Tuesday, December 4, 2012

TATA,AMBANI,AHEMAD YA MONTEK KA ADAMI BANEGA UGC CHAIRMAN


SATTACHAKRA
टाटा, अंबानी ,अहमद या मोंटेक का आदमी बनेगा यूजीसी अध्यक्ष 
अहमद पटेल ने भ्रष्टाचार आरोपी सैयद हसनैन को यूजीसी अध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है
-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ) का अध्यक्ष कौन बनेगा , टाटा के आदमी परशुरमन, मुकेश अंबानी के आदमी पंकज चंद्रा, अहमद पटेल के आदमी सैयद हसनैन या मोंटेक सिंह अहलूवालिया के आदमी अनंत ? विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष पद के लिए जो खोज समिति बनी थी उसने खोज कर,साक्षात्कार लेकर इस पद के लायक  5 नाम की सूची बनाई है । नाम हैं- प्रो.वेद प्रकाश, परशुरमन, पंकज चंद्रा, सैयद हसनैन , अनंत । यह काम दूसरी बार करना पड़ा है। क्योंकि इसके पहले जो खोज कमेटी बनी थी उसने कई योग्य उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया ही नहीं और केवल दो महाजुगाड़ियों  के नाम ( भ्रष्टाचार आरोपी हसनैन व एक अन्य)की सूची बनाकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संबंधित अफसर को दे दिया। जिस पर विवाद हुआ तो फिर से दूसरी सर्च कमेटी बनानी पड़ी। जिसने 5 नाम दिया है। अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इनमें से किसी एक को यूजीसी अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर देनी है। कहा जाता है कि जिसका पौवा भारी होगा वही अध्यक्ष बनेगा। हैदराबाद के एक विश्वविद्यालय का कुलपति रहने के दौरान हसनैन पर घोटालों के तमाम आरोप लगे हैं। उनपर घनघोर मुस्लिमवादी होने का भी आरोप है। चर्चा है कि वह यह कहते घूम रहे हैं कि उनपर सोनिया के खास अहमद पटेल का बरदहस्त है, और मामला अल्पसंख्यक का है, मनमोहन सरकार अल्पसंख्यकों और दलितो ( विशेषकर विवादास्पद व भ्रष्टाचार आरोपियों) को बहुत तरजीह दे रही है। और जो नये मानव संसाधन विकास मंत्री बने हैं पल्लम राजू वो तो आंध्र प्रदेश के हैं जिसकी राजधानी हैदराबाद में कुलपति रहा हूं।  सो उनको(सैयद  हसनैन) इसबार यूजीसी का अध्यक्ष बनने से कोई नहीं रोक सकताहसनैन इसलिए भी उत्साहित हैं क्योंकि इसके पहले दलित थोराट यूजीसी के चेयरमैन थे। जिसके समय में यूजीसी में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार और जातिवाद बढ़ने का आरोप है। जिसने अपनी जाति के तमाम चहेते आरोपियों को यूजीसी में बड़े-बड़े पदों पर नियुक्त कराया,प्रोजेक्ट दिलाया। यूसीसी सेक्रेटरी पद पर तो उसने दो टर्म तक दो दलितों को बिना नियुक्ति के एक्टिंग सेक्रेटरी रखकर ही काम चलाया।उसके बाद इसी तरह से निलोफर काजमी को एक्टिंग सेक्रेटरी बना दिया गया। जिसको सेक्रेटरी पद पर नियुक्त कराने के लिए हसनैन व थोराट(यूजीसी के चेयरमैन पद से हटने के बाद दलित सांसदों से सोनिया गांधी के यहां लाबिंग कराकर इंडियन काउंसिल आफ सोसल साइंसेज रिसर्च का अध्यक्ष बन गये हैं) लगा गोलबंद हो गये थे। सेक्रेटरी पद पर निलोफर की नियुक्ति नहीं हुई तो उन्होंने  कई जगह शिकायत किया कि सेलेक्शन कमेटी में अल्पसंख्यक सदस्य नहीं रखा गया। जिसकी जांच के लिए  एक कमेटी बनी थी जिसमें हसनैन थे। कहा जाता है कि हसनैन ने जांच को जितना हो सके अधिक दिनों तक खींचने की हर संभव कोशिश किया।असत्य तर्क देते रहे कि नियम के अनुसार 10 से कम पदों के साक्षात्कार  के सेलेक्शन कमेटी में अल्पसंख्यक सदस्य होना ही चाहिए। जब उनसे इस नियम की कापी दिखाने को कहा गया तो वह कहे कि जहां ठहरे हैं उस कमरे में बैग में है। जब वहां से लाकर दिखाने को कहा गया तो इधर-उधर करने के बाद कहने लगे कि नहीं मिल रहा है। इसतरह वह कमेटी को गुमराह करने की कोशिश करते रहे। क्योंकि नियम के अनुसार बहुत कम पदों के साक्षात्कार में अल्पसंख्यक सदस्य का रखा जाना जरूरी नहीं है। निलोफर काजमी की तरफदारी में थोराट और हसनैन दोनों ने मिलकर जितना हो सका लाबिंग किया । लेकिन यूजीसी सेक्रेटरी के सेलेक्शन के लिए दूसरी बार बनी कमेटी ने 22अक्टूबर 2012 की बैठक में, निलोफर काजमी ने प्रो.वेद प्रकाश के खिलाफ जो भी आरोप लगाये थे सबको आधारहिन बताते हुए खारिज कर ,काजमी को सेक्रेटरी पद से हटा दिया । और वैज्ञानिक अखिलेश गुप्ता को सेक्रेटरी पद के लिए चुन लिया। गुप्ता के बाद दूसरे नम्बर पर नाम नेहू के प्रोफेसर नजमा अख्तर का था। यह हालत है हसनैन थोराट मंडली की ।  पंकज चंद्रा उस एक प्रबंध संस्थान के निदेशक हैं जिसके चेयरमैन मुकेश अंबानी हैं।वह मुकेश अंबानी के सहयोग से यूजीसी अध्यक्ष बनने की कोशिश कर रहे हैं। मुकेश अंबानी जल्दी ही शिक्षा के धंधे में उतरने वाले हैं और देश का सबसे बड़ा निजी विश्वविद्यालय बनाने वाले हैं । परशुरमन टाटाइंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज के प्रमुख हैं। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के यसमैन हैं अनंत। मोंटेक ने इनको सांख्यिकी मंत्रालय  चीफ स्टैटिसियन नियुक्त करा रखा है। और अब उनको अपने आका मनमोहन सिंह की कृपा से यूजीसी चेयरमैन बनवाने पर आमादा हैं।  प्रो.वेद प्रकाश यूजीसी के वाइस चेयरमैन हैं और लगभग डेढ़ साल से अपने कमरे में बैठ कर चेयरमैन का काम भी देख रहे हैं।   देखिए इन 5 में से किस पर सोनिया मनमोहन सरकार और उसके नये मानव संसाधन विकास मंत्री की कृपा होती है।
यह खबर "पंजाब केसरी" ,दिल्ली में 2दिसम्बर 2012 को पेज 3 पर कुछ काट छांट कर छपी है।