Saturday, December 15, 2012

BHRASTACHAR AROPI E. HASNAIN KO UGC CHAIRMAN BANANE KI TAIYARI



भ्रष्टाचार आरोपी हसनैन को विजिलेंस क्लियरेंस दिला यूजीसी अध्यक्ष बनाने की तैयारी

-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। जिस  प्रो.सैयद ई हसनैन पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे हैं , जिनके भ्रष्टाचार  के बारे में प्रमाण सहित आरोप पत्र सीवीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय में  देकर जांच कराने की मांग हुई, लेकिन उस पर दो साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। और अब बिना जांच किये ही हसनैन को एक तरह से सेफ पैसेज देकर ऊपरी दबाव के चलते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का अध्यक्ष बनाने की तैयारी हो रही है।  इसबारे में अरविंद केजरीवाल के साथ   परिवर्तन नामक संस्था शुरू करने वाले कैलाश गोदुका ने  5 दिसम्बर 2012 को मानव संसाधन विकास मंत्री और  और मंत्रालय के चीफविजिलेंस अफसर को पत्र लिख कर हसनैन के विरूद्ध 2 साल से  जांच दबाये रखने और अब आनन-फानन में उनकी यूजीसी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का रास्ता साफ करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। गोदुका ने पत्र में लिखा है- हैदराबाद विश्वविद्यालय के  कुलपति रहने के दौरान प्रो.सैयद ई.हसनैन पर गैरकानूनी तरीके से नियुक्तियां करने, अन्य तमाम घोटाले करने के  आरोपों की जांच के लिए सेन्ट्रल विजिलेंस कमिसन ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय में भेजा था। जो मंत्रालय को 20 अक्टूबर 2010 को प्राप्त हुआ था।  हसनैन पर आरोप है कि उन्होंने कुलपति रहने के दौरान अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में बहुतसी नियुक्तियां की।
 सेन्ट्रल विजिलेंस कमिसन द्वारा जांच के लिए भेजा गया एक और पत्र दिनांक 18 जुलाई 2011 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्राप्त हुआ था। जिसमें हैदराबाद में कुलपति रहने के दौरान प्रो. सैयद ई.हसनैन पर लगे भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के  बावजूद उनको गैरकानूनी तरीके से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का सदस्य नामांकित किये जाने की जांच करने के लिए लिखा गया था।  कैग (C AND AG ) ने भी अपनी आडिट रिपोर्ट 2009-10 के पैरा 4.13 में  , हैदराबाद विश्वविद्यालय का कुलपति रहने के दौरान सैयद ई.हसनैन द्वारा लगभग 3 दर्जन लेक्चररों और 2 दर्जन रीडरों को अग्रिम इन्क्रीमेंट दे देने की धांधली को उजागर किया है। इस मामले में  भी जांच कराने और गैरकानूनी तरीके से लाभान्वितों को लाभ पहुंचाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने, इन्क्रीमेंट रद्द करके लाभान्वितों से रकम वसूली की कार्रवाई करने की मांग हुई थी।  सैयद ई. हसनैन पर भ्रष्टाचार का यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय का कुलपति रहने के दौरान एक जगह की यात्रा की समयावधिपर एक से अधिक स्थानों की हवाई जहाज यात्रा का यात्रा भत्ता लिया है।  सैयद ई.हसनैन पर भ्रष्टाचार के इतने आरोपों की दो सालों से नतो जांच हुई नहीं कोई कार्रवाई । यह करके आरोपी को बचाते रहने में मंत्रालय के कुछ अफसरों  का हाथ बताया जाता है।
सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय के  विजिलेंस विभाग और सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ब्यूरो के आला अफसरों ने दो साल तक फाइल को दबाये रख हसनैन को बचाते रहने के बाद अब बिना चार्ज फ्रेम किये ही एक रिपोर्ट बना ली है । जो जल्दी ही सचिव ,मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दे दी जायेगी।मालूम हो कि हसनैन हैदराबाद विश्वविद्यालय से 3 माह के दो सेवाविस्तार के बाद मार्च 2011में सेवामुक्त हुए तो जुगाड़ लगाकर  आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर हो गये।बताया जाता है कि जांच नहीं होने और चार्ज फ्रेम नहीं किये जाने को आधार बनाकर भ्रष्टाचार आरोपी सैयद ई हसनैन का एक तरह से विजिलेंस क्लियरेंस मान कर उनका नाम यूजीसी चेयरमैन के लिए क्लियर करने की तैयारी चल रही है।
* यह खबर पंजाब केसरी, दिल्ली में दिनांक 14 दिसम्बर 2012 को पेज 4( संपादकीय पेज) पर छपी है।