Friday, August 27, 2010

राष्ट्रपति को महिलाओं ने दिया वी.एन.राय के काले कारनामों के दस्तावेज

- सत्ताचक्र SATTACHAKRA-
नईदिल्ली। आनिता भारती, विमल थोराट और अंजलि सिन्हा की अगुवाईवाली एक महिला प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल से मुलाकात करके ,महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि.,वर्धा के जातिवादी,कदाचार आरोपी व महिला लेखिकाओं को छिनाल कहनेवाले पुलिसिया कुलपति विभूति नारायण राय को बर्खास्त करने की मांग की। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल इस विश्वविद्यालय की विजिटर हैं और उनके पति देवी सिंह पाटिल को महाजुगाड़ी पुलिसवाला विभूति नारायण राय ने किसी तरह से जी हजूरी करके पटा लिया है। राष्ट्रपति ने प्रतिनिधिमंडल की बातें बहुत ही ध्यानपूर्वक और धैर्य के साथ सुनी। महिलाओं ने उनको बताया कि कुलपति वी.एन राय ने लेखिकाओं को छिनाल और निम्फोमेनिक कुतिया कहा है। सबूत के तौर पर संबधित दस्तावेज और विभिन्न अखवारों, पत्रिकाओँ और ब्लाग में छपे लेख और प्रतिक्रियाए भी दिखाया । ऐसे बयान देने तथा विश्विद्यालय में अपनी जाति के नकलची अध्यापकों को नियुक्त व प्रमोट करने वाले, चहेतों की मनमानी नियुक्तियां करने, चाटुकारों-चहेतों को मनमानी प्रोजेक्ट बांटने,ठेका देने ,जगह-जगह सेमिनार कराने के नाम पर अपने चहेतो को घुमाने वाले , चहेतों को पहले से तय कर सेंटर खोलने का चक्कर चलाने वाले विभूति नारायण राय को कुलपति पद पर बने रहना शर्मनाक बताया। मंडल ने वर्धा विश्वविधालय में दलित छात्र- छत्राओं , व शिक्षकों के साथ लगातार की जा रही जातीय उत्पीडन की खबरों का खुलासा करते हुए राष्ट्रपति महोदया को प्रोफेसर कारूण्यकारा को 6 दिसम्बर (दलित डिग्निटी डे) को डा. अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के कैडल मार्च में शामिल होने पर कारण बताओ नोटिस दिए जाने का ज्रिक करते हुए कहा कि आज तक किसी भी भारतीय नागरिक को 2 अक्टूबर, 30 जनवरी या फिर किसी भी ऐतिहासिक दिवस पर शमिल होने के लिए कारण बताओ नोटिस नहीं मिला तो किसी प्रोफेसर को मात्र 6 दिसम्बर को विद्यार्थियों द्वारा आयोजित सभा में शमिल होने के लिए कैसे एक कुलपति. कारण बताओ नोटिस दे सकता है। जबति कारूण्यकारा उसी विश्वविद्यालय के 'अम्बेडकर चेयर के अध्यक्ष भी हैं, कायदे से इस कार्यक्रम में शमिल होना उनका फर्ज बनता है। महिला प्रतिनिधिओं ने राहुल काबंले के केस की भी चर्चा करते हुए राहुल कांबले द्वारा राष्ट्रपति को भेजा गया 'इच्छामृत्यु की अनुमति' वाला पत्र भी दिखाया । राष्ट्रपति को पूर्व मंत्री व सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा लोकसभा में कुलपति द्वारा की गई टिप्पणी के संदर्भ में उठाए गए सवाल का दस्तावेज भी दिखाया । वर्धा विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति के पुलिसिये हथकंडे और दमनकारी नितियों के बारे में भी बताया। लगभग 17 मिनट की बातचीत में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ने पूरी बाते बडे मनोयोग से सुनी और संज्ञान लेने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल ने सभी अखबारों में वीएन राय की महिला संबंधी टिप्पणी के विरोध में लेख, प्रतिक्रियाएं विश्वविधालय में पदों से सम्बन्धित बरती जा रही नियमों की अनदेखी, घपले बाजी, और दलितों के जातीय उत्पीड़न सम्बन्धी दस्तावेज (लगभग 170-180 पेज) राष्ट्रपति महोदया को सौंपे। राष्ट्रपति ने उन सभी दस्तावेज को सम्बन्धित मंत्रालय में भेजवाने और उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया ।देखिये इस विश्विद्यालय के विजिटर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का आश्वासन चलता है या उनके पति देवी सिंह का परिक्रमाकर्मी बनकर बचने का उपक्रम कर रहे महाजुगाड़ी,पद-प्रतिष्ठा पाने के लिए वामपंथी होने का तथाकथित अभिनय करने वाले विवादास्पद पुलिसिया कुलपति विभूति नारायण राय का देवी सिंह कीर्तन।

Tuesday, August 24, 2010

सरकार जबाब दे, अभी तक उसको (वीएन राय) क्यों नहीं हटाया ?–रघुवंश प्रसाद सिंह

  • -सत्ताचक्र SATTACHAKRA -

महिला लेखिकाओं को छिनाल कहने [ (म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के कुलपति विभूति नारायण राय का साक्षात्कार नया ज्ञानोदय के 10 अगस्त 2010 के सुपर बेवफाई अंक में छपा है। यह साक्षात्कार म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के ही एक कर्मचारी राकेश मिश्र ने लिया लिखा है। जिसे छापा है रविन्द्र कालिया ने जो ममता कालिया के पति हैं । ममता कालिया को विभूति राय ने कुलपति बनने के बाद वि.वि. की पत्रिका का मोटी पगार पर सर्वेसर्वा बना दिया है ) और अपने इस कहे को अपने गणेशी कीर्तनियों के साथ दो दिन तक टीवी पर कुतर्क दे जायज ठहराने की कोशिश करते रहे , लेकिन जब म.गां.अं.हि.वि.वि. का कुलपति पद जाने की नौबत आई तो नौकरी बचाने के लिए लिखित माफी मांग लेने ] वाले बेशर्म विभूति नारायण राय के बारे में पूर्व मंत्री व राजद सांसद (वैशाली)रघुवंश प्रसाद सिंह ने केन्द्र सरकार से पूछा कि उसे अभी तक क्यो नहीं हटाया (कुलपति पद से) ? रघुवंश प्रसाद सिंह ने शनिवार 21 अगस्त 2010 को लोक सभा में यह सवाल उठाया था ,और सरकार से जबाब मांगा। जिस पर केन्द्रीय विधि मंत्री विरप्पा मोइली ने कहा कि इस मामले पर गंभीरता पूर्वक विचार करेंगे,और देखते हैं कि क्या कार्रवाई की जाय। रघुवंश प्रसाद सिंह ने जो कहा उसका लोकसभा द्वारा संपादित अंश निम्न है-

माननीय अध्यक्ष महोदया, माननीय सदस्यों ने सरकार की प्रशंसा की है कि बड़ा भारी विमैन इंपावरमैंट हो रहा है। महोदया, बुद्धकाल में जब भगवान बुद्ध वैशाली में आये थे, विमैन इंपावरमैंट वहीं वैशाली से शुरू हुआ। मैं वहां से आता हूं इसलिए अधिकारपूर्वक बताना चाहता हूं। जब कभी महिलाओं को इजाजत नहीं थी बौद्धिक संघ में जाने की, वहीं से शुरुआत हुई थी और वहीं से उनकी मां गौतमी, उनकी पत्नी और सभी का प्रवेश हुआ था बौद्ध धर्म के संघ में। लेकिन अब यह दावा इन्होंने किया है और विमैन इंपावरमैंट की बात कर रहे हैं, जिसकी माननीय सदस्य भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं। अभी के समय में जितना महिलाओं फर अन्याय, अत्याचार और जुल्म हो रहा है, अबसे पहले कभी नहीं हुआ। मेरा पहला सवाल यह है कि महात्मा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय विश्वविद्यालय है, उसके वाइस चांसलर हैं वीएन राय। क्‍या लिखा है उन्होंने और महिला लेखकों के प्रति उनकी क्‍या टिप्‍पणी है? मैं लज्जित हूं उस शब्द का सदन में उच्चारण करने में कि उन्होंने क्‍या कहा। … ((व्यवधान)) सारा देश लाज्जित है। देश भर के 150 लेखकों ने एक साथ कहा कि उसको हटाया जाए। अभी तक सरकार ने क्‍यों नहीं हटाया है? महिला लेखिका के प्रति किन शब्दों का उच्चारण किया है? एक वाइस चांसलर ने ऐसा किया और क्‍यों उस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है? हम यह पहला सवाल उठाते हैं। ये कहते हैं कि महिला का सशक्‍तीकरण कर रहे हैं और कहते हैं कि सभी ऊंचे पदों पर महिलाओं को बैठाएं। सरकार इसका जवाब दे कि क्‍यों नहीं उसे हटाया गया, जिसने महिला लेखिका के प्रति इस तरह से कुशब्द कहे हैं, अमर्यादित टिप्‍पणी की है। देश भर में लेख छाप दिया महिला लेखिका के खिलाफ। देश भर के लेखक, साहित्यकार, कलाकार, रचनाकार सब लोग मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

Wednesday, August 18, 2010

खोजपरक कार्यक्रम “चोरगुरू” बनानेवाले पत्रकारद्वय में से एक संजय देव गये “अमर उजाला"


-सत्ताचक्र SATTACHAKRA-
नकल करके पुस्तकें लिखने वाले कुलपतियो,प्रोफेसरों,रीडरों,लेक्चररों ; ऐसी पुस्तकों के प्रकाशकों,सप्लायरों व इनके संरक्षक कुलपतियों का असली चेहरा उजागर करने वाला खोजपरक टी.वी.कार्यक्रम “चोरगुरू” बनानेवाले पत्रकारद्वय कृष्णमोहन सिंह और संजय देव में से एक संजयदेव “अमर उजाला” समूह में चले गये। लेकिन “अमर उजाला”समूह में भी शिक्षा पत्रकारिता से ही जुड़े रहेंगे।
संजय देव को यशवंत व्यास के साथ मिलकर “अमर उजाला” समूह का एक नया शिक्षा संबंधी साप्ताहिक अखबार निकालने की जिम्मेदारी मिली है।
“अहा जिंदगी” की सफलपारी के बाद “अमर उजाला” समूह सलाहकार के तौर पर आये यशवंत व्यास की मुख्य जिम्मेदारी “अमर उजाला” के लिए नये-नये प्राडक्ट लांच करने की है। इस अखबार को रीलांच करके व्यास ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है।

Tuesday, August 3, 2010

छिनाल मामला : नौकरी बचाने के लिए विभूति ने माफी मांगी

-सत्ताचक्रsattachakra-

नईदिल्ली।महिला लेखिकाओं को छिनाल कहने के मामले में पहले तो पुलिसिया कुलपति विभूति नारायण राय बेशर्मी से अपने कहे को जायज ठहराने की धृष्टता,दुष्टता व दुसाहस करते रहे।लेकिन महिला लेखिकाओं का विरोध जब भारी पड़ने लगा है और उसके चलते मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने म.गां.अं.हि.वि.वि. ,वर्धा के पुलिसिया कुलपति विभूति को बुलाकर कहा कि माफी मांगो नहीं तो कार्रवाई होगी, तो कुलपति पद जाने के डर से इस तथाकथित सेकुलर जातिवादी जनवादी विभूति ने माफी मांग लिया। सूत्रो के मुताबिक उसको यह सुझाव अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार कुरूप ने दिया। सुनील कुमार ने संदेश दिलवा दिया कि विभूति जी आप माफी मांग लीजिए ,वरना आपका कुलपति पद जा सकता है। सो कुलपति पद से हटाये जाने के डर से पुलिस कुलपति विभूति ने मांफी मांग ली। सूत्रो के मुताबिक अब इस माफी मामले को तोपने –ढ़पने के लिए विभूति मंडली यह प्रचारित करने में जुट गई है कि विभूति ने म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के शांति-अहिंसा विभाग में लेक्चरर राकेश मिश्रा से बेवफाई विषय पर नया ज्ञानोदय पत्रिका के लिए साक्षात्कार में महिला लेखिकाओं के लिए छिनाल शब्द कहा ही नहीं था। राकेश मिश्रा ने अपनी तरफ से जोड़ दिया। यह भी कहलवाया जा रहा है कि राकेश मिश्रा ने तो साक्षात्कार को आडियो रिकार्डर में रिकार्ड भी नहीं किया था। तो इसमें तो सारा दोष राकेश मिश्रा और ज्ञानोदय के सम्पादक रवीन्द्र कालिया का है।विभूति नारायण राय तो बेकसूर हैं। सो जो कहा ही नहीं उसके लिए यदि मांफी मांग भी लिये तो यह तो उनका बड़प्पन है। विभूति मंडली यह प्रचारित कर रही है। लेकिन इसकी काट और असलीयत उजागर करने के लिए महिला लेखिकाओं ने राकेश मिश्रा के उस डायरी को मंगवाने और उसकी फोरेंसिक जांच कराने की मांग की है जिस पर राकेश ने विभूति राय का साक्षात्कार नोट किया था। यदि राकेश मिश्रा यह कहता है कि उसने साक्षात्कार नोट नहीं किया है तो उसको सस्पेंड करके उसके खिलाफ कदाचार के मामले की जांच कराकर हटाने की मांग होगी।इसके साथ ही विभूति और सजातीय खुफिया पुलिस अफसर भरत भारद्वाज को वि.वि. में लाकर पत्रिका पुस्तक वार्ता का सम्पादक बनाये के उस कहे का टेप मंगाने की बात हुई है जो दोनों ने स्टार चैनेल पर छिनाल ( विभूति राय के कहे) की तरफदारी में लगातार बिना रूके कुतर्क पर कुतर्क दिये थे।

छिनाल मामले में विभूति राय को बचाने की भूमिका तैयार

-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। महिला लेखिकाओं को छिनाल (वेश्या) कहने वाले , महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय,वर्धा के पुलिसिया कुलपति विभूति नारायण को बचाने की भूमिका तैयार हो गई है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की सहमति से अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार ने यह भूमिका तैयार की है । मलयाली सुनील कुमार के जिम्मे ही उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी है।
महिला लेखिकाओं को छिनाल (वेश्या) कहने वाले विभूति नारायण राय को कुलपति पद से बर्खास्त करने के लिए आज ( 03-08-10) सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर वामपंथी सांसद बृंदा कारात,जनवादी लेखक संघ की रेखा अवस्थी आदि लगभग 10 महिलाओं का एक प्रतिनिधि मंडल मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मिला। उनसे कहा कि कदाचार,भ्रष्टाचार,लंपटता,नीच प्रवृति के आरोपी विभूति नारायण राय को म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के कुलपति पद से बर्खास्त कीजिए। जिस पर कपिल सिब्बल ने जो कहा उसका लब्बोलुआब –
1- मेरे हाथ बंधे हुए हैं,कुलपति को बर्खास्त नहीं किया जा सकता।
2- मैंने कुलपति को बुलाया था। कहा कि महिला लेखिकाओं के बारे में जो कहा है उस पर माफी मांगिये वरना कार्रवाई होगी।
इस पर प्रतिनिधिमंडल की महिलाओं ने कहा कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार,अपने सजातियों व नकलकरके किताबें लिखने वालों को नियुक्त करने,बचाने आदि मामले हैं ,उस पर भी कार्रवाई कीजिए। तब कपिल सिब्बल ने कहा- मेरे पास अभी तक इस बारे में कोई शिकायत नहीं आई है। आप लोग उसके लिए अलग से लिखकर कुछ प्रमाण सहित मुझको दे दीजिए।
सिब्बल से मिलकर बाहर निकलते ही( 11 बजकर 55 मिनट पर) बृंदा कारात संसद चली गईं । बाकी महिलाओं ने आपस में राय बात की। और तय हुआ कि यदि मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने विभूति नारायण राय के खिलाफ इस मामले से लगायत अन्य मामलों की जांच कराकर बर्खास्त नहीं किया तो महिलाओं का इससे भी बड़ा प्रतिनिधि मंडल म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के विजिटर / राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मिलेगा ,इसको बर्खास्त करने का प्रतिवेदन देगा। यदि इसके बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई , केवल माफी मंगवाने का खानापूर्ति करवाकर छोड़ दिया गया तो महिला लेखिकाएं व संगठन महाराष्ट्र,दिल्ली,उ.प्र.आदि राज्यों में धरना –प्रदर्शन करेंगे। क्योंकि सिब्बल ने जो कहा है उससे लग रहा है कि मामले की लीपापोती करके विभूति नारायण राय को बचाने की भूमिका तैयार कर ली गई है।वरना यही प्रख्यात वकील से मंत्री बने सिब्बल यह अच्छी तरह जानते हैं कि विभूति नारायण राय के तमाम धतकर्मों व कहे की जांच एक जांच कमेटी से कराकर उसके रिकमेंडेशन के आधार पर उसको (विभूति राय)कुलपति पद से हटाया जा सकता है। यह करने के लिए कुलपति विभूति को ससपेंड करके या उनका पावर अभी से सीज करके किसी और को चार्ज दे दिया जाय और उनके खिलाफ जांच कमेटी बनाया जा सकता है, जिससे एक-माह में रिपोर्ट मांग कर उसके आधार पर कार्रवाई हो सकती है। आईआईटी मुंबई के एक निदेशक मिश्रा और एआईसीटीई के चेयरमैन यादव को किस तरह हटाया गया। उदाहरण तो तमाम हैं।
कहा जा रहा है कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष छवि बनाकर जुगाड़ व सम्पर्क से अपना काम निकालने ,पद पाने में माहिर विभूति नारायण राय ने एक मलयाली अरविन्दाक्षन को अपने वि.वि. में प्रोवीसी इसीलिए बनाया है ताकि अरविन्दाक्षन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव व उच्च शिक्षा के प्रभारी मलयाली सुनील कुमार कुरूप को पटाकर विभूति राय को तमाम धतकर्म मामलों में बचाता रहे।
यह भी चर्चा है कि विभूति ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के पति देवी सिंह पाटिल व पुत्र के यहां भी जुगाड़ लगा लिया है। उनके मार्फत गोटी सेट कर रहा है । वर्धा में तो यह भी चर्चा है कि देवीसिंह के तथाकथितखास कैलाश खामरे को विभूति ने रजिस्ट्रार बनाया है।
इसने उ.प्र. के वाराणसी और आजमगढ़ व अन्य जगहों पर वि.वि. का सेंटर खोलने के लिए विज्ञापन निकलवाया था जिसके लिए पहले से ही सेटिंग कर लेने की बात चर्चा में है। इन सेंटरों पर नियुक्ति के लिए अभी से बहुत से लोगों के सामने चारा फेंके जाने का आरोप लगने लगा है। हिन्दी में एम.ए. किये और अंग्रेजी नहीं जानने के बाद भी इंटरनेट से मैटर कट-पेस्ट करके अपने नाम से सेटेलाइट से लगायत कम्यूनिकेशन मैनेजमेंट आदि तक कि लगभग एक दर्जन पुस्तकें छपवालेने वाले ,उसका लेखक बन जाने वाले ,शोध-पत्र लिखने वाले चोरगुरू अनिल कुमार राय उर्फ अनिल के. राय अंकित को इसी विभूति राय ने म.गां.अं.हि.वि.वि.वर्धा में पत्रकारिता का प्रोफेसर – हेड बना दिया, वामपंथी लेखिका महाश्वेता देवी के कहने पर कृपा शंकर चौबे को रीडर बना दिया । इससबकी सेटिंग पहले से ही हो गई थी। स्क्रीनिंग,साक्षात्कार का केवल कागजी खानापूर्ति की गई ।
विभूति राय ने इसी तरह खुफिया पुलिस में रहे अपनी जाति के भरत भारद्वाज को ले आकर विश्वविद्यालय की पुस्तिका “पुस्तक वार्ता” का सम्पादक बना दिया है। जो महिलाओं को छिनाल कहने के मामले में स्टार न्यूज पर बहस में विभूति नारायण राय का जी-जान से उसी की तरह कुतर्की बचाव कर रहे थे। महिलाओं को छिनाल छापने वाली नया ज्ञानोदय पत्रिका के सम्पादक रवीन्द्र कालिया की सगी पत्नी ममता कालिया को वि.वि. की एक पत्रिका का सम्पादक इसी विभूति राय ने बना दिया है।
इधर दिल्ली में चर्चा है कि विभूति नारायण राय ने सीपीआई के ए.वी.वर्धन व इसी तरह के अन्य कामरेडो के अलावा अपने सजातीय कुछ नेताओं से केन्द्र सरकार में जगह – जगह जुगाड़ लगवाकर बचाव का उपक्रम कर रहे हैं। कहा जाता है कि ए.वी.वर्धन ही हैं जिन्होंने प्रतिभापाटिल को फोन करके कहा था कि आप विभूति नारायण का नाम म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के लिए ओ.के. कर दीजिए, वह बहुत बड़ा सेकुलरिस्ट है उसके वहां जाने से बहुत बड़ा काम होगा। इस सबके चलते इस वि.वि. के लम्बे समय से चांसलर नामवर सिंह की भी चुप्पी का निहितार्थ समझा जा सकता है। वह चुप्पी साधकर व आंखमूद कर धतकर्मों का नजरंदाज करते हुए विभूति नारायण राय का बचाव कर रहे हैं।वैसे इसकी वजहें और भी बहुत हैं।

Monday, August 2, 2010

स्त्री पुरूष के लिए एक ट्राफी की तरह है... जितनी अधिक स्त्रियां उतनी अधिक ट्राफियां- विभूति राय

लेखिकाओं में होड़ लगी है यह साबित करने के लिए कि उनसे बड़ी छिनाल कोई नहीं है-विभूति नारायण राय

-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली।लेखिकाओं में होड़ लगी है यह साबित करने के लिए कि उनसे बड़ी छिनाल कोई नहीं है । मुझे लगता है कि इधर प्रकाशित एक बहु प्रमोटेड और ओवर रेटेड लेखिका की आत्मकथात्मक पुस्तक का शीर्षक कितने बिस्तरों पर कितनी बार हो सकता था। इस तरह के उदाहरण बहुत - सी लेखिकाओं में मिल जायेंगे।... (हिन्दी पत्रिका - नया ज्ञानोदय,पेज -32 ,अंक- अगस्त 2010)

यह कहा है महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ,वर्धा के कुलपति विभूति नाराय़ण राय ने । जो हिन्दी पत्रिका नया ज्ञानोदय के बेवफाई सुपर विशेषांक-2 के पेज 31,32,33 में यानी तीन पेज में छपे इनके ( विभूति नारायण राय)साक्षात्कार के पेज 32 पर है।यह साक्षात्कार किसी राकेश मिश्र ने लिया है।

भार्गव बुक डिपो,चौक वाराणसी से प्रकाशित –“आदर्श हिन्दी शब्द कोश ” के 1992 संस्करण के पेज 188 पर छिनार ,छिनाल का अर्थ क्या दिया है देखें-

छिनार ,छिनाल (हि.स्त्री.) –व्यभिचारिणी , कुलटा

ALLIED PUBLISHERS LIMITED, NEW DELHI से 1996 में प्रकाशित “HINDI ENGLISH DICTIONARY” के पेज 258 पर छिनाल का अंग्रेजी अर्थ दिया है-
छिनाल CHINAL (F.) - PROSTITUTE

“ स्त्री पुरूष के लिए एक ट्राफी की तरह है... जितनी अधिक स्त्रियां उतनी अधिक ट्राफियां...” हिन्दी पत्रिका - नया ज्ञानोदय,पेज -33 ,अंक- अगस्त 2010


महिला लेखिकाओं द्वारा बड़े पैमाने पर अपनी यौन स्वतंत्रता को स्वीकारना इसी डिस्कोर्स का भाग बनने की इच्छा है। आप ध्यान से देखें सभी लेखिकाएं उस उच्च मध्यमवर्ग या उच्च वर्ग से आती हैं जहां उनकी पुरूषों पर आर्थिक निर्भरता अपेक्षाकृत कम है।... हिन्दी पत्रिका - नया ज्ञानोदय,पेज -33 ,अंक- अगस्त 2010

... साधारण व्यक्ति पकड़े जाने पर जहां हकलाते गले और फक पड़े चेहरे से अपनी कमजोर सफाई पेश करने की कोशिश करता है वहीं कलाकार बड़ी दुष्टता के साथ छल सकने के समर्थ तर्क गढ़ लेता है।...

हिन्दी पत्रिका - नया ज्ञानोदय,पेज -33 ,अंक- अगस्त 2010

इस पत्रिका – नया ज्ञानोदय के सम्पादक हैं रवीन्द्र कालिया । जिनकी पत्नी हैं लेखिका ममता कालिया। जिनको कुलपति विभूति नारायण राय ने म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा की पत्रिका हिन्दी का मोटे मानदेय पर प्रभारी बना दिया है। विभूति नारायण राय भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति का सदस्य हैं।कौन बनवाया है यह ममता और उनके पति बतायेंगे।

इस पत्रिका नया ज्ञानोदय के प्रबंध सम्पादक व प्रबंध न्यासी भारतीय ज्ञानपीठ हैं- साहू अखिलेश जैन

पुलिस अफसर से कुलपति बने विभूति नारायण राय की पत्नी हैं पद्मा राय । जो लेखिका हैं।
विभूति नारायण राय के भाई हैं आईपीएस विकास नारायण राय, जो विभूति की तरह के ही तथाकथित साहित्यकार हैं। जो हरियाणा पुलिस अकादमी में थे ( जो एडीजी होकर केन्द्रीय फोर्स में चला गया )। वहां इनपर ट्रेनी महिलाओं ने क्या तथाकथित आरोप लगाया इसका प्रमाण हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला दे सकते हैं,जिन्होने अपने विधायकों सहित जाकर राज्यपाल को ट्रेनीमहिला के पत्र सहित मेमोरेंडम दिया और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकरदोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
ये विकास नारायण राय हरियाणा के पानीपत से साहित्य उपक्रम नाम से एक प्रकाशन संस्था चलाते हैं, जिसका काम इनकी पत्नी या वे खुद या कोई और देखता है ये तो विकास नारायण राय ही बतायेंगे।



.. साधारण व्यक्ति पकड़े जाने पर जहां हकलाते गले और फक पड़े चेहरे से अपनी कमजोर सफाई पेश करने की कोशिश करता है वहीं कलाकार बड़ी दुष्टता के साथ छल सकने के समर्थ तर्क गढ़ लेता है।.. विभूति का कहा यह वाक्य क्या उनपर ही सटीक बैठ रहा है ?