-सत्ताचक्रSATTACHAKRA-
-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय के कुलपति राजशेखरन पील्ले (V.N. RAJSHEKHARAN PILLAI) ने सजातीय मलयाली नौकरशाह सुनील कुमार (SUNIL KUMAR) की पत्नी को इग्नू में प्रोफेसर ग्रेड में निदेशक स्टूडेंट सपोर्ट बना दिया। जबकि इनका स्टूडेंट सपोर्ट से दूर-दूर का नाता व अनुभव नहीं है। सच्चाई यह है कि इनके मार्फत राजशेखरन पिल्ले अपने किये तमाम धतकर्मो को दबाने ,छिपाने, लीपा-पोती करने में इनके पति शिक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार का भरपूर सपोर्ट पा रहा है। दिनांक 15 मई 2010 को इग्नू में 10 निदेशक पदो के लिए 100 प्रत्याशियों का एक ही दिन में साक्षात्कार हुआ। जिसमें सुनिल कुमार की सगी पत्नी जयश्री कुरूप (JAISHREE KURUP) को भी प्रोफेसर ग्रेड दे निदेशक बना दिया गया। सुनील कुमार की पत्नी को किस तरह इग्नू में नौकरी दिया गया इसकी भी कुलपति –नौकरशाह लाभालाभ गठजोड़ की एक रोचक कहानी है।जिस समय अजीत जोगी छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे , उस समय मलयाली आईएएस अफसर सुनील कुमार उनके OSD / सलाहकार थे।तब इग्नू के कुलपति हनुमान प्रसाद दीक्षित थे। दीक्षित ने छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा कि इग्नू एक रीजनल सेंटर छत्तीसगढ़ में खोलना चाहता है,जिसके लिए डेपुटेशन पर कोई व्यक्ति दीजिए। जिसके जबाब में उनके OSD / सलाहकार सुनील कुमार ने 20 नाम भेजे जिसमें एक अपनी सगी पत्नी जयश्री कुरुप का नाम भी भेजा। कहा जाता है कि नाम तो आया 20 का लेकिन बायोडाटा आया केवल जयश्री कुरुप का। तो जयश्री को वहां असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर बना दिया गया।इसके कुछ समय बाद ही अर्जुन सिंह केन्द्र में मानव संसाधन विकास मंत्री बने तो सुनील कुमार शिक्षा मंत्रालय में दिल्ली आ गये। उनके साथ उनकी पत्नी भी दिल्ली आ गईं। उनको इग्नू , दिल्ली में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर बना दिया गया। जबकि दिल्ली में ऐसी कोई पोस्ट ही नहीं थी। और यदि बनाई गई तो कई वरिष्ठ प्रध्यापक पहले से ही दिल्ली तबादला के लिए अर्जी लगाये हुए थे।कुछ समय बाद कुरुप को दिल्ली में इग्नू के रीजनल सर्विसेज में उत्तर –पूर्वी राज्यों के प्रोजेक्ट का अध्यक्ष बना दिया गया। जबकि इनको नतो प्रोजेक्ट का अनुभव था नहीं उत्तर – पूर्वी राज्यों के काम का। यूजीसी में अफसर रहे राजशेखरन पिल्ले पीएमओ के मलयाली नौकरशाहो और मानवसंसाधन विकास मंत्रालय में पावरफुल मलयाली अफसर सुनील कुमार से पैरवी कराकर 2006 में इग्नू का कुलपति बने। पिल्ले ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अपने विरादर पावरफुल अफसर सुनील कुमार की और कृपा पाने के लिए उनकी पत्नी जयश्री कुरुप को ओपेन सेलेक्शन में रीडर ग्रेड में परमानेंन्ट रीजनल डायरेक्टर बना दिया। ढाई साल रीडर ग्रेड में रहने के बाद दिनांक 15 -05-10 को इनको प्रोफेसर ग्रेड में निदेशक स्टूडेंट सपोर्ट बना दिया । इस बीच ध्यान रखने वाली बात यह है कि इग्नू के कुलपति राजशेखरन पिल्ले पर भ्रष्टाचार के लगभग 41 आरोप हैं। जिनमें एक 3 साल पहले पैदा हुई अनजान, अदना सी मलेशियन वि.वि को एक साल पहले भारत में अपनी दुकान खोलने की इजाजत देने, याहू को इंजिनियरिंग की इन्ट्रेंस परीक्षा कंडक्ट कराने का सह ठेका देने, बिहार में आईबीएम की एक सब्सीडियरी को 200 करोड़ रू. से अधिक का उसके किये चार्टर प्लेन से पटना जाकर मनमानी तरीके से ठेका देने से लगायत मनमानी तरीके से नियुक्तियां करने, कई विश्वविद्यालयों को दूरस्त शिक्षा के लिए अनाप-शनाप तरीके से मान्यता देने व भ्रष्टाचार के आरोप हैं। ऐसे में पिल्ले के खिलाफ लगातार प्रमाण सहित शिकायत शिक्षा मंत्रालय में जा रही हैं। जांच की मांग हो रही है।कहा जाता है कि जिसे दबाने और पिल्ले को बचाने में प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात मलयाली टी.के.नायर और मानव संसाधन विकास मंत्रालय में एडिसनल सेक्रेटरी मलयाली सुनील कुमार प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। चर्चा है कि इस तरह टी.के.नायर, सुनील कुमार, राजशेखरन पिल्ले की मलयाली तिकड़ी ने इग्नू को आटोनामी के नाम पर भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया है, और अपने लग्गूओ-भग्गूओं आदि को किसी भी हद तक जाकर लाभ पहुंचा रहे हैं।
-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय के कुलपति राजशेखरन पील्ले (V.N. RAJSHEKHARAN PILLAI) ने सजातीय मलयाली नौकरशाह सुनील कुमार (SUNIL KUMAR) की पत्नी को इग्नू में प्रोफेसर ग्रेड में निदेशक स्टूडेंट सपोर्ट बना दिया। जबकि इनका स्टूडेंट सपोर्ट से दूर-दूर का नाता व अनुभव नहीं है। सच्चाई यह है कि इनके मार्फत राजशेखरन पिल्ले अपने किये तमाम धतकर्मो को दबाने ,छिपाने, लीपा-पोती करने में इनके पति शिक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार का भरपूर सपोर्ट पा रहा है। दिनांक 15 मई 2010 को इग्नू में 10 निदेशक पदो के लिए 100 प्रत्याशियों का एक ही दिन में साक्षात्कार हुआ। जिसमें सुनिल कुमार की सगी पत्नी जयश्री कुरूप (JAISHREE KURUP) को भी प्रोफेसर ग्रेड दे निदेशक बना दिया गया। सुनील कुमार की पत्नी को किस तरह इग्नू में नौकरी दिया गया इसकी भी कुलपति –नौकरशाह लाभालाभ गठजोड़ की एक रोचक कहानी है।जिस समय अजीत जोगी छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे , उस समय मलयाली आईएएस अफसर सुनील कुमार उनके OSD / सलाहकार थे।तब इग्नू के कुलपति हनुमान प्रसाद दीक्षित थे। दीक्षित ने छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा कि इग्नू एक रीजनल सेंटर छत्तीसगढ़ में खोलना चाहता है,जिसके लिए डेपुटेशन पर कोई व्यक्ति दीजिए। जिसके जबाब में उनके OSD / सलाहकार सुनील कुमार ने 20 नाम भेजे जिसमें एक अपनी सगी पत्नी जयश्री कुरुप का नाम भी भेजा। कहा जाता है कि नाम तो आया 20 का लेकिन बायोडाटा आया केवल जयश्री कुरुप का। तो जयश्री को वहां असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर बना दिया गया।इसके कुछ समय बाद ही अर्जुन सिंह केन्द्र में मानव संसाधन विकास मंत्री बने तो सुनील कुमार शिक्षा मंत्रालय में दिल्ली आ गये। उनके साथ उनकी पत्नी भी दिल्ली आ गईं। उनको इग्नू , दिल्ली में असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर बना दिया गया। जबकि दिल्ली में ऐसी कोई पोस्ट ही नहीं थी। और यदि बनाई गई तो कई वरिष्ठ प्रध्यापक पहले से ही दिल्ली तबादला के लिए अर्जी लगाये हुए थे।कुछ समय बाद कुरुप को दिल्ली में इग्नू के रीजनल सर्विसेज में उत्तर –पूर्वी राज्यों के प्रोजेक्ट का अध्यक्ष बना दिया गया। जबकि इनको नतो प्रोजेक्ट का अनुभव था नहीं उत्तर – पूर्वी राज्यों के काम का। यूजीसी में अफसर रहे राजशेखरन पिल्ले पीएमओ के मलयाली नौकरशाहो और मानवसंसाधन विकास मंत्रालय में पावरफुल मलयाली अफसर सुनील कुमार से पैरवी कराकर 2006 में इग्नू का कुलपति बने। पिल्ले ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अपने विरादर पावरफुल अफसर सुनील कुमार की और कृपा पाने के लिए उनकी पत्नी जयश्री कुरुप को ओपेन सेलेक्शन में रीडर ग्रेड में परमानेंन्ट रीजनल डायरेक्टर बना दिया। ढाई साल रीडर ग्रेड में रहने के बाद दिनांक 15 -05-10 को इनको प्रोफेसर ग्रेड में निदेशक स्टूडेंट सपोर्ट बना दिया । इस बीच ध्यान रखने वाली बात यह है कि इग्नू के कुलपति राजशेखरन पिल्ले पर भ्रष्टाचार के लगभग 41 आरोप हैं। जिनमें एक 3 साल पहले पैदा हुई अनजान, अदना सी मलेशियन वि.वि को एक साल पहले भारत में अपनी दुकान खोलने की इजाजत देने, याहू को इंजिनियरिंग की इन्ट्रेंस परीक्षा कंडक्ट कराने का सह ठेका देने, बिहार में आईबीएम की एक सब्सीडियरी को 200 करोड़ रू. से अधिक का उसके किये चार्टर प्लेन से पटना जाकर मनमानी तरीके से ठेका देने से लगायत मनमानी तरीके से नियुक्तियां करने, कई विश्वविद्यालयों को दूरस्त शिक्षा के लिए अनाप-शनाप तरीके से मान्यता देने व भ्रष्टाचार के आरोप हैं। ऐसे में पिल्ले के खिलाफ लगातार प्रमाण सहित शिकायत शिक्षा मंत्रालय में जा रही हैं। जांच की मांग हो रही है।कहा जाता है कि जिसे दबाने और पिल्ले को बचाने में प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात मलयाली टी.के.नायर और मानव संसाधन विकास मंत्रालय में एडिसनल सेक्रेटरी मलयाली सुनील कुमार प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। चर्चा है कि इस तरह टी.के.नायर, सुनील कुमार, राजशेखरन पिल्ले की मलयाली तिकड़ी ने इग्नू को आटोनामी के नाम पर भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया है, और अपने लग्गूओ-भग्गूओं आदि को किसी भी हद तक जाकर लाभ पहुंचा रहे हैं।