-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। महिला लेखिकाओं को छिनाल (वेश्या) कहने वाले , महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय,वर्धा के पुलिसिया कुलपति विभूति नारायण को बचाने की भूमिका तैयार हो गई है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की सहमति से अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार ने यह भूमिका तैयार की है । मलयाली सुनील कुमार के जिम्मे ही उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी है।
महिला लेखिकाओं को छिनाल (वेश्या) कहने वाले विभूति नारायण राय को कुलपति पद से बर्खास्त करने के लिए आज ( 03-08-10) सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर वामपंथी सांसद बृंदा कारात,जनवादी लेखक संघ की रेखा अवस्थी आदि लगभग 10 महिलाओं का एक प्रतिनिधि मंडल मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मिला। उनसे कहा कि कदाचार,भ्रष्टाचार,लंपटता,नीच प्रवृति के आरोपी विभूति नारायण राय को म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के कुलपति पद से बर्खास्त कीजिए। जिस पर कपिल सिब्बल ने जो कहा उसका लब्बोलुआब –
1- मेरे हाथ बंधे हुए हैं,कुलपति को बर्खास्त नहीं किया जा सकता।
2- मैंने कुलपति को बुलाया था। कहा कि महिला लेखिकाओं के बारे में जो कहा है उस पर माफी मांगिये वरना कार्रवाई होगी।
इस पर प्रतिनिधिमंडल की महिलाओं ने कहा कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार,अपने सजातियों व नकलकरके किताबें लिखने वालों को नियुक्त करने,बचाने आदि मामले हैं ,उस पर भी कार्रवाई कीजिए। तब कपिल सिब्बल ने कहा- मेरे पास अभी तक इस बारे में कोई शिकायत नहीं आई है। आप लोग उसके लिए अलग से लिखकर कुछ प्रमाण सहित मुझको दे दीजिए।
सिब्बल से मिलकर बाहर निकलते ही( 11 बजकर 55 मिनट पर) बृंदा कारात संसद चली गईं । बाकी महिलाओं ने आपस में राय बात की। और तय हुआ कि यदि मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने विभूति नारायण राय के खिलाफ इस मामले से लगायत अन्य मामलों की जांच कराकर बर्खास्त नहीं किया तो महिलाओं का इससे भी बड़ा प्रतिनिधि मंडल म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के विजिटर / राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मिलेगा ,इसको बर्खास्त करने का प्रतिवेदन देगा। यदि इसके बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई , केवल माफी मंगवाने का खानापूर्ति करवाकर छोड़ दिया गया तो महिला लेखिकाएं व संगठन महाराष्ट्र,दिल्ली,उ.प्र.आदि राज्यों में धरना –प्रदर्शन करेंगे। क्योंकि सिब्बल ने जो कहा है उससे लग रहा है कि मामले की लीपापोती करके विभूति नारायण राय को बचाने की भूमिका तैयार कर ली गई है।वरना यही प्रख्यात वकील से मंत्री बने सिब्बल यह अच्छी तरह जानते हैं कि विभूति नारायण राय के तमाम धतकर्मों व कहे की जांच एक जांच कमेटी से कराकर उसके रिकमेंडेशन के आधार पर उसको (विभूति राय)कुलपति पद से हटाया जा सकता है। यह करने के लिए कुलपति विभूति को ससपेंड करके या उनका पावर अभी से सीज करके किसी और को चार्ज दे दिया जाय और उनके खिलाफ जांच कमेटी बनाया जा सकता है, जिससे एक-माह में रिपोर्ट मांग कर उसके आधार पर कार्रवाई हो सकती है। आईआईटी मुंबई के एक निदेशक मिश्रा और एआईसीटीई के चेयरमैन यादव को किस तरह हटाया गया। उदाहरण तो तमाम हैं।
कहा जा रहा है कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष छवि बनाकर जुगाड़ व सम्पर्क से अपना काम निकालने ,पद पाने में माहिर विभूति नारायण राय ने एक मलयाली अरविन्दाक्षन को अपने वि.वि. में प्रोवीसी इसीलिए बनाया है ताकि अरविन्दाक्षन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव व उच्च शिक्षा के प्रभारी मलयाली सुनील कुमार कुरूप को पटाकर विभूति राय को तमाम धतकर्म मामलों में बचाता रहे।
यह भी चर्चा है कि विभूति ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के पति देवी सिंह पाटिल व पुत्र के यहां भी जुगाड़ लगा लिया है। उनके मार्फत गोटी सेट कर रहा है । वर्धा में तो यह भी चर्चा है कि देवीसिंह के तथाकथितखास कैलाश खामरे को विभूति ने रजिस्ट्रार बनाया है।
इसने उ.प्र. के वाराणसी और आजमगढ़ व अन्य जगहों पर वि.वि. का सेंटर खोलने के लिए विज्ञापन निकलवाया था जिसके लिए पहले से ही सेटिंग कर लेने की बात चर्चा में है। इन सेंटरों पर नियुक्ति के लिए अभी से बहुत से लोगों के सामने चारा फेंके जाने का आरोप लगने लगा है। हिन्दी में एम.ए. किये और अंग्रेजी नहीं जानने के बाद भी इंटरनेट से मैटर कट-पेस्ट करके अपने नाम से सेटेलाइट से लगायत कम्यूनिकेशन मैनेजमेंट आदि तक कि लगभग एक दर्जन पुस्तकें छपवालेने वाले ,उसका लेखक बन जाने वाले ,शोध-पत्र लिखने वाले चोरगुरू अनिल कुमार राय उर्फ अनिल के. राय अंकित को इसी विभूति राय ने म.गां.अं.हि.वि.वि.वर्धा में पत्रकारिता का प्रोफेसर – हेड बना दिया, वामपंथी लेखिका महाश्वेता देवी के कहने पर कृपा शंकर चौबे को रीडर बना दिया । इससबकी सेटिंग पहले से ही हो गई थी। स्क्रीनिंग,साक्षात्कार का केवल कागजी खानापूर्ति की गई ।
विभूति राय ने इसी तरह खुफिया पुलिस में रहे अपनी जाति के भरत भारद्वाज को ले आकर विश्वविद्यालय की पुस्तिका “पुस्तक वार्ता” का सम्पादक बना दिया है। जो महिलाओं को छिनाल कहने के मामले में स्टार न्यूज पर बहस में विभूति नारायण राय का जी-जान से उसी की तरह कुतर्की बचाव कर रहे थे। महिलाओं को छिनाल छापने वाली नया ज्ञानोदय पत्रिका के सम्पादक रवीन्द्र कालिया की सगी पत्नी ममता कालिया को वि.वि. की एक पत्रिका का सम्पादक इसी विभूति राय ने बना दिया है।
इधर दिल्ली में चर्चा है कि विभूति नारायण राय ने सीपीआई के ए.वी.वर्धन व इसी तरह के अन्य कामरेडो के अलावा अपने सजातीय कुछ नेताओं से केन्द्र सरकार में जगह – जगह जुगाड़ लगवाकर बचाव का उपक्रम कर रहे हैं। कहा जाता है कि ए.वी.वर्धन ही हैं जिन्होंने प्रतिभापाटिल को फोन करके कहा था कि आप विभूति नारायण का नाम म.गां.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के लिए ओ.के. कर दीजिए, वह बहुत बड़ा सेकुलरिस्ट है उसके वहां जाने से बहुत बड़ा काम होगा। इस सबके चलते इस वि.वि. के लम्बे समय से चांसलर नामवर सिंह की भी चुप्पी का निहितार्थ समझा जा सकता है। वह चुप्पी साधकर व आंखमूद कर धतकर्मों का नजरंदाज करते हुए विभूति नारायण राय का बचाव कर रहे हैं।वैसे इसकी वजहें और भी बहुत हैं।