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आईआईआईटी इलाहाबाद के डिप्टी रजिस्ट्रार पद की नौकरी से निकाले गये चोरगुरू डा. दीपक केम
आईआईआईटी इलाहाबाद के डिप्टी रजिस्ट्रार पद की नौकरी से निकाले गये चोरगुरू डा. दीपक केम
-कृष्णमोहन
सिंह
CHORGURU Dr.Deepak Kem |
निदेशक 29 अक्टूबर
2012
आईआईआईटी
इलाहाबाद
देवघाट,झालवा
इलाहाबाद-211012
विषय-इंटरनेट
से सामग्री चोरी करके अपने नाम से किताबें छपवाने वाले व इसके चलते जामिया मिलिया
इस्लामिया,दिल्ली से रीडर पद से बर्खास्त व दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा बर्खास्तगी को
जायज ठहराने के बाद भी डा.दीपक केम को डिप्टी रजिस्ट्रार पद पर नियम विरूद्ध
नियुक्ति के संबंध में ।
महोदय,
मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि डा.
दीपक केम जिन्हें वर्तमान में डिप्टी रजिस्ट्रार,आईआईआईटी ,इलाहाबाद के पद पर
नियुक्त किया गया है के विरूद्ध कई अनियमितताएं हैं। देशी-विदेशी लेखकों की
पुस्तकों व शोध सामग्री को हूबहू चुराकर अपने नाम किताबें प्रकाशित कराने पर
इन्हें जामिया मिलिया इस्लामिया,दिल्ली के रीडर पद से 13 जून 2011 को बर्खास्त कर
दिया गया था।डा.दीपक केम इसके विरूद्ध दिल्ली उच्च न्यायालय गए। उनकी याचिका की
सुनवाई करने के उपरांत बर्खास्तगी को न्यायालय ने सही ठहराया। इससे असंतुष्ट
डा.केम ने दो जजों की पीठ के समक्ष पुन:याचिका प्रस्तुत की। दो जजों
की पीठ ने भी 10 अप्रैल 2012 को एकल पीठ के फैसले को सही तो ठहराया ही,डा.दीपक केम
के कृत्य को कत्तई क्षमा योग्य न होने की बात भी कही। साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं में
इस तरह के चोर गुरूओं की नियुक्ति पर
चिंता भी जाहिर किया।
यह अत्यंत आश्चर्य जनक है कि तमाम घोटालों के
आरोपी डा.दीपक केम को दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले के लगभग 3 माह बाद जुलाई 2012 के मध्य में आईआईआईटी इलाहाबाद में
डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त कर दिया गया।
डा.दीपक केम के पिता टीआर केम ( यूजीसी की एक
ईकाई ,सीईसी में निदेशक हैं) और आईआईआईटी इलाहाबाद के निदेशक डा. मुरलीधर तिवारी
के साथ यूजीसी में काम किये हैं। कहा जाता है कि इलाहाबाद के निदेशक डा.मुरलीधर
तिवारी ने दीपक केम के बारे में सब कुछ जानते हुए भी जिप्टी रजिस्ट्रार पद पर
नियुक्त कराया।
मुझे आश्चर्य है कि इतने गम्भीर आरोपों के बाद
भी डा. दीपक केम की नियुक्ति कैसे की गई ? आपसे आग्रह है कि इस मामले
में जांच कराकर इस फर्जीवाड़े में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का
कष्ट करें।
कृत कार्रवाई से मुझे भी अवगत कराएं।
भवनिष्ठ
हर्षवर्धन
इस
प्रत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मानव संसाधन विकास मंत्री के
यहां भी 29 अक्टूबर 2012 को दे दी गई।
चोर
गुरू डा.दीपक केम की नियुक्ति को रद्द करने के लिए इसके पहले कैलाश गोदुका और
सांसद राजेन्द्र सिंह राणा ने भी मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र लिखा था।जिसकी
खबर इस अखबार में सितम्बर 2012 के तीसरे सप्ताह में छपी थी।अरविंद केजरीवाल के साथ
मिलकर परिवर्तन संस्था शुरू करने वाले कैलाश गोदुका ने आईआईआईटी इलाहाबाद के
निदेशक को भी दीपक केम की नियुक्ति की जांच
कराने और नियुक्ति रद्द करने के लिए 31 अक्टूबर 2012 को पत्र लिखा।
इस
सबका परिणाम यह हुआ कि अपने धत्कर्म का खुलासा हो जाने और चारो तरफ से घिर जाने के
चलते आईआईआईटी इलाहाबाद के निदेशक डा.मुरलीधर तिवारी ने अपना गला बचाने के लिए
डा.दीपक केम की नियुक्ति 5 नवम्बर 2012 को
रद्द कर दिया।
और
इसके बारे में सांसद हर्षवर्धन को 17-11-2012 को निम्न पत्र लिख कर सूचित किया-
आदरणीय
महोदय,
आपका पत्रांक VIP/MP/HV/2012-294 दिनांकित 29/10/2012 जो डा. दीपक केम को हमारे
संस्थान में डिप्टी रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति से संबंधित है प्राप्त हुआ। आपके
पत्रानुसार इस प्रकरण में उचित जांच की गई और डा. दीपक केम को दिनांक 05.11.2012
के दिन से हमारे संस्थान से अवमुक्त कर दिया गया है।
सादर,
भवदीय,
(मुरलीधर
तिवारी)
यह समाचार स्वदेश,इंदौर में दिनांक 30नवम्बर2012 को पेज 5 पर छपा है ।