क्या राजभवन के नये पत्र का हश्र भी चोरगुरूओं के मामलों की तरह फर्जी गुरूओं के मामले को मात्र लीपापोती कर दबाने वाला होगा ?
sattachakra.blogspot.in
date08-01-2015,time 06.55p.m.
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों में कुलपतियों,कुलसचिवों,विभागाध्यक्षों,निजी महाविद्यालयों-विश्वविद्यालयों के मालिकों के मिलीभगत से नियुक्त व पढ़ा रहे अध्यापकों के लगभग 75 प्रतिशत नेट प्रमाण फर्जी हैं। यह खबर कई राज्यों के कई समाचार पत्रों में दिनांक 05-01-2015 को और दिनांक 06-01-2015 को छपी ।उ.प्र. के राज्यपाल रामनाइक को राज्य के विश्वविद्यालयों - महाविद्यालयों को चोरगुरूओं ,फर्जी गुरूओं,भ्रष्टाचारी गुरूओं ,उनको संरक्षण देने वाले कुलपतियों,कुलसचिवों से मुक्त कराने ,उनको कठोर सजा देने के बारे में "सम्पूर्ण परिवर्तन" नामक सामाजिक संस्था ने 05-01-2015 को पत्र लिखकर मांग की। जिसके बाद पहले के राज्यपालों की तरह राजभवन से एक पत्र वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति के नाम चला गया है । यह पहले की तरह फाइलों में दबा दिया जाता है या इस पर लीपापोती करके मामले को रफा-दाफा कर दिया जाता है या कोई कठोर कार्रवाई होती है,यह कुछ हप्ते,माह में पता चल जायेगा। लेकिन सवाल केवल पूर्वांचल विश्वविद्यालय और उसके अधिन महाविद्यालयों का ही नहीं है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी,सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी सहित राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों ,महाविद्यालयों का भी है। देखना है ईमानदार कहे जाने वाले रामनाइक चोरगुरूओं, फर्जी गुरूओं ,उनको संरक्षणदेने कुलपतियों,कुलसचिवों को कठोर सजा दिलाकर राज्य के शिक्षा तंत्र को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने की दिशा में कुछ कारगर पहल करते हैं या नहीं ।
तबतक हिन्दी समाचार पत्र "लोकमत",लखनऊ,दिनांक 06-01-2015 में पृष्ठ 1 पर छपी उ.प्र. के विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों के फर्जी नेट गुरूओं की यह खबर पढ़िये...
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उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों में कुलपतियों,कुलसचिवों,विभागाध्यक्षों,निजी महाविद्यालयों-विश्वविद्यालयों के मालिकों के मिलीभगत से नियुक्त व पढ़ा रहे अध्यापकों के लगभग 75 प्रतिशत नेट प्रमाण फर्जी हैं। यह खबर कई राज्यों के कई समाचार पत्रों में दिनांक 05-01-2015 को और दिनांक 06-01-2015 को छपी ।उ.प्र. के राज्यपाल रामनाइक को राज्य के विश्वविद्यालयों - महाविद्यालयों को चोरगुरूओं ,फर्जी गुरूओं,भ्रष्टाचारी गुरूओं ,उनको संरक्षण देने वाले कुलपतियों,कुलसचिवों से मुक्त कराने ,उनको कठोर सजा देने के बारे में "सम्पूर्ण परिवर्तन" नामक सामाजिक संस्था ने 05-01-2015 को पत्र लिखकर मांग की। जिसके बाद पहले के राज्यपालों की तरह राजभवन से एक पत्र वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति के नाम चला गया है । यह पहले की तरह फाइलों में दबा दिया जाता है या इस पर लीपापोती करके मामले को रफा-दाफा कर दिया जाता है या कोई कठोर कार्रवाई होती है,यह कुछ हप्ते,माह में पता चल जायेगा। लेकिन सवाल केवल पूर्वांचल विश्वविद्यालय और उसके अधिन महाविद्यालयों का ही नहीं है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी,सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी सहित राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों ,महाविद्यालयों का भी है। देखना है ईमानदार कहे जाने वाले रामनाइक चोरगुरूओं, फर्जी गुरूओं ,उनको संरक्षणदेने कुलपतियों,कुलसचिवों को कठोर सजा दिलाकर राज्य के शिक्षा तंत्र को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने की दिशा में कुछ कारगर पहल करते हैं या नहीं ।
तबतक हिन्दी समाचार पत्र "लोकमत",लखनऊ,दिनांक 06-01-2015 में पृष्ठ 1 पर छपी उ.प्र. के विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों के फर्जी नेट गुरूओं की यह खबर पढ़िये...