भ्रष्टाचारी वीसी ने
अपने दो चहेतों को प्रोफेसर नियुक्त करने के लिए 20 अंक के वाइवा में 25 अंक दिया
दैनिक जागरण
हरजिंदर सिंह शैली,
अमृतसर। पंजाब की गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू)
में सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिलने वाली जानकारी से एक के बाद एक-एक कर वाइस चांसलर
प्रो. अजायब सिंह बराड़ द्वारा हैरान कर दिए जाने वाले कारनामे सामने आ रहे हैं। वीसी
ने असिस्टेंट प्रोफेसरों
की भर्ती में सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। उन्होंने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने
के लिए 20 अंकों वाले इंटरव्यू
में 25-25 अंक दे डाले।
गौरतलब है कि जीएनडीयू द्वारा नए
बनाए गए कांस्टीट्यूट कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी
किया था। उम्मीदवारों के अकादमिक व रिसर्च रिकार्ड को देखते हुए चयनित
उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया था। यह इंटरव्यू 19 सितंबर, 2011 को आयोजित किया गया था। यूजीसी के नियमों के अनुसार, उम्मीदवारों के लिए पचास फीसद अंक उनके अकादमिक व रिसर्च रिकार्ड, तीस फीसद अंक उनकी नॉलेज व तकनीक में महारत व बीस फीसद अंक इंटरव्यू में किए गए प्रदर्शन के आधार पर मिलते हैं। वीसी ने जिन उम्मीदवारों को असिस्टेंट प्रोफसर के पद पर नियुक्त किया, उन्हें इंटरव्यू के दौरान 20 में से 25 अंक दे दिया।
19 सितंबर, 2011 को जीएनडीयू कॉलेज वेरका के फिजिक्स विभाग के लिए सफल रहे उम्मीदवारों सोनिका ठाकुर व मनजिंदर कौर को 25-25 अंक दिए गए। ठीक उसी दिन नरोट जैमल सिंह कॉलेज में नियुक्त किए गए गुरप्रीत सिंह को भी 25 अंक मिले।
मामला सप्रमाण उजागर होने के बाद भ्रष्टाचारी कुलपति क्या कह रहा है देखें-“ यह अंक तकनीकी कारणों से ज्यादा चढ़ गए हैं। इसको सही करने के आदेश दिए जा चुके हैं।”