नई दिल्ली।फर्जी कागजात के आधार पर काशी में मंदिर पर कब्जा करने के आरोपी,वाराणसी विकास प्राधिकरण से अनैतिक तरीके से पत्रकार कोटे में अपने नाम पहले दुकान फिर मकान उसके बाद अपनी सगी पत्नी के नाम जमीन लेने के आरोपी,काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU) हिन्दी विभाग में पूर्णकालीक पीएचडी करने के दौरान आज अखबार में फुलटाइमर उपसम्पादक होने और उसी अनुभव के आधार पर महात्मा गांधी काशीविद्यापीठ में जुगाड़ से रीडर फिर प्रोफेसर बनने के आरोपी, काशी विद्यापीठ में पुस्तकालय का प्रभारी होने के दौरान पुस्तकों की खरीद में घोटाला करने के आरोपी ,नकल करके पीएचडी थिसिस लिखने के आरोपी तथाकथित चोरगुरू राममोहन पाठक इन दिनों कुलपति बनने के लिए दिग्विजय सिंह(DIGVIJAY SINGH) से लगायत राजनाथ सिंह(RAJNATH SINGH) ,कलराज मिश्रा (KALARAJ MISHRA) तक के यहां मत्था टेक जुगाड़ लगा रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक तथाकथित चोर गुरू राममोहन पाठक अपने चर्चित पुत्र के साथ कांग्रेस नेता व उ.प्र. के प्रभारी दिग्विजय सिंह का कीर्तन व गणेशपरिक्रमा कर रहे हैं ।ताकि प्रसन्न होकर दिग्विजय इस तमाम मामलो के आरोपी राममोहन पाठक को मध्यप्रदेश भोज खुला विश्वविद्यालय,भोपाल(MPBOU,BHOPAL) या विक्रम विश्वविद्यालय,उज्जैन ( VIKRAM UNIVERSITY,UJJAIN)या हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय,शिमला ( HIMACHAL PRDESH UNIVERSITY,SHIMLA)में से किसी का भी कुलपति बनवा दें। वह इसके लिए मध्य प्रदेश और हिमाचल के राज्यपालों पर दबाव बनावें। मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर(RAMESHWAR THAKUR) कुछ माह पहले वाराणसी गये थे तो राममोहन ने उनकी खुब गणेशपरिक्रमा की थी। येन-केन- प्रकारेण कुलपति बनने के लिए जुगाड़रत राममोहन पिता -पुत्र इन दिनो लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक तथाकथित चोर गुरू राममोहन पाठक ने वाराणसी से सटे गाजीपुर (उ प्र)जिले के बहरियाबाद गांव के प्रो फुरकन कमर को भी पटाने का जुगाड़ बैठाना शुरू कर दिया है। प्रो.फुरकन कमर ( PRO F KAMAR) हिमाचल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति हैं ,और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का कुलपति लायक व्यक्ति खोजने के लिए बनी सर्च कमेटी के अध्यक्ष हैं। कहा जाता है कि इस सर्च कमेटी की बैठक 29 अप्रैल 2011 को है।
राममोहन पाठक( PRO. RAM MOHAN PATHAK) इस समय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ,वाराणसी (MAHATMA GANDHI KASHI VIDYAPEETH ,VARANASI) के दो पत्रकारिता विभाग में से एक महामना मदन मोहन मालवीय पत्रकारिता संस्थान में सेवारत हैं। नकल करके पीएचडी करने और उस पीएचडी थिसिस को बाद में पुस्तक के रूप में छपवाने फिर उन दोनो के आधार पर नौकरी ,प्रमोशन पाने के राममोहन पाठक के कारनामे के खिलाफ उ प्र के राज्यपाल और काशीविद्यापीठ के कुलपति के यहां सप्रमाण शिकायत की गई है, जिस पर जांच चल रही है। उसके बावजूद तथाकथित चोरगुरू राममोहन कुलपति बनने के लिए कांग्रेसियों से लगायत भाजपाई नेताओं तक के यहां कीर्तन,गणेश परिक्रमा कर रहे हैं। मध्यप्रदेश और हिमाचल में भाजपा की सरकार हैं,इसलिए भाजपा के नेताओं के मार्फत दोनो राज्यों के शिक्षा मंत्रालयों को अपने पक्ष में करने का उपक्रम कर रहे हैं। दोनो राज्यों के राज्यपाल केन्द्र की कांग्रेस सरकार के बनाये हुए हैं तो दोनो राज्यपालों के यहां दिग्विजय के मार्फत सिफारिश लगाने या दबाव बनाकर नियुक्ति कराने का उपक्रम कर रहे हैं। उनके करीबीजनो का कहना है – जब भ्रष्टाचार के आरोपी थामस सीवीसी ( THOMAS,CVC) बन सकते हैं,नकल करके एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखने वाले अनिल के राय अंकित(Dr ANIL K RAI ANKIT) प्रोफेसर हेड बन सकते हैं, तो भ्रष्टाचार से लगायत नकल करके पीएचडी थिसिस लिखने तक के आरोपी गुरू राममोहन पाठक कुलपति क्यों नहीं बन सकते।