महात्मागांधी काशी विद्यापीठ , वाराणसी के भ्रष्टाचारी गुरू प्रो.
राम मोहन पाठक पर विश्विद्यालय अनुदान आयोग( यूजीसी) से लगभग 5
लाख रूपये मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट के नाम
पर लेकर घोटाला करने ,डकार जाने
का आरोप है। प्रमाण
सहित लगातार शिकायत मिलने के बावजूद और घोटालेबाज व उसके विश्वविद्यालय के कुलपति तथा कुलसचिव को
केवल नोटिस भेजकर मामले को लटकाते रह भ्रष्टाचारी प्रोफेसर को मिलिभगत से
बचाने के आरोप में जब यूजीसी के अफसरों पर मुकदमा चलने की नौबत आई तब भ्रष्टाचारी गुरू राम मोहन पाठकको बचाने वाले कुलपति
डा.पृथ्वीश नाग को इस घोटाले की जांच कराने की पाती , राम मोहन के सेवा निवृति के दिन 01 अप्रैल 2013 को दिन में फैक्स व स्पीड पोस्ट कर दी गई। जिसमें इस
घोटाले की जांच 3 माह में कराकर ,
रिपोर्ट यूजीसी को देने को कहा गया है।
चर्चा
है कि भ्रष्टाचारी गुरू राममोहन पाठक इस मामले की लीपा पोती कराने की कोशिश कर रहा है।
जिन
लोगोंने राममोहन पाठक के इस
घोटाले की शिकायत की है वे
यदि इसकी जांच
पर कड़ी निगाह नहीं रखे तो मामले की लीपापोती होने की पूरी संभावना है।
जांच
कराने के लिए किसको नियुक्त किया जा रहा है , वह राममोहन पाठक का तरफदारी करने वाला हो तो उस पर आपत्ति
करके किसी बाहर के अति ईमानदार आदमी को जांच में रखने की मांग करने, जांच में पारदर्शिता रखने, जांच की सूचना अखबार में निकलवाने ताकि जिसके पास भी
प्रमाण हो लाकर दे, जांच के लिए
किसको नियुक्त किया गया इसकी सूचना शिकायत कर्ता व संबंधित विभाग को देने आदि की प्रक्रिया पूरी कराने, इस मामले में
भ्रष्टाचार आरोपी व उसके संरक्षकों पर कड़ी निगाह रखने पर ही कुछ हो सकता है।
वरना....।
prof ram mohan pathak bhrastachari guru |