Wednesday, March 13, 2013

Pro.RAM MOHAN PATHAK ( bhrastachari guru)NE JANCH SE BACHANE KE LIYE SANSAD HARSHVARDHAN KE YAHAN FIR SIFARISH KARAYA

sattachakra.blogspot.com
date 13-03-13
kadachari guru ram mohan pathak
आज अखबार समूह में  पूर्ण कालिक  नौकरी करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU),वाराणसी से अवैध रूप से पूर्णकालिक  बी.जे.,एम.ए. ( हिन्दी),पी-एच.डी.( हिन्दी) और एम.जे.करने वाले राम मोहन पाठक( RAM MOHAN PATHAK) पर नकल करके पी-एच.डी. थीसिस लिखने का भी प्रमाण सहित आरोप लगा है।इन पर महात्मा गांधी  काशी विद्यापीठ ,वाराणसी का पुस्तकालय प्रभारी रहते किताबों के खरीद में घोटाला करने का भी आरोप है।शैक्षणिक कदाचार और भ्रष्टाचार के और भी आरोप हैं। राज्यपाल ने कई माह पहले इसकी बिन्दुवार  जांच के लिए काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो.पी.नाग को लिखा है। चर्चा है कि  प्रो.पी.नाग( pro. p.nag) अपने चहेते शैक्षणिक कदाचारी,भ्रष्टाचारी गुरू प्रो.राम मोहन पाठक  को बचाने का हरतरह से कोशिश कर रहे हैं। वह पाठक को  इस मामले की लीपा-पोती कराने का बहुत ज्यादा अवसर दे रहे हैं। प्रो.नाग की पूरी कोशिश प्रो. राम मोहन पाठक को आराम से 31 मार्च 2013 को रिटायर करके फिर से नियुक्ति पत्र देने की है।  प्रो. नाग द्वारा भ्रष्टाचार आरोपी प्रो. राम मोहन पाठक के विरूद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने और मामले की लीपा-पोती,रफा-दफा कराने का भरपूर अवसर दिये जाने के कारण ही प्रो.राम मोहन पाठक कभी सांसद राजेन्द्रसिंह राणा को खुद फोन करके  अपने विरूद्ध कोई मामला नहीं होने का एक पत्र राज्यपाल को लिखने का आग्रह कर रहे हैं और कभी अपने बड़े बेटे अमितांशु पाठक को उनसे मिलने,गुजारिश करने के लिए भेज रहे हैं।सांसद हर्षवर्धन के  यहां अपने  परिचित गोरखपुर दैनिक जागरण में काम करने वाले किसी  तिवारी से  फोन करवा रहे हैं। सांसद हर्षवर्धन ने 12 मार्च 2013 की शाम 6.30 बजे के लगभग अपने दिल्ली वाले आवास विंडसर प्लेस के बंगले के बैठका में बताया कि राममोहन पाठक ने फिर एक आदमी से फोन करवाया था।वह कह रहा था कि आपने राममोहन पाठक के विरूद्ध जांच के लिए लिखा है।यदि राज्यपाल को लिख देते कि ऐसा कोई मामला नहीं है  तो वह ( राम मोहन पाठक ) बच जाते।
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Pro.RAMMOHAN PATHAK KADACHARI GURU JANCH SE BACHANE KE LIYE SANSAD RAJENDRA RANA KO KAR RAHE PHONE, APANE BETE AMITANSHU KO BHEJE

Pro.RAMMOHAN PATHK CHORGURU JANCH SE BACHANE KE LIYE SANSAD HARSHVARDHAN KE YAHAN LAGA RAHE JUGAR,KAR RAHE YACHANA

 तथाकथित चोरगुरू राममोहन पाठक के रिश्तेदार ने सांसद हर्षवर्धन से क्या कहा

दिग्विजय बनवायेंगे चोरगुरू राममोहन को कुलपति ?

तथाकथितचोरगुरू राममोहन पाठक को मा.प.वि.वि. महापरिषद सदस्य बनाने की तैयारी 

का गुरू ,का राममोहन पाठक चोरगुरू हैं ? देखें CNEB पर 

तथाकथित चोरगुरूद्वय अनिल कुमार उपाध्याय व राममोहन पाठक का यूजीसी व मंत्रालय में जुगाड़ लगाना सफल नहीं हुआ 

प्रो. राम मोहन पाठक पर मूर्तिचोरी का आरोप?

जुगाड़ कला के बदौलत कुलपति बनने की कोशिश
कुलपति जी,भाग रहे प्रो.राम मोहन से बात करने को कहे...

जांच के भय से तथाकथित चोरगुरू राममोहन पाठक की नई चाल,

Sunday, March 10, 2013

Pro.RAMMOHAN PATHAK KADACHARI GURU JANCH SE BACHANE KE LIYE SANSAD RAJENDRA RANA KO KAR RAHE PHONE, APANE BETE AMITANSHU KO BHEJE

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rammohan pathak,
kadachariguru
v.c. p.nath
शैक्षणिक कदाचार / भ्रष्टाचार / नकलकरके पीएचडी थीसिस लिखने के आरोपी प्रो.राममोहन पाठक ( MAHATMA GANDHI KASHI VIDYA PEETH, VARANASI) ने जांच से बचने के लिए सांसद राजेन्द्र सिंह राणा को दिसम्बर2012 से लेकर फरवरी 2013 तक दो बार फोन किया। चर्चा है कि तरह-तरह की भूमिका बनाने और अपना संबंध भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से लगायत अन्य पार्टी के बड़ों-बड़ों से होने की लम्बी-लम्बी हांकने के बाद वह अपनी औकात पर आये और गिड़गिड़ाये कि आप एक पत्र उ.प्र. के राज्यपाल को लिख देते कि राममोहन पाठक के विरूद्ध भ्रष्टाचार , घोटाला का (फुल टाइम नौकरी करते हुए BHU से फुल टाइम पीएचडी करने , नकल करके पीएचडी की थीसिस लिखने, फुल टाइम नौकरी करते हुए BHU से फुल टाइम अन्य कई डिग्री लेने ,  पुस्तकालय प्रभारी रहते पुस्तक खरीद में घोटाला करने आदि आरोप)  कोई मामला नहीं है।सबमें क्लीनचिट मिल गया है। बताया जाता है कि सांसद राणा ने कह दिया कि आपको जो कुछ कहना हो जहां जांच हो रही हो वहां कहिये, वहां लिखकर दीजिए। उसके बाद राममोहन पाठक ने औरभी कई उपक्रम किये। फिर भी काम नहीं बना तो  अपने बड़े बेटे अमितांशु पाठक को सांसद राणा के साऊथ एवेन्यू,नईदिल्ली वाले आवास पर 06 मार्च2013 को शाम को भेजा। अपने को नईदुनिया का संवादाता होने का परिचय बताकर उनसे मिले।उनसे आग्रह किया कि राममोहन पाठक उसके पिता हैं और  रिटायर होने वाले हैं। आप राज्यपाल को दो लाइन का एक पत्र लिख देते कि राममोहन पाठक पर भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं है। इसके बाद क्या हुआ इसका विस्तृत विवरण पता चलते ही दिया जायेगा। लेकिन इससे यह तो साबित हो रहा है कि महात्मागांधी काशी विद्यापीठ ,वाराणसी के  कुलपति प्रो.पी.नाथ अपने चहेते भ्रष्टाचार आरोपी राममोहन पाठक को मामले की लीपा-पोती कराने,अपने पद का दुरूपयोग करके अपने विरूद्ध  हर मामले को दबाने का उपक्रम करने का हर तरह से मौका दे रहे हैं।

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Saturday, March 9, 2013

RASTRAPATI DADA KYA BHRASTACHAR AAROPI PRO ASALAM KO IGNOU KA KULAPATI BANAYENGE



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 प्रणव दा क्या भ्रष्टाचार आरोपी असलम को इग्नू के कुलपति पद पर नियुक्ति की मंजूरी देंगे

-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। राजशेखरन पिल्लई पर तो इंदिरागांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय (इग्नू) के कुलपति पद पर रहने के दौरान तरह-तरह के भ्रष्टाचार,शैक्षणिक कदाचार ,घोटाले करने के मामले में सीबीआई जांच चल रही है। उनके विदा होने के बाद इग्नू के कार्यकारी कुलपति रहे और अब कभी भी पूर्णकालीक कुलपति नियुक्त कर दिये जाने वाले प्रो.असलम  के विरूद्ध भी कई घोटालों के मामले में दिल्ली के नेब सराय थाने में एफआईआर दर्ज हो गई है। इग्नू के ही प्लानिंग एंड डवलपमेंट डिविजन के डिप्टी डायरेक्टर आर.सुदर्शन ने यह एफआईआर दर्ज कराई है।जिसमें है कि प्रो. असलम ने इग्नू का कार्यकारी कुलपति रहने के दौरान कई घोटाले किये हैं( जिसमें कुछ के बारे में नाम सहित बताया गया है) , उनको कार्यकारी कुलपति का कार्यभार दिया जाना इग्नू के स्टेट्यूट के विरूद्ध था और यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रहा है। 
 कहा जाता है कि प्रो. असलम के विरूद्ध मामला दिल्ली उच्चन्यायालय में चलने और उनपर घोटालों के आरोप के बावजूद इग्नू के कुलपति पद के लिए सुयोग्य उम्मीदवार तलाशने के लिए बनाई गई दूसरी स्क्रीनिंक कमेटी ने बहुत तथाकथित मेहनत व ईमानदारी से देश भर के विद्वान,ईमानदार,योग्य व्यक्तियों को तलाशा तो उसमें से उनको केवल तीन नाम सबसे उत्तम मिले। ये तीन नाम थे- प्रो. ढांडे,दीपांकर और प्रो.असलम।कहा जाता है कि इसमें प्रो. ढांडे को मानवसंसाधन विकास मंत्रालय में तैनात उ.प्र. कैडर के एक आईएएस अफसर के अलावा कानपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद व केन्द्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का , दीपांकर को वामपंथियों का और प्रो. असलम को केन्द्रीय मंत्री गुलामनबी आजाद का वरदहस्त प्राप्त है।बताया जाता है कि  इन तीन नामों को देखने के बाद जब मानवसंसाधन विकास मंत्रालय के कुछ ईमानदार अफसरों ने  मंत्री पल्लम राजू को सुझाव दिया कि सर,इस कमेटी को रिजेक्ट करके एक नई कमेटी बना दीजिए।क्यों इसने जो नाम दिया है उसमें से कोई भी इग्नू जैसी संस्था का कुलपति बनने के लायक नहीं है। ढांडे के निदेशक रहते  आईआईटी कानपुर में सबसे अधिक छात्रों ने आत्महत्या किया है। यह रिकार्ड पूरे भारत के आआईटी में सबसे अधिक है। उनपर और भी तरहके भ्रष्टाचार के आरोप हैं।इसी तरह प्रो.असलम के विरूद्ध भी भ्रष्टाचार आदि के आरोप हैं। चर्चा है कि मंत्री पल्लम राजू ने अपने ईमानदार अफसरों की बात नहीं मानकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद और एक-दो अन्य  चर्चित मुस्लिम नेताओं को खुश करने के लिए  केवल प्रो. असलम का नाम इग्नू के कुलपति पद के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के यहां भेजवा दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही  प्रो.असलम इग्नू के कुलपति हो जायेंगे। प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने और राष्ट्रपति भवन में देशभर के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों , केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के पूरे अमले को बुलाकर , बैठक कराकर , शिक्षा के सुधार को गति देने ,इसमें फैले भ्रष्ट्राचार को मिटाने,शिक्षा माफिया की तरह काम कर रहे कुछ प्रोफेसरों, पदाधिकारियों आदि के रैकेट को तोड़ने की बात कही उससे ईमानदार छात्रों, शिक्षकों व जनता को उम्मीद जगी है। देखिये अब प्रणव दा , भ्रष्टाचार आरोपी प्रो.असलम को इग्नू का कुलपति बनाते हैं या  पुनर्विचार का रिमार्क लगाकर फाइल मानवसंसाधन विकास मंत्रालय को लौटा देते हैं। वाजपेई सरकार के समय बीएचयू का कुलपति नियुक्त करने के मामले में ऐसा हो चुका है। राष्ट्रपति ने फाइल लौटा दिया तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पहले जो नाम भेजा था उसे हटा दिया ,नई कमेटी बनाई ,उसने जो नये नाम सुझाये उसमें से नाम राष्ट्रपति को भेजा गया।

Pro. ASALAM,former acting V-C of IGNOU booked