Wednesday, December 29, 2010

क्या भारत के मुख्यन्यायाधीश रहते के.जी.बालकृष्णन ने चढ़ावा लेकर पार्टी को लाभ पहुंचाया, पीएमओ की मलयाली लाबी इनसे काम कराती रही ?

Radia nexus: KG Balakrishnan in more trouble
indian express (south india edition),express buzz
By Ajay Kanth 29 Dec 2010 01:53:15 AM IST

KOCHI: More trouble is brewing for former CJI K G Balakrishnan as the alleged links of his family members with the now infamous corporate lobbyist Niira Radia are being revealed.
The controversial corporate connections are mentioned in the complaint filed by Delhi-based journalist Dr M Furquan before the Vice- President’s office on May 4, 2010. The complaint said that Balakrishnan’s son Pradeep had mediated with Dubaibased NRI businessman Yusuf Ali for settling the legal battle between Mukesh Ambani-owned Reliance Industries Limited (RIL) and Anil Ambani-owned Reliance Natural Resources Ltd (RNRL) over Krishna Godavari (KG) basin gas supply.Furquan contended that “Pradeep, who is a practising advocate in the Supreme Court, visited Dubai seven times for mediating with the NRI businessman in connection with the disputed”.The three-and-a-half-year battle between the Ambani brothers ended when the Supreme Court on May 7, 2010 delivered a verdict favouring the stand taken by the RIL.This verdict was what Niira Radia was referring to in her conversations, including that with Vir Singhvi.The complaint also pointed out the alleged role played by the former CJI in granting relief to CPM leader Pinarayi Vijayan in the sensational SNC-Lavalin case.“Justice K G Balakrishnan has fast-tracked the SNCLavalin case due to pressure exerted on him by his family members, who are very friendly with Pinarayi Vijayan,” the complaint said.It said, “the PM’s Principal Secretary T K A Nair, who is also Chairman of the Kerala State Industrial Development Corporation, and Christy Fernandes, who is the secretary to the President, have jointly met up with the Chief Justice for influencing him in favour of Pinarayi Vijayan with whom both of them are very friendly.” Furquan also contended that “mining tycoon Janardhana Reddy has met the CJI’s son-in-law P V Sreenijin in Kochi seeking his help in getting the CJI go soft on cases in which the Reddy brothers are embroiled.’’
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Monday, December 27, 2010

चोरगुरूओं पर कार्रवाई करो,9 सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

सुप्रीम कोर्ट के सुप्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने भी लिखा पत्र
-कृष्णमोहन सिंह
नई दिल्ली।देशी-विदेशी पुस्तकों,शोधपत्रों से सामग्री ( आल राइट रिजर्व सामग्री ) हूबहू उतारकर पी.एच-डी,डि.लिट की डिग्री लेने वाले,अपने नाम पुस्तकें छपवाने वाले चोरगगुरू लेक्चररों,रीडरो,प्रोफेसरों,इन नकलचेपी पुस्तकों के प्रकाशकों,पब्लिशरों व ऐसी पुस्तकों को वि.वि. ,महाविद्यालयों की लाइब्रेरियों में खरीदवानेवाले अध्यापकों को संरक्षण देनेवाले कुलपतियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए 9 सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
पत्र में राजेन्द्र सिंह ,भरूट, पूनम वी., कांजी भाई आदि 9 सांसदों ने लिखा है कि ऐसे लेक्चरर,रीडर ,प्रोफेसर जो खुद नकल करके , इंटरनेट से रिस्ट्रिक्टेड सामग्री कटपेस्ट करके पुस्तकें बना अपने नाम से छपवाये हैं, नकल करके पी.एच-डी,डी.लिट किये ,शोध -पत्र लिखे हैं, छात्रों को ऐसे चोरगुरू क्या शिक्षा देंगे और छात्र उनसे क्या सिखेंगे।उनके इस तरह के कर्म से शिक्षा जगत कलंकित हो रहा है। चोरगुरूओं,प्रकाशकों,सप्लायरों,कुलपतियों ,यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय के आला अफसरों की मिलिभगत से इस तरह नकलकरके लिखी लगभग 500 करोड़ रूपये की पुस्तकें हर साल विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में खरीदी जा रही हैं।
इसके बारे में एक हिन्दी टीवी चैनल पर “चोरगुरू” नाम से 1 नवम्बर 2009 से जनवरी 2010 के बीच 14 कड़ी का कार्यक्रम भी दिखाया गया। जिसके पहले एपीसोड में नकल करके एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखने वाले महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय,वर्धा के पत्रकारिता विभाग के हेड डा.अनिल के. राय अंकित और उसको संरक्षण देने,बचाने में लगे विश्वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय के बारे में दिखाया गया था। इस कार्यक्रम के अन्य कड़ी में वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर के प्रो.रामजी लाल, डा.एस.के.सिन्हा.पूर्वकुलपति पीसी पतंजलि,महात्मागांधी काशी विद्यापीठ ,वाराणसी के प्रो.राममोहन पाठक,डा.अनिल कुमार उपाध्याय, बुंदेलखंड वि.वि.झांसी के डा.डी.एस.श्रीवास्तव,डा.सरिता कुमारी (इस समय जामिया मिलिया में रीडर हैं), बुंदेलखंड वि.वि. के पूर्व कुलपति प्रो.रमेश चन्द्रा, जामिया मिलिया इस्लामिया के डा.दीपक केम के नकलचेपी कारनामे सप्रमाण दिखाये गये थे।इस कार्यक्रम में इग्नू के स्टडी मैयेरियल्स को बहुत से अध्यापको,शोधार्थियों द्वारा हूबहू उतारकर (कट-पेस्ट) करके अपने नाम पुस्तकें छपवाने और ऐसी पुस्तकों को छापने व विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों की लाइब्रेरियों में चोरगुरूओं,उनके संरक्षक व पुष्पम-पत्रम लोभी कुलपतियों के सक्रिय सहयोग से सप्लाई करने वाले दरियागंज,नईदिल्ली के श्री पब्लिशर्स,ज्ञान बुक प्राइवेट लि.,अनमोल पब्लिकेशन्स प्राइवेट लि. आदि के कारनामे भी दिखाये गये गये थे।
सांसदों ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि –
1-चोरगुरू कार्यक्रम में नकल करके पुस्तकें लिखने के इतने बड़े घोटाले का जो भंडाफोड़ हुआ है उसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित किया जाय और बिना देरी किये चोरगुरूओं,उनकी नकलचेपी पुस्तकें छापने,सप्लाई करने वालों को सजा दिया जाय।
2- उन कुलपतियों और संस्थान प्रमुखों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाय जो चोरगुरूओं को बचा रहे हैं।
3- शिक्षा जगत में चल रहे और लगातार बढ़ रहे इस बड़े घोटाले को रोकने, चोरगुरूओं,पब्लिशरों,सप्लायरों,कुलपतियों आदि के इस रैकेट को नेस्तनाबूद कर उनको सजा देने के लिए एक कारगर स्थाई तंत्र बनाया जाय।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसी तरह का एक पत्र सर्वोच्च न्यायालय के प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण ने भी लिखा है।इस पत्र पर बुजुर्ग पत्रकार कुलदीप नायर का भी हस्ताक्षर है। यह पत्र पहले मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के यहां दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक वहां से जब इस पत्र के बारे में पता चला तो अपने चहेते सजातीय चोरगुरू अनिल के.राय अंकित को बचा रहे “छिनाली” फेम वाले पुलिस कुलपति विभूति नारायण राय ने अपना पुराना साम-दाम वाला हथकंडा अपनाकर कुलदीप नायर को वर्धा , वि.वि. में एक कार्यक्रम में ले जाने का उपक्रम किया है। यह करके चालबाज छिनाली पुलिसिया कुलपति ने क्या दिखाने की कोशिश किया है यह तो अब बुजुर्ग कुलदीप नायर ही बतायेंगे।सूत्रो के मुताबिक कुछ लोगो ने इसबारे में कुलदीप नायर से पूछा - आप उस भ्रष्टाचार आरोपी दोहरे चरित्र वाले “छिनाली” पुलिसिया कुलपति विभूतिनारायण का मंच सुषोभित करने जा रहे हैं जो महिला लेखिकाओं को छिनाल कहता ,लिखता है, जो सजातीय चोरगुरू अनिल के.राय अंकित को लाकर वि.वि.में पत्रकारिता विभाग का हेड बनाया है,उसके खिलाफ जांच नहीं करा रहा है, और उसको बचाने का हर उपक्रम कर रहा है,दलित छात्रों को गाली दे रहा है,प्रताड़ित कर रहा है,वि.वि.में पुलिसिया तांडव कर रहा है ? इस पर बुजुर्ग कुलदीप नायर का मासूम जबाब था - वो ये वही आदमी है..., बहुत गंदाआदमी है...., लेकिन मैंने तो उसके यहां जाने के लिए कह दिया है..।

Saturday, December 18, 2010

क्या उपेन्द्र राय (पत्रकार) का परिजन वकील प्रदीप राय ने जज विजेन्द्र जैन को 9 करोड़ घूस दिया?

outlook पत्रिका के 27 दिसम्बर वाले अंक में और नये खुलासे

radiagate-II
‘This Litigant Told Me He Paid Vijender Jain 9 Cr’
Sunil Arora Former Chairman of Air India, June 20, 2009
Here, lobbyist Niira Radia is chatting with Sunil Arora, former chairman of Air India and a serving bureaucrat. They are discussing corruption in the judiciary. Arora is telling her how judgements were fixed in the sealing cases in New Delhi when commercial areas and establishments in residential areas were sealed on the orders of erstwhile Supreme Court Chief Justice Y.K. Sabharwal. Arora informs Radia that a Delhi High Court judge, Justice Vijender Jain, was paid off Rs 9 crore in a sealing case by a middleman. The favourable judgement was written one month before it was delivered; the middleman was even given an advance copy. Justice Jain is referred to as Justice Sabharwal’s man.Sunil Arora: Haan, ab to higher judiciary mein corruption bahut ho gayi na...
Niira Radia: Haan?
SA: Higher judiciary mein corruption bahut ho gayi na...
NR: Bahut zyaada, it’s like crazy situation...
SA: In the sealing cases, one chap had told me that he’ll get this judgement after one month.
NR: Haan.
SA: And he told me how much he had paid to whom.
NR: My god!
SA: I said, yaar, tum mazaak kar rahe ho. He said main aapko bata raha hoon ye judgement hai, and he broadly outlined the judgement...ki, this is to be pronounced after one month. To aap dekh lena, main khud hi copy le aaoonga uski...tab next time jab ho jayegi, woh le aaya copy.... He showed me, that order. He had paid 9 cr...as he claimed, at the residence.
NR: Kaun tha yeh?
SA: I mean this litigant had paid Rs 9 crore to that high court judge in Delhi.
NR: Good god!
SA: This is what he claimed...ki that I paid, at his home.
NR: Kaun sa judgement tha?
SA: Koi tha land deal, real estate ka.
NR: Pathetic ha? Yeh hai na, yeh Upendra Rai (a journalist) ka brother-in-law, jo bhi hai uska...cousin brother—Pradip Rai—yehi to kaam karta hai.
SA: And this gentleman ultimately became chief justice!
NR: My god!
SA: Jisne judgement diya tha...he became CJ (chief justice), abhi retire hua tha, Vijender Jain, naam bhi bataa deta hoon.
NR: Haan, I know.
SA: Jo Sabharwal (CJI Y.K. Sabharwal) ka khaas aadmi tha.
NR: Haan uske upar to problem hua tha na beech mein?
SA: Nahin par woh (Vijender Jain) to ban gaya CJ (of Punjab and Haryana High Court), ab to CJ ban ke retire bhi ho gaya hai. Kya farak pada...

Monday, December 13, 2010

क्या चिदम्बरम ने सुनील मित्तल , अनिल अंबानी के कारण नीरा का फोन टेप कराया ?

-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। 2-जी स्पेक्ट्रम महाघोटाले का जाल अब कांग्रेस के गले के चारो तरफ भी लिपटने लगा है । सो परेशान कांग्रेसी अब यह पता लगाने लगे हैं कि क्या तत्कालीन वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम ने सुनील मित्तल के किये या किसी से कराये शिकायत को आधार बनाकर नीरा राडिया की फोन टेपिंग के आदेश दिलवाये।कहा जाता है कि पी.चिदम्बरम की भारती एअरटेल कम्पनी के विवादास्पद मालिक सुनील मित्तल से बहुत घनिष्टता है। चिदम्बरम के बारे में यह भी चर्चा है कि वह सुनील मित्तल आदि की जीएसएम कम्पनियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में मोटी फीस पर वकील भी रहे हैं। जब टाटा ने अपनी कम्पनियों के खिलाफ की जा रही लाबिंग की काट के लिए लाबिस्ट नीरा राडिया व उसकी कम्पनी वैष्णवी को लगभग 60 + 20 करोड़ रूपये सालाना का ठेका दिया और नीरा राडिया ने अपने क्लाइंट रतन टाटा के लिए हर स्तर पर जोरदार लाबिंग शुरू की तो सुनील मित्तल की कम्पनी को परेशानी होने लगी। कहा जाता है कि उसी के बाद नीरा राडिया के खिलाफ वित्त मंत्रालय में लिखित शिकायत पहुंचती है । सोनिया गांधी की यूपीए -2 की मनमोहनी सरकार ने नीरा राडिया फोन टेपिंग मामले में रतन टाटा की यचिका पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय में 10 दिसम्बर 2010 को जो हलफाना दिया है उसके मुताबिक-
“नीरा राडिया के फोन टेप करने के आदेश इनकम टैक्स के डायरेक्टरेट जनरल ने दिया था। यह आदेश 16 नवंबर 2007 को वित्त मंत्रालय को मिली उस शिकायत के बाद दिया गया जिसमें आरोप लगाया गया था कि नीरा राडिया ने नौ साल की छोटी सी अवधि में 300 करोड़ रुपए का साम्राज्य खड़ा कर लिया। शिकायत में यह भी कहा गया था कि नीरा राडिया विदेशी खुफिया एजेंसियों की एजेंट हैं और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं।“

मालूम हो कि 2007 तक मुकेश अंबानी ने अपनी कम्पनियों की लाबिंग का ठेका भी लगभग 60 करोड़ रूपये सालाना पर नीरा राडिया व उसकी कम्पनी वैष्णवी को दे दिया था। तब कम्पनियों के बंटवारे के घमासान के बाद अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी के बीच गैस के बंटवारे को लेकर घमासान छिड़ा हुआ था। सो चर्चा है कि है कि नीरा राडिया इसके चलते अनिल अंबानी और उनके लाबिस्ट टोनी जसुदासन की आंखो की भी किरकिरी बन गई । कहा जाता है कि इधर से भी नीरा राडिया के खिलाफ शिकायत कराई गई होगी।
लेकिन शिकायत चाहे जिनने किया हो , उस शिकायत को आधार बनाकर नीरा राडिया का फोन टेपिंग तो पी.चिदम्बरम के वित्त मंत्री रहते ही हुआ। सोनिया गांधी की यूपीए-1 की मनमोहनी सरकार में 22 मई 2009 तक पी.चिदम्बरम वित्त मंत्री थे। 23 मई 2009 से प्रणव मुखर्जी वित्त मंत्री हैं। 23 मई 2009 को पी.चिदम्बरम को वित्त मंत्री पद से हटाकर गृह मंत्री बनाया गया। खुफिया एजेंसी आई.बी. इसी गृह मंत्रालय के अधीन है। कहा जाता है कि पी.चिदम्बरम ने गृह मंत्री बनने के बाद नीरा राडिया फोन टेपिंग मामले में आई.बी. को सक्रिय कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में सोनिया की मनमोहनी सरकार ने जो हलफनामा दिया है उसमें नीरा राडिया का फोन टेप कराने की जो दलील दी है उसका तिथिवार फाइल व फोन टेपिंग आदेश ,आई.बी. को आदेश आदि का व्यौरा देखने पर काफी कुछ स्पष्ट हो जाता है कि किस मंत्री की अति सक्रियता के कारण नीरा राडिया का फोन टेप हुआ है।
अब मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि शिकायत मिली थी कि नीरा राडिया विदेशी खुफिया एजेंसियों की एजेंट हैं और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। उनके फोन टेपिंग में बातचीत काफी कुछ सेंसिटिव होने का पता चलने पर इसकी आगे की जांच व फोन टेपिंग के लिए आई.बी. को भी आदेश दे दिया गया। तब से आई.बी. यह साबित करने का साक्ष्य जुटाने में लगी है कि नीरा राडिया भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं।
अब सवाल यह होने लगा है कि जब नीरा राडिया पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने , विदेशी खुफिया एजेंसियों का एजेंट होने का आरोप लगाकर जांच हो रही है ,पूछताछ हो रही है तो क्या उनको सालाना लगभग 200 करोड़ रूपये का लाबिंग या जनसम्पर्क का ठेका देने वाले रतन टाटा,मुकेश अंबानी , देवेश्वर , विजय मल्या से भी विदेशी खुफिया एजेंसियों की एजेंट (आरोपी नीरा राडिया) से घनिष्ठता,बात करने , ठेका देने के चलते पूछताछ , गिरफ्तारी होगी, इनपर देशद्रोही से संबंध रखने-मदद करने उसकी कम्पनियों के साथ अरबों का धंधा करने के चलते देशद्रोह का मुकमा चलेगा ? सोनिया मोइनो गांधी की मनमोहनी सरकार में यह हिम्मत है ? कांग्रसी ही कहने लगे हैं कि यह हुआ तो सरकार ही गिर जायेगी।

Sunday, December 12, 2010

ए.राजा की डायरी में 17 पत्रकारों के नाम ?

नीरा राडिया के चहेते पत्रकारों की हालत पतली
गणपति की इटी नाऊ से विदाई
-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। सूत्रों का कहा यदि सच है तो पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा की डायरी में 17 पत्रकारों के नाम दर्ज हैं। सीबीआई ने ए. राजा के आवास पर मारे छापे में जो कागजात कब्जे में की है उसमें राजा की कुछ डायरी भी हैं। सूत्रो का कहना है कि उन डायरी में विभिन्न दलों के बहुत से नेताओं , कुछ दलाल लाबिस्टों और 17 पत्रकारों के नाम दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार उनमें कई के नाम के आगे अंकों में आंकड़ा लिखा है। जिसे घूस के तौर पर मोटी रकम के रूप में दिये जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। सीबीआई जब ए.राजा से पूछताछ करेगी और यदि राजा ने इन तमाम महानुभावों को अपने तथाकथित किये महाघोटाले में से थोड़ी-थोड़ी चासनी चटाने की बात स्वीकार कर ली तब तो सब फंसेंगे। इस संभावना के चलते दिल्ली,मुंबई,चेन्नई के उन तमाम सुनामधन्य पुरूष व महिला पत्रकारों की धड़कन बढ़ गई है जो ए. राजा और दलाल लाबिस्ट नीरा राडिया के चहेते रहे हैं। कहा जाता है कि इनमें ज्यादेतर अंग्रेजी वाले हैं। उन नेताओं की भी दिल की धड़कन बढ़ गई है जिनकी ए. राजा से घनिष्ठता रही है। 2007 के बाद , ए. राजा और नीरा के प्यारे-प्यारी पत्रकारों में से किनके अपने या परिजनों के नाम से देश-विदेश में मंहगे फ्लैट या प्लाट या कम्पनियों के शेयर हुए है या उनके बेटे-बेटी के देश-विदेश में पढ़ाई का पूरा मोटा खर्च कहीं से गया है इसकी तहकीकात शुरू हो गई है।चर्चा है कि इसके लपेटे में कई तथाकथित बड़े पुरूष व महिला पत्रकार के नाम आ रहे हैं। एक तथाकथित बड़े पत्रकार द्वारा अपने बेटे के मार्फत बड़े स्तर पर दलाली कराने की भी तहकीकात हो रही है।
सूत्रों का कहना है कि एक पार्टी के मालिक-मालकिन, बच्चों की लाइजनिंग पत्रकारिता करते -करते सांसद और एक हिन्दी टीवी चैनल का मालिक बन गये व्यक्ति का नाम भी ए. राजा की डायरी में है। कहा जाता है कि इस सत्ताधारी दलाल नेता को इसकी भनक लग गई है , सो इसने ऊपर से दबाव डलवाना शुरू कर दिया है।
इधर लाबिस्ट नीरा राडिया के टेप में जिन-जिन पत्रकारों का नाम उजागर हुआ है उनमें से कई की हालत पतली हो गई है। कहा जाता है कि नीरा राडिया से घनिष्ठता के चलते पत्रकार गणपति ( गनु) को टाइम्स ग्रुप ने विदा कर दिया। गणपति इकोनामिक टाइम्स के बाद इटीनाऊ में इकोनामिक एडीटर के पद पर थे। टाइम्स नाऊ की पालिटिकल एडीटर नविका कुमार पर भी मालिकानों की भृकुटि तनी हुई है।इधर एनडीटीवी में बरखादत्त से प्रणव राय व राधिका राय के उखड़े होने की चर्चा है। लेकिन विवेक गोयनका वाले इंडियन एक्सप्रेस समूह का सबकुछ देख रहे शेखर गुप्ता तो फाइनांसियल एक्सप्रेस के मैनेजिंग एडीटर एम.के.वेणु (लाबिस्ट नीरा राडिया के ये भी घनिष्ट हैं) को पूरी तरह बचाने में लगे हैं।