Friday, May 24, 2013

these toppers girls are not any corrupt guru's daughter


 
भोपाल ,23 मई 2013
मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड में 12वीं कक्षा की परीक्षा में टाप किया दृष्टिविहिन सृष्टि तिवारी,
, 10 वीं की परीक्षा में टाप किया अति गरीब , झुग्गी में रहनेवाली पूनम घोरे

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि इस वर्ष 12वीं की टॉपर दृष्टिबाधित सृष्टि तिवारी व 10वीं की टॉपर पूनम घोरे को दो-दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
सृष्टि दमोह में अपने नाना-नानी के पास रहती है। वे उसकी पढ़ाई में मदद करते हैं। कला समूह में उसने 500 में से 481 अंक हासिल कर प्रदेश की मैरिट सूची में पहला स्थान पाया है। इसी प्रकार पूनम बैतूल में रेलवे लाइन के पास बनी एक झोपड़ी में रहती है। उसके पिता बीमार है और चारपाई तक सीमित हंै। 10वीं बोर्ड में उसने 600 में से 587 अंक हासिल कर मेरिट में पहला स्थान प्राप्त किया है।
रेलवे ट्रैक के पास झोपड़ी में पढ़ाई

छोटी सी खोली, चारपाई पर बीमार पिता, नीम तले पढ़ाई...। उस पर हर पांच मिनट में गूंजने वाली ट्रेनों की आवाज, वाहनों का कर्कश शोर...। लेकिन उसे इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता था।  उसे तो चांद छूना था, सो आज छू भी लिया। बात हो रही है पूनम घोरे की। जिसने 10वीं में 600 में से 587 अंक लाकर पूरे प्रदेश में टॉप किया। भोपाल-नागपुर रेल लाइन के गेट नं 256 के पास 200 वर्गफीट की झोपड़ी में रहने वाले गनपति घोरे और प्रमिला की इकलौती बेटी है पूनम।

बीमारी ने गनपति को चारपाई तक सीमित कर दिया। प्रमिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। पूनम के घर के सामने से रोज 140 पैसेंजर ट्रेनें, मालगाड़ी निकलती हैं। पास से ही दिनभर सैकड़ों वाहन भी गुजरते हैं। तेज हॉर्न के बावजूद वो हर दिन 6 से 7 घंटे पढ़ती है। शासकीय उत्कृष्ट बहुउद्देशीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बैतूल में पढऩे वाली 16 साल की पूनम ने न तो कभी ट्यूशन ली और न उसे किसी ने अलग से पढ़ाया।