने  वाले अनिल कुमार राय अंकित को बचाने के लिए कार्य परिषद के ज्यादेतर महानुभाव लोग कार्यपरिषद की पिछली बैठक में भी उपक्रम किये थे । जिसको देखते हुए  कई  लोगों ने आन कैमरा कार्यपरिषद की बैठक कराने और उस रिकार्डिंग की कापी राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , मानव संसाधन विकास मंत्री तथा संघ प्रमुख के पास भेजवाने  और साथ में अनिल राय अंकित के नकलचेपी कारनामों के प्रमाण को भी भेजने की व्यवस्था करने की मांग की है। शिक्षा के मुद्दे से जुड़े कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि  नकल करके बहुत सी  पुस्तकें लिखने के आरोपी प्रो. प्रेमचंद पातंजलि और अनिल कुमार राय को मगांअंहिविवि के कार्यपरिषद से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए । वरना एक तथाकथित चोरगुरू पातंजलि तो दूसरे चोरगुरू अनिल कुमार राय को हर तरह से बचाने की कोशिश करेगा ही।   कहा जाता है कि वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल वि.वि. जौनपुर में लेक्चरर रहते हुए अनिल कुमार राय अंकित ने राज्य में जिस पार्टी की सत्ता आई गिरगिट की तरह रंग बदलकर उस पार्टी की सदस्यता ली थी।और जब वर्धा गया तो अपने सजातीय आका विभूति नारायण  राय  के कुलपति पद से विदा होने के बाद तथा  केन्द्र में भाजपा की सरकार आते ही रंग बदलकर विद्यार्थी परिषद ज्वाइन कर लिया। इसको पहले से जानने वालों का कहना है कि इसका संघ और भाजपा की सुचिता व संस्कार से कोई लेना देना नहीं है, लाभ के लिए कुछ भी कर सकता है।इसीलिए अब यह भी सवाल उठने  लगा है कि क्या भाजपा के पदाधिकारियों को अपने सहयोगी संगठनों में पदाधिकारी बनाने को ऐसे ही भ्रष्टाचार आरोपी मिल रहे हैं। क्या उनको अपने व संघ के आनुषांगिक  संगठनों से कोई चरित्रवान पूर्णकालिक कार्यकर्ता या संघ से दीक्षित व्यक्ति  नहीं मिल रहे हैं।संघ व भाजपा के कुछ बड़े इस मामले में अब विद्यार्थी परिषद के सांगठनिक मंत्री सुनिल आम्बेकर की भूमिका पर भी सवाल खड़े करने लगे हैं। और यह भी कहने लगे हैं कि मगांअंविवि के कुलपति गिरिश्वर मिश्र जो कि पं विद्यानिवास मिश्र ( जिनको अटल बिहारी वाजपेई ने राज्यसभा सांसद बनाया था) के सगे भाई हैं ने अभी तक इन दोनों चोरगुरूओं को कार्य परिषद से निकाला क्यों नहीं , क्यों नहीं अनिल कुमार राय को अभी तक नौकरी से उसी तरह  बर्खास्त किया जिस तरह उसके चोरगुरू साथी डा.दीपक केम (जिसके साथ भी मिलकर अनिल कुमार राय अंकित ने नकल करके एक पुस्तक लिखा है ) को जामिया मिल्लिया इस्लामिया , दिल्ली के पत्रकारिता विभाग के रीडर पद से बर्खास्त किया गया। जिसके विरूद्ध केम दिल्ली उच्च न्यायालय गया था, लेकिन उच्चन्यायालय ने फैसला दिया कि दीपक केम जैसे नकलचेपी(चोरगुरू) अध्यापक को विश्वविद्यालय द्वारा बर्खास्त करने की कार्रवाई उचित और ठीक है। न्यायालय ने यह भी  टिप्पणी किया कि इनको तो और कड़ी सजा दी जाने चाहिए ..।
नोटः चोरगुरू प्रो. अनिल कुमार राय "अंकित" व उसके साथी  चोरगुरूओं  के नकलचेपी कारनामों के बारे में प्रमाण सहित और सामग्री  देखने - पढ़ने के लिए  इस ब्लाग के निम्न शीर्षक वाली खबरों पर भी क्लिक करें -
 
Tuesday, April 25, 2017

PM KE PRAYAS KO PALITA LAGA RAHA CHORGURU ANIL KUMAR RAI ANKIT, SHIKSHA.. KO BHI KAR RAHA KALANKIT

 Tuesday, October 27, 2009

नकलची प्रो. अनिल कुमार राय अंकित का एक और कारनामा

Tuesday, November 3, 2009

नकलची प्रोफेसरो की पुस्तको का सालाना 300 करोड रू.का कारोबार

Thursday, November 5, 2009

कुलपति वी.एन.राय का चहेता नकलची प्रोफेसर अनिल कुमार राय ने शोधपत्र भी नकल करके लिखा

Wednesday, November 11, 2009

Friday, November 13, 2009

Wednesday, November 18, 2009

Saturday, November 21, 2009

पूर्व कुलपति व म.अं.हि.वि.वि. वर्धा में ओ.एस.डी. पातंजलि और पूर्वांचल वि.वि. के डीन रामजी लाल के नकल करके किताबें लिखने के कारनामे CNEB पर

Sunday, November 22, 2009

पूर्वांचल वि.वि.प्रशासन ने नकल करके किताबें लिखने के मामले में डीन रामजी लाल,लेक्चरर एस.के.सिन्हा,लेक्चरर अनिल कुमार राय को दिया नोटिस

Tuesday, November 24, 2009

फंसने से बचने के लिए पुलिसिया कुलपति ने पातंजलि से किया किनारा,इस्तीफा लिया

Thursday, November 26, 2009

क्या कार्रवाई रूकवाने के लिए नकलचेपी गुरू करने लगे तरह-तरह के उपक्रम ?

 

Saturday, November 28, 2009

पूर्वांचल वि.वि. के डीन रामजी लाल के नकल करके किताबें लिखने के कारनामे CNEB पर

Sunday, November 29, 2009

जामिया मिलिया इस्लामिया,दिल्ली में नकलचेपी रीडर दीपक केम के कारनामे

Saturday, December 5, 2009

पूर्वांचल वि.वि. के शिक्षक एस.के.सिन्हा के नकलचेपी कारनामे CNEB पर

Thursday, December 10, 2009
यह खबर 24 अगस्त 09 को स्वदेश इंदौर में बाटम स्टोरी थी।

Saturday, December 12, 2009

पूर्वकुलपति रमेश चन्द्रा के नकलचेपी कारनामे और उस पर पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डा.जोशी की कड़ी टिप्पणी CNEB पर

Saturday, December 19, 2009

क्या पुलिस से कुलपति बने वी.एन. राय मैटर चोर को हेड बना बचा रहे हैं , देखें CNEB पर

Monday, December 21, 2009

जबरचोर सेंध में गावे , क्योंकि पुलिसवाला उसे बचावे

Saturday, December 26, 2009

काशी विद्यापीठ में रीडर अनिल उपाध्याय के नकलचेपी कारनामे "चोर गुरू" के 11वें एपीसोड में CNEB पर

Monday, December 28, 2009

क्या प्रो.राममोहन पाठक की पीएच.डी. व नौकरी जा सकती है ?