सुप्रीम कोर्ट के सुप्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने भी लिखा पत्र
-कृष्णमोहन सिंह
नई दिल्ली।देशी-विदेशी पुस्तकों,शोधपत्रों से सामग्री ( आल राइट रिजर्व सामग्री ) हूबहू उतारकर पी.एच-डी,डि.लिट की डिग्री लेने वाले,अपने नाम पुस्तकें छपवाने वाले चोरगगुरू लेक्चररों,रीडरो,प्रोफेसरों,इन नकलचेपी पुस्तकों के प्रकाशकों,पब्लिशरों व ऐसी पुस्तकों को वि.वि. ,महाविद्यालयों की लाइब्रेरियों में खरीदवानेवाले अध्यापकों को संरक्षण देनेवाले कुलपतियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए 9 सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
पत्र में राजेन्द्र सिंह ,भरूट, पूनम वी., कांजी भाई आदि 9 सांसदों ने लिखा है कि ऐसे लेक्चरर,रीडर ,प्रोफेसर जो खुद नकल करके , इंटरनेट से रिस्ट्रिक्टेड सामग्री कटपेस्ट करके पुस्तकें बना अपने नाम से छपवाये हैं, नकल करके पी.एच-डी,डी.लिट किये ,शोध -पत्र लिखे हैं, छात्रों को ऐसे चोरगुरू क्या शिक्षा देंगे और छात्र उनसे क्या सिखेंगे।उनके इस तरह के कर्म से शिक्षा जगत कलंकित हो रहा है। चोरगुरूओं,प्रकाशकों,सप्लायरों,कुलपतियों ,यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय के आला अफसरों की मिलिभगत से इस तरह नकलकरके लिखी लगभग 500 करोड़ रूपये की पुस्तकें हर साल विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में खरीदी जा रही हैं।
इसके बारे में एक हिन्दी टीवी चैनल पर “चोरगुरू” नाम से 1 नवम्बर 2009 से जनवरी 2010 के बीच 14 कड़ी का कार्यक्रम भी दिखाया गया। जिसके पहले एपीसोड में नकल करके एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखने वाले महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय,वर्धा के पत्रकारिता विभाग के हेड डा.अनिल के. राय अंकित और उसको संरक्षण देने,बचाने में लगे विश्वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय के बारे में दिखाया गया था। इस कार्यक्रम के अन्य कड़ी में वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर के प्रो.रामजी लाल, डा.एस.के.सिन्हा.पूर्वकुलपति पीसी पतंजलि,महात्मागांधी काशी विद्यापीठ ,वाराणसी के प्रो.राममोहन पाठक,डा.अनिल कुमार उपाध्याय, बुंदेलखंड वि.वि.झांसी के डा.डी.एस.श्रीवास्तव,डा.सरिता कुमारी (इस समय जामिया मिलिया में रीडर हैं), बुंदेलखंड वि.वि. के पूर्व कुलपति प्रो.रमेश चन्द्रा, जामिया मिलिया इस्लामिया के डा.दीपक केम के नकलचेपी कारनामे सप्रमाण दिखाये गये थे।इस कार्यक्रम में इग्नू के स्टडी मैयेरियल्स को बहुत से अध्यापको,शोधार्थियों द्वारा हूबहू उतारकर (कट-पेस्ट) करके अपने नाम पुस्तकें छपवाने और ऐसी पुस्तकों को छापने व विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों की लाइब्रेरियों में चोरगुरूओं,उनके संरक्षक व पुष्पम-पत्रम लोभी कुलपतियों के सक्रिय सहयोग से सप्लाई करने वाले दरियागंज,नईदिल्ली के श्री पब्लिशर्स,ज्ञान बुक प्राइवेट लि.,अनमोल पब्लिकेशन्स प्राइवेट लि. आदि के कारनामे भी दिखाये गये गये थे।
सांसदों ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि –
1-चोरगुरू कार्यक्रम में नकल करके पुस्तकें लिखने के इतने बड़े घोटाले का जो भंडाफोड़ हुआ है उसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित किया जाय और बिना देरी किये चोरगुरूओं,उनकी नकलचेपी पुस्तकें छापने,सप्लाई करने वालों को सजा दिया जाय।
2- उन कुलपतियों और संस्थान प्रमुखों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाय जो चोरगुरूओं को बचा रहे हैं।
3- शिक्षा जगत में चल रहे और लगातार बढ़ रहे इस बड़े घोटाले को रोकने, चोरगुरूओं,पब्लिशरों,सप्लायरों,कुलपतियों आदि के इस रैकेट को नेस्तनाबूद कर उनको सजा देने के लिए एक कारगर स्थाई तंत्र बनाया जाय।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसी तरह का एक पत्र सर्वोच्च न्यायालय के प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण ने भी लिखा है।इस पत्र पर बुजुर्ग पत्रकार कुलदीप नायर का भी हस्ताक्षर है। यह पत्र पहले मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के यहां दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक वहां से जब इस पत्र के बारे में पता चला तो अपने चहेते सजातीय चोरगुरू अनिल के.राय अंकित को बचा रहे “छिनाली” फेम वाले पुलिस कुलपति विभूति नारायण राय ने अपना पुराना साम-दाम वाला हथकंडा अपनाकर कुलदीप नायर को वर्धा , वि.वि. में एक कार्यक्रम में ले जाने का उपक्रम किया है। यह करके चालबाज छिनाली पुलिसिया कुलपति ने क्या दिखाने की कोशिश किया है यह तो अब बुजुर्ग कुलदीप नायर ही बतायेंगे।सूत्रो के मुताबिक कुछ लोगो ने इसबारे में कुलदीप नायर से पूछा - आप उस भ्रष्टाचार आरोपी दोहरे चरित्र वाले “छिनाली” पुलिसिया कुलपति विभूतिनारायण का मंच सुषोभित करने जा रहे हैं जो महिला लेखिकाओं को छिनाल कहता ,लिखता है, जो सजातीय चोरगुरू अनिल के.राय अंकित को लाकर वि.वि.में पत्रकारिता विभाग का हेड बनाया है,उसके खिलाफ जांच नहीं करा रहा है, और उसको बचाने का हर उपक्रम कर रहा है,दलित छात्रों को गाली दे रहा है,प्रताड़ित कर रहा है,वि.वि.में पुलिसिया तांडव कर रहा है ? इस पर बुजुर्ग कुलदीप नायर का मासूम जबाब था - वो ये वही आदमी है..., बहुत गंदाआदमी है...., लेकिन मैंने तो उसके यहां जाने के लिए कह दिया है..।