Tuesday, April 21, 2015

RSS KE EAK BARE NETA KE KARE RUKH KE BAD SMRITI KO APANE CHAHETE OSD SANJAY KACHROO KO HATANA PARA


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संघ के एक बड़े नेता के कड़े रूख के बाद स्मृति  को अपने चहेते ओएसडी संजय कचरू को हटाना पड़ा
मोदी,शाह,जेतली तो अपनी प्रिय स्मृति को अप्रसन्न करना ही नहीं चाहते
- कृष्णमोहन सिंह
नई दिल्ली। संघ के एक बड़े नेता के कड़े रूख के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति मल्होत्रा जुबिन ईरानी  को अपने अति प्रिय अघोषित  ओएसडी संजय कचरू को शास्त्री भवन में स्थित मंत्रालय के कार्यालय व कमरे में प्रवेश पर रोक लगानी पड़ी। 15अप्रैल से  काम पर आने से  मना करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक संघ के एक बड़े नेता ने 14 मार्च   को  स्मृति से इस बारे में बिना लाग लपेट साफ - साफ  पूछ लिया कि कैसे उसे अपना विशेष कार्यकारी अधिकारी ( ओएसडी - आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी) रखा और इतने प्रमाण व विवाद के बाद भी बनाये हुए हैं।   उसी के दूसरे दिन से मैडम को मजबूरी में यह करना पड़ा। जिसके बाद  फेस सेविंग के लिए खबर चलवाई गई कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने  संजय कचरू को स्मृति ईरानी का ओएसडी बनाने की मंजूरी नहीं दी  , फाइल वापस कर दी। जबकि सूत्रों का कहना है कि नरेन्द्र मोदी अमित शाह,अरूण जेतली तो अपनी प्रिय स्मृति मल्होत्रा जुबिन ईरानी को अप्रसन्न करना ही नहीं चाहते।चर्चा है कि डा. कृष्णगोपाल शर्मा भी स्मृति की मदद कर रहे हैं और खास बन गये हैं।अब देखना है कि ये लोग मैडम स्मृति को और पावरफुल मंत्रालय दिलवाते हैं,उनके चहेते संजय कचरू को ओएसडी पद पर नियुक्ति करा देते हैं या मैडम को किसी छोटे मंत्रालय में भेजने या मंत्री पद से हटाने के लिए मजबूर होते हैं।  

मालूम हो कि स्मृति ने मानव संसाधन विकास मंत्री बनते ही जिस तरह अपने चहेते संजय कचरू को अपना ओएसडी बनाया उसके बारे में निम्न खबर सबसे  पहले   सितम्बर 2014 के अंतिम सप्ताह में  ,उसके बाद अपडेट करके जनवरी 2015 के अंत में कई राज्यों के कई समाचार पत्रों व पत्रिका  में छपी थी। बताया जाता है कि इसी के बाद संघ के बड़े नेताओं ने कड़ा रूख अपनाया।




रिलायंस के लाइजनिंग वाइस प्रेसिडेंट  संजय कचरू बने स्मृति ईरानी के अघोषित ओएसडी
क्या मुकेश अंबानी ने अपने इस लाइजनर को रखवाया है या स्मृति ने अपनी पसंद से रखा है या अमित शाह ने रखवाया है
बड़ा सवाल यह है कि कचरू 2 लाख रू. से अधिक की वेतन वाली नौकरी छोड़ क्यों 60 हजार रू. की नौकरी पर स्मृति के यहां आया है
क्या यह प्रधानमंत्री को मालूम है
- कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति मल्होत्रा जुबिन ईरानी के विशेष कार्यकारी अधिकारी (ओएसडी) के तौर पर ( अघोषित रूप से) रिलायंस के लाइजनिंग वाइस प्रेसिडेंट संजय कचरू काम कर रहे हैं। स्मृति के यहां से सभी फाइल कचरू  को भेजी  जा  रही हैं , वहां से आगे बढ़ाई जा रही हैं। जिसके चलते चर्चा होने लगी है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्मृति ईरानी के बाद सबसे पावरफुल उनके तथाकथित अतिअंतरंग संजय कचरू हैं। और सवाल किया जाने लगा है कि सुंदर चेहरे मोहरे डीलडौल वाले अपने लाइजनर कश्मीरी संजय कचरू को मुकेश अंबानी ने मानव संसाधन मंत्रालय में स्मृति ईरानी के यहां रखवाया है या स्मृति ने अपने पहले के संबंधों के चलते कचरू को अपना अघोषित ओएसडी बना लिया है, या अमित शाह ने रखवाया है।इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पता है या नहीं इसपर भी सवाल किया जाने लगा है। क्योंकि यदि प्रधानमंत्री के यहां से संजय कचरू का नाम स्मृति ईरानी के ओएसडी पद के लिए मंजूर हो गया होता तो कचरू अपने कमरे के बाहर अपने पद वाला नेम प्लेट लगवा लिया होता। यह भी कहा जा रहा है कि स्मृति मल्होत्रा जुबिन ईरानी अक्सरहां मुकेश अंबानी के यहां मुंबई आशिर्वाद लेने जाती रही हैं। सो हो सकता है कि मुकेश अंबानी ने अपने लाइजनर कचरू को उनके यहां रखवाया हो । और मुकेश अंबानी ने रखवाया होगा तो नरेन्द्र मोदी उसके नाम की मंजूरी देंगे ही । वैसे तो यदि स्मृति ने खुद ही कचरू को रखा है तो भी मोदी मना नहीं करेंगे, ऐसा मंत्रालय व बाहर के लोगों का कहना है। लेकिन कचरू को चाहे मुकेश अंबानी रखवाये हैं या खुद स्मृति ईरानी ने अपनी पसंद के कारण रखा है ,या अमित शाह या खुद मोदी ने रखवाया है ,सबसे बड़ा सवाल यह है कि संजय कचरू मुकेश अंबानी की कंपनी में रिलायंस इंडस्ट्रीज में वाइस प्रसिडेंट कारपोरेट(लाइजनिंग) के पद पर जब 2 लाख रूपये से अधिक तनख्वाह पा रहे थे तो उसको छोड़कर 60 हजार रू. महिने के वेतन पर स्मृति ईरानी का ओएसडी क्यों बने ? इसको लेकर तरह तरह की चर्चा शुरू हो गई है।    जहां तक संजय कचरू के काम व अनुभव का सवाल है तो वह बहुत पहले  मुकेश अंबानी वाली रिलायंस इन्फोकाम में लाइजनिंग विभाग में लगभग 4 लाख रू. सालाना तनख्वाह पर थे। वहां से उद्योगपति  रूईया के यहां लाइजनिंग विभाग ( कारपोरेट) में निदेशक के पद पर चले गये । लगभग 12 माह पहले वापस मुकेश अंबानी की कम्पनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में लाइजनर वाइस प्रेसिडेंट के पद पर लगभग 25 लाख रू. से अधिक की सालाना सेलरी पर आ गये। लेकिन जब स्मृति जुबिन ईरानी ने मंत्री पद का शपथ ग्रहण किया और मानव संसाधन विकास मंत्री बनीं ,उसके बाद संजय कचरू ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के वाइस प्रेसिडेंट ,कारपोरेट के पद से इस्तीफा दे दिया।इस्तीफा मंजूर हुआ या नहीं ,या वहां से तीन माह के नोटिस पीरियड में ही ईरानी का काम संभाल लिये,वहां से महिने का 2 लाख रू. से अधिक वाला वेतन ले रहे हैं या मानव संसाधन विकास मंत्रालय से ओएसडी पद जो  निदेशक रैंक का है, लगभग 60 हजार रू. महिना वाला वेतन ले रहे हैं, इसके बारे में कोई साफ जवाब नहीं दे रहा है।स्मृति के विश्वासपात्रों में से कुछ का कहना है कि संजय कचरू मंत्री जी के बहुत  घनिष्ट व अंतरंग हैं। कई नेताओं का भी कहना है कि मंत्री ने उनसे जो भी काम हो संजय कचरू से ही बात करने को कही हैं। वह ( कचरू) शास्त्री भवन के मानवसंसाधन विकास मंत्रालय वाले विंग में तीसरे मंजिल पर  मंत्री के कमरे के नजदीक  कमरा नम्बर 314 में बैठते हैं। और मंत्रालय में मंत्री के बाद धमक व हनक उनकी ही है।जिसके चलते लोग कहने लगे हैं कि मंत्रालय तो संजय कचरू ही चला रहे हैं । सचिव  सत्य नारायण मोहन्ती और दो संयुक्त सचिव सुखबीर सिंह सन्धू व शशि राकेश गोयल तो उनके द्वारा जो कहा जाता है करते हैं।और जहां तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषित पारदर्शिता का सवाल है तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वेफ साइट पर स्मृति ईरानी के स्टाफ की सूची में केवल एक नाम सुश्री बिनिता ठाकुर का है। वह पीएस टू एचआरएम यानी मंत्री स्मृति की निजी सचिव हैं। अन्य किसी का नाम व पद नहीं लिखा है।यह सूची व मंत्रालय की साइट अपडेट , 28 जनवरी 2015 को शाम 6 बजकर 24 मिनट की है।ऐसे में संजय कचरू किस पद पर और किस हैसियत से इतने बड़े कमरे में स्मृति मल्होत्रा जुबिन ईरानी के अतिप्रिय व विश्वासी बनकर काम व तथाकथित डील आदि कर रहे  हैं, आम जनता व संघ के लोगों के लिए रहस्य – रोमांच का विषय बन गया है।

*यह खबर कई राज्यों के कई समाचार पत्रों में 20 व 21अप्रैल 2015 को , किसी में अखबार मालिक,सम्पादक,कापी सम्पादक के पार्टी प्रतिबद्धता,विचार व वाद के हिसाब से कुछ काट -छांट कर और किसी में पूरी छपी है।
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