-सत्ताचक्र SATTACHAKRA-
नकल करके पी.एच-डी.,डि.लिट.शोध-प्रबंध लिखने ,देशी-विदेशी पुस्तकों शोध पत्रों से मैटर हूबहू उतारकर कटपेस्ट करके अपने नाम से किताब छपवाकर लेक्चरर,रीडर व प्रोफेसर बन गये चोरगुरूओं को नियुक्त कर रहे ,इन चोरगुरूओं के नकलचेपी कारनामे माडिया में उजागर होने और लिखित शिकायत के बाद भी इन्हे बचा रहे कुलपतियों की कुंडली तैयार होने लगी है।इन कुलपतियों में प्रमुख हैं- सजातीय चोरगुरू अनिल कुमार राय उर्फ अनिल के.राय अंकित को महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि., वर्धा में पत्रकारिता का प्रोफेसर हेड नियुक्त करने और अब बचाने में लगे पुलिसिया कुलपति “छिनाली” फेम विभूति नारायण राय ; वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल वि.वि. ,जौनपुर के पूर्वकुलपति आर.सी.सारस्वत(सारस्वत 22 नवम्बर 10 को सेवानिवृत हुए और अपने रहते वि.वि. के चार चोरगुरूओं को,उनकी लिखी किताबों को छापने व सप्लाई करने वाले को बचाने का हर उपक्रम किये) ;एक प्रोफेसर व एक रीडर चोरगुरू को बचारहे महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ,वाराणसी के कुलपति अवधराम; एक प्रोफेसर चोरगुरू को बचा रहे अवधेश प्रताप वि.वि. रीवा के कुलपति यादव की कुंडली तैयार होने लगी है। राष्ट्रपति व राज्यपालों तथा केन्द्र व राज्य सरकार के शिक्षा मंत्रालय में कुलपतियों के खिलाफ नकलचेपी अध्यापकों यानी चोरगुरूओं को बचाने ,जांच कमेटी बनाकर मामला लटकाने,चोरगुरूओं को प्रोमोट करने का प्रमाण का पुलिंदा पहुंचने के बाद फाइल तैयार होने लगी है। चोरगुरूओं व उनकी पुस्तकें छापने-बेचने वाले को बचाने –बढ़ाने वाले जो कुलपति सेवानिवृत हो रहे हैं उनकी भी फाइल बन रही है,ताकि उनको भी पूछताछ के लिए तलब किया जा सके ।पुलिसिया कुलपति“छिनाली” विभूति अपने सजातीय चोरगुरू अनिल राय को बचाने की नैतिकता परवान चढ़ाते हुए अपने गांव जोगहरा ,आजमगढ़(उ.प्र.) में हीना देसाई की हरतरह की व्यवस्था में अपना 60 वां जन्म दिन मना रहे हैं।