Friday, May 14, 2010

झारखंड -एस्सार की लाबी सब पर हावी

-सत्ताचक्रSATTACHAKRA-

क्या एस्सार का शुभचिंतक होगा झारखंड का मुख्यमंत्री?

-कृष्णमोहन सिंह

नईदिल्ली। झारखंड में अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए एस्सार के शुभेच्छुओं ने एड़ी –चोटी का जोर लगा दिया है।उनके लामबंदी के आगे भाजपा अध्यक्ष लाचार हो गये हैं। सूत्रो के मुताबिक इस लामबंदी के सूत्रधार हैं नीशीकांत दूबे। जो झारखंड के गोड्डा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के पहली बार सांसद बने हैं।इसके पहले ये एस्सार की कम्पनी में कारपोरेट का काम देखते थे यानी उसका लाइजनिंग का काम करते थे। नीशीकांत ने स्वदेशी जागरण मंच के समय से ही लाइजनिंग की राह पकड़ ली थी। उस समय एनडीए की सरकार थी और स्वदेशी जागरण मंच के मुरली धर राव मेला लगाने का खूब धंधा करते थे। एक मेला प्रगति मैदान में भी लगा था।जिसमें स्टाल लगाने के लिए देश के सभी बड़े उद्योगपतियों और पीयूसी के प्रमुखों से सम्पर्क करके उनसे स्टाल लेने को कहा गया। उसमें स्टाल के लिए बातकरने वाली टीम में नीशीकांत भी थे। वहीं से इनका सम्पर्क उद्योगपतियों और नौकरशाहों से हुआ।और उन सम्बंधो के बदौलत निशीकांत कुलाचे भरने लगे। राव को जब इनकी कारगुजारियों के बारे में पता चला तो उन्होने नीशीकांत का स्वदेशी जागरण मंच से पत्ता साफ कर दिया। लेकिन तबतक नीशीकांत ने अपना नेटवर्क बना लिया था । जो प्रभात कुमार के कैबिनेट सचिव बनने के बाद और फलने-फूलने लगा।कहा जाता है कि उसी दौरान नीशीकांत ने एक चर्चित व्यक्ति के साथ एक लाइजनिंग कम्पनी बनाई,जिसका कार्यालय कनाट प्लेस में था। उसी दौरान दक्षिण दिल्ली के सैनिक फार्म में कोठी खड़ी की। उसके बाद तो एस्सार का बाकायदे कारपोरेट का काम देखने लगे। 2009 में राजनाथ सिंह ने भाजपा अध्यक्ष के अपने पावर का उपयोग करके इस नीशीकांत को गोड्डा से टिकट दिये।और शिबू सोरेन के पुत्र दुर्गा के वहां से खड़े हो जाने, आदिवासी वोट बांट देने के चलते नीशीकांत वहां से जीत गये। अब नीशीकांत सांसद हैं। जबतक राजनाथ भाजपा अध्यक्ष थे तब तक वह उनके हनुमान थे , जब वह अध्यक्ष नहीं रहे और सुषमा स्वराज लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनीं तो उनके हनुमान हो गये हैं। लेकिन चर्चा है कि झारखंड में अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए नीशीकांत हर तरह का इंतजाम कर रहे हैं। कहा जाता है कि इसके पीछे एस्सार का हाथ है। नीशीकांत मतलब एस्सार का तथाकथित आदमी। अर्जुन मुंडा झामुमो की उपज हैं।उनको झारखंड में मधुकौड़ा का सोफिसिकेटेड संस्करण कहा जाता है।संघ की सुचिता के पाठ की वह दीक्षा लिये नहीं है। भाजपा के जो बड़े नेता संघ के सुचिता पाठ की थोड़ी दीक्षा लिये हैं उनकी मुंडा ने मुख्यमंत्री रहते खूब सेवा करके मोह लिया है। बाकी कमी एस्सार के तथाकथित यसमैन ने पूरी कर दी है।सो अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए राजनाथ सिंह ,सुषमा,वेंकैया नायडू ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। अकेले अरूण जेतली विरोध कर रहे हैं।लेकिन राजनाथ ,सुषमा व वेंकैया ने जिद कर लिया है कि अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री नहीं तो सरकार नहीं। इन तीनो के दबाव में गडकरी की हालत सांप छंछूदर वाली हो गई है। दबाव के लिए ये लोग और एस्सार के तथाकथित मैनेजर ने तीन दिन में क्या –क्या किये इसका संक्षिप्त व्यौरा- भाजपा अध्यक्ष की तरफ से कड़ी हिदायत थी कि झारखंड भाजपा का कोई भी विधायक किसी को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए लाबिंग करने दिल्ली नहीं आयेगा।उसके बावजूद अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए लाबिंग करने उनके और एस्सार के तथाकथित यसमैन के इंतजाम से लगभग 14 विधायक दिल्ली पहुंच गये। दिन भर उनके सुख –सुविधा का तथाकथित उद्योगपति इंतजाम रहा।कांस्टीट्यूशन क्लब में देर शाम को इनकी बैठकी हुई जिसमें उन विधायकों के साथ अर्जुन मुंडा रहे। दूसरे दिन कुछ अखबारो में फोटो भी छपा। लेकिन अर्जुन मुंडा से पूछताछ तक नहीं हुई कि आप उतने विधायकों को लेकर यहां क्या कर रहे थे। भाजपा संसदीय बोर्ड में जो कुछ तय हुआ था उसके मुताबिक राजनाथ और अनंत कुमार रांची गये सभी विधायकों से बात करने कि मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पसंद कौन है? वहां 11 मई 2010 को पहुंचे अनंत कुमार ने 14 विधायकों से एक –एक करके पहला सवाल किया – मना किया गया था फिर भी आप किसके कहने पर दिल्ली गये थे?इस पर विधायक लोग कुछ बोले ही नहीं ? अनंत ने दूसरा सवाल किया –मुख्यमंत्री पद के लिए आपकी पसंद कौन हैं ? इस पर लगभग सभी विधायकों ने कहा कि जो केन्द्रीय भाजपा नेता तय करेंगे वह स्वीकार है। कहा जाता है कि उसके बाद राजनाथ ने झामुमो के कुछ नेताओं से कहा कि अर्जुन मुंडा को आप लोग मुख्यमंत्री मंजूर कर लीजिए, उनके नाम पर ऐतराज नहीं कीजिए तो 28 माह बाद झामुमो के मुख्यमंत्री पद पर भाजपा विचार करेगी। उनके बाद आज अर्जुन मुंडा ने भी झामुमो नेता के यहां कहलवाया था कि मुझको (अर्जुन मुंडा )मुख्यमंत्री बन जाने दीजिए, 28 माह बाद झामुमो का मुख्यमंत्री बनाने के लिए मैं(अर्जुन मुंडा) रास्ता बनाऊंगा। इस तरह भाजपा विधायको से सब कुछ केन्द्रीय भाजपा पर छोड़वा दिया गया। केन्द्रीय भाजपा में राजाथ,सुषमा,वेंकैया खुलकर अर्जुन मुंडा के पक्ष में हैं, मौन समर्थन लालकृष्णआडवाणी कर रहे हैं।मुरली मनोहर जोशी 21 मई तक विदेश में हैं। कहा जाता है कि राजनाथ सिंह कह रहे हैं कि जोशी जी उनसे कह गये हैं कि अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में हैं। जबकि जोशी जी ने इस संवाददाता से बातचीत में कहा था कि वह तो झारखंड में सरकार बनाने के ही पक्ष में नहीं हैं।चाहे किसी को भी बनाने की बात हो। अरूण जेतली तो अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाने के एकदम खिलाफ हैं।अनंत कुमार भी खिलाफ हैं।इन हालात में भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी उहापोह में हैं। कहा जाता है कि वह सबको खुश करके चलना चाहते हैं । ऐसे में सुषमा,राजनाथ ,वेंकैया, एस्सार नीशीकांत तभी खुश होंगे जब इनके यसमैन अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री बने। अरूण जेतली को किसी और राज्य में उनके आदमी को बड़ा पद देकर मना लिया जायेगा। यह है मुंडा का तथाकथित एस्सारी प्रताप। 15 मई से 27मई तक के लिए सपरिवार विदेश विचरण करने जा रहे गडकरी देखिये किसको खुश करके जाते हैं।