Tuesday, May 7, 2013

sadharan telar ki beti ne kiya top


कैसे एक साधारण टेलर की बेटी ने टॉप किया 12वीं बोर्ड
Dainikbhaskar.com से साभार
जयपुर। राजस्थान बोर्ड 12वीं कॉमर्स में टॉप करने वाली पारूल गहलोत का सपना है आरबीआई गवर्नर। इस छोटी सी लड़की की हौसले की उड़ान उसके व्यक्तित्व से कई गुना ज्यादा है। उसके पिता अशोक गहलोत की टेलरिंग की छोटी सी दुकान है। वो कपड़े सिल-सिलकर अपनी तीनों बेटियों को पढ़ा रहे हैं। वे बताते हैं कि उनके लिए तो उनकी बेटियां ही सबकुछ हैं। जब मंगलवार सुबह शिक्षा मंत्री का फोन आया तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि उनकी बेटी ने टॉप किया है। लेकिन जैसे ही बोर्ड अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री ने उन्हें बधाई दी और बताया कि बेटी ने सूबे में अव्वल किया है, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। तब से बधाई देने वालों के फोन का तांता लगा हुआ है।

हर रोज छह घंटे की सेल्फ स्टडी

गीता बजाज स्कूल की स्टूडेंट पारुल का कहना है कि उन्हें थ्योरी से ज्यादा प्रेक्टिकल पंसद है, इसलिए कॉमर्स चुना था। इस परीक्षा के लिए छह घंटे से अधिक रोजाना सेल्फ स्टडी की थी। पढ़ाई के दौरान बड़ी बहन नेहा ने काफी मदद की थी। उन्हें टॉप 10 में जगह बनाने की उम्मीद तो थी लेकिन नंबर 1 पर रहने की उम्मीद नहीं थी। पारूल की मां कुसुम गृहिणी हैं। बहुत ज्यादा शिक्षा का बैकग्राउंड ने होने के बावजूद पारूल ने खुद जमकर मेहनत की। वो खुद ही घर पर रोज पढ़ाई करती थी। मां-पिता ने भी उसकी हरसंभव मदद की, जिसका परिणाम है कि उसने 12वीं बोर्ड कॉमर्स में पूरे प्रदेश में टॉप किया।

टीवी रिपेयर कर पढ़ाया बेटे को

आगरा रोड निवासी विकास कुमार सैनी ने 90.20 प्रतिशत अंक अर्जित करके 8वीं रैंक हासिल की है। विकास की सीए बनने की इच्छा है। विकास ने इस परीक्षा में रोजाना छह से सात घंटे की पढ़ाई की थी। विकास के पिता कमलेश कुमार सैनी की टीवी रिपेयरिंग की दुकान है और मां जमना देवी गृहिणी है। पिता कमलेश ने टीवी और छोटे-मोटे इलेक्ट्रिकल्स की चीजें ठीक कर अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। कमलेश कहते हैं मेरिट में आकर विकास ने मेरी मेहनत सफल कर दी है। विकास की दो बहनें है और वो बीकॉम कर रही है। पढ़ाई के दौरान बहनों ने विकास का काफी सहयोग किया था।

खेल-खेल में पहुंची मेरिट लिस्ट में

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वीं रैंक हासिल करने वाली पूजा नयाल ने बताया कि वो रोजाना पांच से छह घंटे पढ़ाई की थी। उनके पिता भगवान सिंह नयाल प्राइवेट जॉब में है। लेकिन अपनी सफलता के पीछे वो अपनी परिवार के सहयोग का शुक्रिया अदा करती हैं, जिसकी बदौलत आज वे मैरिट में पहुंची है। पूजा के स्कूल की प्राचार्य डॉ. मधु शर्मा ने बताया कि पूजा का गेम्स में भी अच्छा प्रदर्शन रहा है और खो-खो नेशनल में खेल चुकी है। पूजा कहती है कि वो पढ़ाई को भी खेल की तरह लेती है और यही उसकी सफलता का रहस्य है।
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