Saturday, April 27, 2013

VBSPU JAUNPUR (U.P.) KIS TARAH DABA RAHA HAI RTI

mahachorguru anil k.rai ankit, jisane kar diya shiksha  ko kalankit
chorguru ramji lal

chakarguru sinha
sattachakra.blogspot.com
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर (उ.प्र.) के कुलपति सुन्दर लाल के कार्यकाल में भी भ्रष्टाचारियों,भ्रष्टाचारी गुरूओं को उसी तरह प्रश्रय,संरक्षण दिया जा रहा है जिस तरह उनके पहले वाले कुलपति सारस्वत के समय दिया गया। इसके तमाम प्रमाण हैं। देखिये जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना का कोई जवाब ही नहीं देने का कारनामा।इस विश्वविद्यालय के कई चोरगुरू,दुराचरणीगुरू,भ्रष्टाचारीगुरू और इनके संरक्षक कुलपति, कुलसचिव ने  दिल्ली के दरियागंज के एक प्रकाशक,सप्लायर  जैन के साथ मिलकर भयंकर भ्रष्टाचार किये हैं। कहा जाता है कि चोरगुरूओं का पितामह पातंजलि था। जो इस विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के बाद इसे चोरगुरूओं,दुराचरणीगुरूओं,भ्रष्टाचारीगुरूओं का गढ़ बना दिया।इसका सबसे उर्वरा चेला चोरगुरू डा. अनिल कुमार राय अंकित है । हिन्दी में एम.ए. किया है और इंटरनेट से कट-पेस्ट करके सोलर,लाइट आदि ऐसे विषयों पर कैम्ब्रिज व आक्सफोर्ड वाली अंग्रेजी में लिखी सामग्री अपने नाम से छपवा कर, आधादर्जन से अधिक पुस्तकों का असली लेखक बन गया है। खुद पातंजलि ने भी इसी तरह नकल करके पुस्तकें लिखा है, यानी चोरगुरू है ।पातंजलि का दूसरा चोरगुरू चेला रामजी लाल है। सिन्हा भी है। और भी हैंइन सबकी पुस्तकें जैन ने छापा हैऔर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल वि.वि. में सप्लाई भी किया है। और सप्लाई कई करोड़ रूपये के पुस्तकों की हुई है।जिसमें करोड़ों रूपये के वारे – न्यारे होने के आरोप लगे हैं। चर्चा है कि जैन फिर सक्रिय हो गया है। सारस्वत के बाद  सुन्दरलाल के भी जैन के सुन्दर-सुन्दर जाल में आ जाने की चर्चा है। करोड़ो रूपये के पुस्तकों की खरीद की तैयारी फिर शुरू हो गई है।
अभी तो-
 वि.वि. के जनसूचना अधिकारी से 29 नवम्बर 2012 को जनसूचना अधिकार के तहत मांगी सूचना नहीं देने पर , कैलाश गोदुका द्वारा पूर्वांचल वि.वि. के प्रथम अपीलीय अधिकारी यानी कुलपति को , 23 अप्रैल 2013 को भेजा पत्र देखें-
29नवम्बर2012 का पत्र जल्दी ही-