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जेएनयू में कुलपति बनाने की उम्र सीमा ही 65 साल
से कम है तो 76 साल के स्वामी कैसे बनाये जायेंगे कुलपति
70 से अधिक उम्र का व्यक्ति चांसलर बनाया जाता है
जिस पर 30 मार्च 2012 को 5 साल के लिए नियुक्त कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन हैं।उनका कार्यकाल
अभी 2 साल बाकी है
मोदी ने जिस स्वामी को वित्त मंत्री बनाने का
वायदा किया था वह 12 वीं पास स्मृति के अधिन कुलपति कैसे बनेंगे
- कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली । कुछ अंग्रेजी व हिन्दी के अखबारों में कई दिन से बेसिर पैर की खबर को एक्सक्लूसिव बनाकर या प्रमुखता से छापा जा रहा है कि चन्द्रशेखर सरकार में कानून मंत्री रहे और अब भाजपा में अपनी जनता
पार्टी का विलय कर लिये सुब्रमण्यम स्वामी को जवाहरलाल नेहरू विश्व विद्यालय , नई
दिल्ली ( केन्द्रीय विश्व विद्यालय ) का कुलपति बनाया जा रहा है। जिस पर सवाल होने
लगा है कि हार्वर्ड से अर्थशास्त्र में पीएचडी और अमेरिका व यूरोप के कई नामी विश्वविद्यालयों
में पढ़ाते रहे तथा अपने कई पीआईएल से कांग्रेस की यूपीए सरकार से लगायत वर्तमान
भाजपा सरकार व तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता आदि की नाक में दम कर दिये
सुब्रमण्यम स्वामी जेएनयू का कुलपति कैसे बनाये
जायेंगे ? इसकी सबसे बड़ी वजह जेएनयू सहित सभी केन्द्रीय
विश्वविद्यालयों में कुलपति बनने की उम्र की सीमा है । इस पद के लिए केवल वही
व्यक्ति आवेदन कर सकता है जिसकी उम्र 65
साल नहीं हुई हो। और वह कुलपति पद पर 70 साल का उम्र पूरा होने के बाद नहीं रह
सकता है। जबकि सुब्रमण्यम स्वामी की उम्र 76 वर्ष है । ऐसे में स्वामी को इस नियम
के तहत कैसे कुलपति बनाया जा सकता है? नहीं बनाया जा सकता,
जब तक नियम नहीं बदला जाये । और यह बदलाव संसद की मंजूरी के बिना संभव नहीं है।और इस
मुद्दे पर संसद की मंजूरी लेना आसान नहीं है। हां, 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्ति
को जेएनयू का चांसलर बनाया जा सकता है।लेकिन यहां अभी इस पद पर , 30 मार्च 2012 को
5 साल के लिए नियुक्त कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन हैं।उनका कार्यकाल 2 साल बाकी है।
अब दूसरा सवाल यह है कि जिस सुब्रमण्यम स्वामी को नरेन्द्र मोदी ने
लोकसभा चुनाव के पहले अपनी तरफदारी में मुहिम चलाने के पुरस्कार स्वरूप सरकार बनने
पर तथाकथित वित्त मंत्री बनाने का वायदा किया था , वह सुब्रमण्यम स्वामी क्या मात्र 12 वीं पास , मानव संसाधन विकास
मंत्री स्मृति मल्होत्रा जुबिन ईरानी के अधिन कुलपति बनेंगे ? मैडम व
उनके जी हजूर नौकरशाहों , मंत्रालय के अफसरों को सलामी बजायेंगे ? उनके अधिन नौकरी करने जायेंगे ? इस सबके चलते लोग कहने लगे हैं कि यदि नरेन्द्र
मोदी को स्वामी से इतना ही लगाव है व चुनाव के समय इनके किये उपकार का पुरस्कार
देना है, काबिलियत के मुताबिक पद देना है तो क्यों नहीं मानव संसाधन विकास मंत्री
ही बना दे रहे हैं, और अपनी अति प्रिय स्मृति मल्होत्रा जुबिन ईरानी
को वहां से हटाकर अपने पीएमओ में कोई प्रभार दे देते हैं ?
अब तीसरा सवाल यह है कि क्या जेएनयू के कुलपति पद के लिए सुब्रमण्यम
स्वामी ने आवेदन भरा था। क्या सर्च कमेटी ने उनका नाम छांटकर सूची में शामिल किया
था। क्या उनका साक्षात्कार लिया था।यदि नहीं तो कैसे उनको कुलपति बना दिया जायेगा ? जेएनयू
के कुलपति पद के लिए जो विज्ञापन निकला था उस पर तारीख 15 अगस्त 2015 है। इसके 30 दिन के भीतर आवेदन करना था। इसकेबाद
चयन प्रक्रिया अपनाने के बारे में विवरण है। जिसका प्रमाण है संलग्न विज्ञापन-
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF HUMAN RESOURCE DEVELOPMENT DEPARTMENT OF HIGHER EDUCATION
Appointment of Vice Chancellor of Jawaharlal Nehru University (JNU), Delhi
(A Central University)
15th August 2015
The Jawaharlal Nehru University (JNU), Delhi is an institution of excellence in higher learning and research.The Vice Chancellor, being the academic as well as administrative head, is expected to be:
The advertisement and prescribed proforma for the application is available at websites: http://mhrd.gov.in or http//www.jnu.ac.in (Application Proforma)
"Application for the Post of Vice Chancellor, Jawaharlal Nehru University (JNU), Delhi" should be superscribed on the envelope.
भारत सरकार
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
उच्चतर शिक्षा विभाग
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति की नियुक्ति
(केन्द्रीय विश्वविद्यालय)
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली, उच्च अध्ययन और अनुसंधान हेतु एक उत्कृष्ट संस्थान है।
अकादमिक के साथ-साथ प्रशासनिक प्रमुख होने के कारण, कुलपति से यह आशा की जाती हैः
वेतन एवं सेवा शर्ते:
नियुक्ति की प्रक्रिया
आवेदन हेतु विज्ञापन एवं निर्धारित प्रोफोर्मा वेबसाइट http://hrd.gov.in या http://mhrd.gov.in पर उपलब्ध है।
लिफापे पर "कुलपति, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के पद हेतु आवेदन" लिखा होना चाहिए।
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और इस प्रमाण के अलावा खुद सुब्रमण्यम स्वामी का ट्वीट भी प्रमाण है । जिसमें उन्होंने मजा लेते हुए जेएनयू और वहां के माहौल पर भी टिप्प्णी कर दी है।
*यह खबर 25सितम्बर2015 को कई राज्यों के कई समाचार पत्रों में छपी है।
*यह खबर 25सितम्बर2015 को कई राज्यों के कई समाचार पत्रों में छपी है।