प्रो.
वेद प्रकाश , विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
के अध्यक्ष नियुक्त
आयोग के उपाध्यक्ष व 6 फरवरी 2011 से कार्यकारी अध्यक्ष थे
टाटा,अम्बानी,अहमद,मोंटेक
के लोग दौड़ में थे
-कृष्णमोहन सिंह
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यूस फुल ब्राइट
पोस्ट डाक्टोरल फेलोशिप प्राप्तकर्ता प्रो. वेद प्रकाश यूनिवर्सिटी आफ
विंडसर,कनाडा के विजिटिंग फैकल्टी, और HIID हारवर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज
के गेस्ट फैकल्टी भी रह चुके हैं।
स्क्रिनिंग कमेटी ने इसबार विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग अध्यक्ष पद के लिए पांच नाम की सूची मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दी
थी। वे पांच नाम थे - टाटा के आदमी परशुरमन , मुकेश अंबानी के आदमी पंकज
चंद्रा , अहमद पटेल के आदमी सैयद हसनैन , मोंटेक सिंह अहलूवालिया के आदमी अनंत और
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उपाध्यक्ष व कार्यकारी अध्यक्ष प्रो.वेद प्रकाश । भ्रष्टाचार
आरोपी हसनैन ने अध्यक्ष बनने के लिए हर तरह का उपक्रम किया और जुगाड़ लगाया । उनके
आकाओं के ऊपरी आदेश व दबाव के बावजूद
भ्रष्टाचार के मामले में उनको क्लीनचिट नहीं मिली। क्योंकि मानवसंसाधन
विकास मंत्रालय के वे आईएएस अफसर जो जांच अधिकारी थे ,भ्रष्टाचार आरोपी हसनैन को
क्लिनचिट देने पर नौकरी जाने और खुद ही फंसने का भय हो गया। सो उनने हाथ खड़े कर
दिये । इस तरह हसनैन का पत्ता कट गया। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया
ने भी अपने एसमैन अनंत जिसको स्टैटिस्टिक डिपार्टमेंट में निदेशक बनवाया है, यूजीसी का अध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था।
लेकिन उच्चशिक्षा व प्रशासनिक अनुभव में इन सबसे बीस पड़ रहे प्रो.वेद प्रकाश का
पलड़ा भारी पड़ा। सो मानव संसाधन विकास मंत्री ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के
अध्यक्ष पद के लिए प्रो.वेद प्रकाश के नाम पर मुहर लगा दिया।