Friday, May 21, 2010

तथाकथितचोरगुरू राममोहन पाठक को मा.प.वि.वि. महापरिषद सदस्य बनाने की तैयारी

-सत्ताचक्रSATTACHAKRA-
3में से कोई भी संघ या मध्यप्रदेश का नहीं
नकल करके पी-एच.डी.शोधप्रबंध लिखने,फुल टाइम पी-एच.डी.करते हुए फुल टाइम एक अखबार में नौकरी करने के गैरकानूनी प्रमाण के आधार पर काशीविद्यापीठ में प्रध्यापक की नौकरी पाये ,काशी विद्यापीठ में पुस्तकालय प्रभारी रहने के दौरान पुस्तकों की खरीद में घोटाला करने के आरोपी ,तथाकथित फर्जी कागजात पर काशी में एक मंदिर व उसकी जमीन पर कब्जा करने के आरोपी, वाराणसी विकास प्राधिकरण से अपने नाम पर पहले ही एक मकान लेने के बावजूद , गलत हलफनामा देकर कि उनके ( राम मोहन पाठक) या उनकी पत्नी के नाम वाराणसी में कोई मकान –जमीन नहीं है, पत्नी के नाम से भी विकास प्रधिकरण से प्लाट ले लेने वाले राम मोहन पाठक ने माखन लाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भोपाल के एक्जक्यूटिव काउंसिल का फिर से सदस्य बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। सूत्रो के मुताबिक राम मोहन पाठक पर मा.प.वि.वि. के कई कमेटियों में रहने के दौरान व अन्य मामलो में कई आरोप हैं। सूचना के अधिकार के तहत इस संबंध में वि.वि. से सूचना मांगी गई हैं।जिसका जबाब अभी तक नहीं आया है।लीपा-पोती की कोशिश हो रही है। सूत्रो के मुताबिक राममोहन पाठक की कोशिश है कि महापरिषद में रहेंगे तो अपने खिलाफ मामले को दबा ले जायेंगे। इसके लिए राममोहन ने मा.प.वि.वि. के कुलपति कुटियाला से आग्रह करके अपना नाम महापरिषद के सदस्यता के लिए कुलाधिपति, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के यहां भेजवा दिया है। सूत्रो के मुताबिक मा.प.वि.वि.महापरिषद के 10 सदस्य होते हैं।इसमें एक सदस्य पत्रकारिता का अध्यापक होता है। कुलपति कुटियाला ने कुलाधिपति की मंजूरी के लिए तीन नामो की सूची भेजी है, जिसमें निम्न क्रम से नाम है- (1) राम मोहन पाठक, (2)देवेश कुमार (3)टी.डी.एस.आलोक .
यानी सबसे जानबूझ कर सबसे ऊपर नाम राममोहन पाठक का रखा गया है।ताकि कुलाधिपति शिवराज सिंह चौहान उनके नाम को मार्क कर दें। मालूम हो कि उक्त तीनो नाम में से कोई भी नतो मध्यप्रदेश का है नहीं संघ या भाजपा का है। इधर यह भी चर्चा है कि राम मोहन पाठक ने इंदौर के वि.वि.का कुलपति बनने के लिए कांग्रेसियों का भी कीर्तन करना शुरू कर दिया है। काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर वाराणसी गये थे तो राममोहन पाठक उनके आगे – पीछे लगे रहे।चर्चा है कि राममोहन ने ठाकुर की गणेश परिक्रमा इंदौर के वि.वि.में कुलपति पद पाने के लस्ट में शुरू किया है।

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