-सत्ताचक्र गपशप-
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता वि.वि.,भोपाल में पुलिस के कड़े पहरे और मीडिया , जिसमें मा.प.वि.वि. के इलेक्ट्रानिक्स मीडिया विभाग कीटीम को भी कवरेज की इजाजत नहीं ,की नो इंट्री किलेबंदी में नये विवादास्पद कुलपति कुटियाला की अगुवाई में “मीडिया शिक्षा की नवीन दिशायें ” विषय पर आज 8 मार्च 20010 को सुबह 10 बजे से सेमिनार हो रहा है। जिसमें मोटे खर्चे पर 22 मीडिया शिक्षकों आदि को बुलाया गया है। जिसमें तथाकथित चोर गुरू – अनिल कुमार उपाध्याय भी हैं। जिन पर नकल करके शोध-प्रबंध / किताबें लिखने और अन्य शैक्षणिक कदाचार के आरोप हैं।.इसमें वह नन्द किशोर त्रिखा भी पहुंचे हैं जो इस वि.वि के लिए स्वच्छ छवि वाला , ईमानदार, योग्य, विद्वान कुलपति का नाम सुझाने वाली तीन ब्राह्मणो की बनी सर्च कमेटी के एक सदस्य थे। इस कमेटी ने कुलपति पद के लिए जो तीन नाम दिये थे उनमे कोई भी एटपार नहीं था । सबके सब महा जुगा़ड़ी, विवादास्पद। उसमें दो तो ब्राह्मण थे। जिसमें कुटियाला जो कुलपति हो गये हैं उनके बारे में कहा जाता है कि एम.ए. में प्रतिशत माशा अल्ला है। जुगाड़ उनकी मूल योग्यता रही है।दूसरे जिनका नाम सर्च कमेटी ने दिया था वे हैं राममोहन पाठक। जिनपर शैक्षणिक कदाचार से लगायत नकल करके पी.एच-डी का शोध प्रबंध लिखने आदि का सप्रमाण आरोप लग चुका है। कुछ लोग कहने लगे हैं कि ऐसे त्रिखा , कुटियाला, उपाध्याय और इनके तरह के लोग “मीडिया शिक्षा की नवीन दिशायें ” पर किस मुंह से प्रवचन करेंगे। क्या ये लोग मीडिया शिक्षा देने वाले शिक्षकों, कुलपतियों की जोड़ जुगाड़ से नियुक्ति के तथाकथित कदाचारी असली कारनामो के अपने अनुभव को बतायेंगे ? मीडिया शिक्षा की असली नवीन दिशा तो यही है। ऐसे तथाकथित कदाचारी,महाजुगाडी,गुटवाज,चोरगुरू क्या शिक्षा देंगे और मीडिया शिक्षा की कौन सी नवीन दिशायें दर्शायेंगे।