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आपके
कालेज,महाविद्यालय,विश्वविद्यालय में कई भ्रष्ट्राचारीगुरू,चोरगुरू होंगे। बहुत से कुलपति और रजिस्ट्रार भी जिस तरह से नियुक्त हो
रहे हैं और भ्रष्टाचार,जातिवाद
को बढ़ावा दे रहे हैं, कालेज और विश्वविद्यालय के भवन निर्माण,पुस्तक खरीद ,नियुक्ति में मोटा
चढ़ावा ले रहे हैं
उससे शिक्षा के ये मंदिर भ्रष्टाचार के
गटर बनते जा रहे हैं। यदि कोई पुलिस वाला या मास्टर या कोई अन्यधंधा करने वाला अपने किसी पंथी
नेता से केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के यहां सिफारिश लगवाकर , राष्ट्रपति के यहां जुगाड़ लगवाकर या पुष्पम् -पत्रम् चढ़ाकर कुलपति बन जाता है और उसके बाद
अपनी ही जाति के एक चोरगुरू को प्रोफेसर व हेड बनाता है। खुद भी भ्रष्टाचार करता है और उसका
सजातीय चोरगुरू भी करता है तो आप खुद सोच सकते हैं कि इससे छात्रों को
क्या शिक्षा मिलती होगी। देश की गरीब जनता से फोन बिल में शिक्षा शुल्क
के नाम पर ,अन्य तरह से कर (टैक्स) लगाकर धन क्या ऐसे चोरों,भ्रष्टाचारियों को कुलपति बनाने ,प्रोफेसर बनाने ,शिक्षण संस्थाओं की स्वायत्तता (आटोनामी
), लूट
की खुली छूट देने के लिए किया जा रहा है ? ऐसे चोर,भ्रष्टाचारी कुलपति,प्रोफेसर,शिक्षक उनके रैकेट में शामिल देश व राज्यों के
शिक्षा मंत्रालयों के कुछ तथाकथित भ्रष्ट घूसखोर
मंत्री,सचिव,संयुक्त सचिव ,ओएसडी,यूजीसी के तमाम घूसखोर अफसर ,राज्यों के कई राज्यपाल, उनके चहेते अफसर पूरा रैकेट
बनाकर काम कर रहे हैं। इन भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध प्रमाण सहित
केस दर्ज कर न्याय मांगने जाइये तो वहां भी ज्यादेतर निराशा ही हाथ लग रही है।इसकी
वजह जाननी हो तो इनदिनों सर्वोच्च न्यायालय के
पूर्व न्यायाधीश मार्कंडे काटजू द्वारा कुछ जजों व न्यायपालिका की असलीयत उजागर करने वाले लेख को
पढ़ लें। ऐसे में अपने बच्चों, छात्रों
के भविष्य़ को देशी विदेशी विद्वानों की पुस्तकों,शोधपत्रों आदि को हूबहू उतारकर पीएचडी,डीलिट कर ,पुस्तकें अपने नाम से छपवा,शोध पत्र अपने नाम से बनवा कर लेक्चरर,रीडर प्रोफेसर पद पर नियुक्त होने ,प्रमोशन पाने ,कुलपति बनने वाले चाोरगुरूओं,उनको नियुक्त करने ,प्रमोशन देने वाले भ्रष्टाचारी कुपतियों,डीन,हेड व कुलसचिवों से बचाने का एक ही
उपाय है । वह है ऐसे सफेदपोशों की असलीयत उजागर किया जाय। इनके विरूद्ध
सभी संबंधित विभागों में प्रमाण सहित लिखकर कार्रवाई करने की मांग की जाय।
इनके लूट तंत्र व रैकेट को उजागर किया जाय ।
आपके
महाविद्यालय,विश्वविद्यालय,शिक्षा मंत्रालय में ऐसे कोई
हैं तो उनका प्रमाण सहित चिट्ठा
sattachakra@gmail पर
ई-मेल कीजिए।