ऐसा लगता है
जैसे मोदी को स्मृति का कुछ देना है- मधु किश्वर
अगर स्मृति को राहुल गांधी का सामना करने का ईनाम मिला तो
फिर कोई अजय अग्रवाल की बात क्यों नहीं करता जिन्होंने सोनिया गांधी
का सामना किया और दो लाख वोट पाए
'स्मृति ईरानी तो उनमें से हैं जो बड़े-बड़ों के भरोसे रहती हैं।
पहले प्रमोद महाजन थे, फिर गोपीनाथ मुंडे और नितिन
गडकरी आए और अब मोदी,अमित शाह हैं।'
नई दिल्ली। गुजरात में नरेन्द्र मोदी जब मुख्यमंत्री थे तब
उनके काम सामाजिक कार्यकर्ता मधु किश्वर को बहुत ही अच्छे लगे। इतने ज्यादे की
मोदी व उनके गुणगान में एक किताब ही लिख दिया। लेकिन वही मधु किश्वर उस समय बिफर
पड़ीं जब मोदी ने इंटर पास अपनी प्रिय स्मृति मेहरोत्रा जुबीन ईरानी को इस देश का
मानव संसाधन विकास मंत्री बना दिया। वैसे तो मैडम को मानव संसाधन विकास मंत्री
बनवाने में अमित शाह का भी बहुत बड़ा हाथ है । लेकिन बनाया तो मोदी ने ही। सो मधु
किश्वर ने केंद्र सरकार में मोदी की मंत्री स्मृति ईरानी की काबिलियत पर सवाल उठा दिया ।और
अब कहती हैं कि लगता है मोदी पर किसी ने काला जादू कर दिया है ।
एक अंग्रेजी न्यूज साइट को दिए इंटरव्यू में किश्वर से जब पूछा गया कि मोदी को लेकर अपनी निराशा पर आप क्या कहेंगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है किसने उन पर काला जादू कर दिया है। न्यूज साइट स्क्रॉल के मुताबिक किश्वर ने कहा, 'गुजरात सरकार की जो तारीफ मैंने की थी, मैं आज भी उस पर कायम हूं। यह पूरी तरह सच थी। उन्हें (मोदी को) गुजरात में किए काम का ईनाम भी मिला और आज वह प्रधानमंत्री हैं। लेकिन इसके बाद एक नया अध्याय शुरू होता है। अब उनका नया आकलन होगा। लेकिन जो सब हो रहा है वह किसी को समझ नहीं आ रहा, मुझे भी नहीं। यह काला जादू है जो किसी ने कर दिया है। मुझे यकीन नहीं होता कि ऐसा हो रहा है। शायद मोदी की अभी तक पकड़ नहीं बनी है। शायद दिल्ली ने उन्हें भटका दिया है। लेकिन अभी कोई फैसला सुनाना बहुत जल्दबाजी होगी। मैं अभी इंतजार कर रही हूं। मैं अभी दूरी बनाए हुए हूं।'
एक अंग्रेजी न्यूज साइट को दिए इंटरव्यू में किश्वर से जब पूछा गया कि मोदी को लेकर अपनी निराशा पर आप क्या कहेंगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है किसने उन पर काला जादू कर दिया है। न्यूज साइट स्क्रॉल के मुताबिक किश्वर ने कहा, 'गुजरात सरकार की जो तारीफ मैंने की थी, मैं आज भी उस पर कायम हूं। यह पूरी तरह सच थी। उन्हें (मोदी को) गुजरात में किए काम का ईनाम भी मिला और आज वह प्रधानमंत्री हैं। लेकिन इसके बाद एक नया अध्याय शुरू होता है। अब उनका नया आकलन होगा। लेकिन जो सब हो रहा है वह किसी को समझ नहीं आ रहा, मुझे भी नहीं। यह काला जादू है जो किसी ने कर दिया है। मुझे यकीन नहीं होता कि ऐसा हो रहा है। शायद मोदी की अभी तक पकड़ नहीं बनी है। शायद दिल्ली ने उन्हें भटका दिया है। लेकिन अभी कोई फैसला सुनाना बहुत जल्दबाजी होगी। मैं अभी इंतजार कर रही हूं। मैं अभी दूरी बनाए हुए हूं।'
लोकसभा चुनावों के दौरान मधु किश्वर की किताब 'मोदीनामा' की काफी
चर्चा हुई थी। इस किताब में उन्होंने मोदी के गुजरात में किए काम
की खूब तारीफ की थी। लेकिन बाद में उन्होंने स्मृति ईरानी को मानव संसाधन
विकास मंत्री बनाए जाने की जमकर आलोचना की। इस बारे में उन्होंने कहा, 'ऐसा
लगता है जैसे मोदी को स्मृति का कुछ देना है। लेकिन मैं व्यवस्थित तरीके से साबित
कर सकती हूं । उनका कोई राजनीतिक आधार नहीं है। वह बीजेपी की उपाध्यक्ष
थीं लेकिन ऐसी एक भी सीट नहीं है जहां से वह एक चुनाव भी जीत सकें। वह तो
वरुण गांधी तक नहीं हैं जो न सिर्फ चुनाव जीतते हैं बल्कि विधायकों के
चुनाव जितवाते भी हैं। वह संगठन खड़ा करने वालीं अमित शाह नहीं हैं। वह बस
रटवाए गए भाषण देती हैं। अगर उन्हें राहुल गांधी का सामना करने का ईनाम
मिला तो फिर कोई अजय अग्रवाल की बात क्यों नहीं करता जिन्होंने सोनिया गांधी
का सामना किया और दो लाख वोट पाए? स्मृति ईरानी
तो उनमें से हैं जो बड़े-बड़ों के भरोसे रहती हैं।
पहले प्रमोद महाजन थे, फिर गोपीनाथ मुंडे और नितिन
गडकरी आए और अब मोदी हैं।' अमित शाह भी।
किश्वर ने अपने बारे में कहा कि वह तो अरुण शौरी जैसी हैं जो उचित आलोचना करते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह न तो भाजपा से किसी तरह जुड़ी हैं और न ही किसी तरह का फायदा चाहती हैं या उठा रही हैं।
किश्वर ने अपने बारे में कहा कि वह तो अरुण शौरी जैसी हैं जो उचित आलोचना करते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह न तो भाजपा से किसी तरह जुड़ी हैं और न ही किसी तरह का फायदा चाहती हैं या उठा रही हैं।