-सत्ताचक्र गपशप-
भोपाल के एक पत्रकारिता वि.वि. में 55प्रतिशत से भी कम नम्बर से मात्र एम.ए. महाजुगाड़ी ने कुछ नेताओं,उनके पार्टी के पत्रकारो की गणेश परिक्रमा , कीर्तन करके कुलपति बनने के बाद,मीडिया के नो इंन्ट्री वाले कड़े पुलिसिया पहरे में बंद हाल में 8मार्च 2010 को एक बहुत खर्चिला, पत्रकारिता पर सेमिनार कराया। जिसमें कुछ शैक्षणिक कदाचारी चोर गुरूओं को भी बुलाया।सूत्रो के मुताबिक एक तथाकथित चोर गुरू काशी से भी गया। जो इन दिनो सभी चोर गुरूओं का तथाकथित स्वंयभू नेता बना हुआ है।ज्यादेतर चोर गुरू उससे इनदिनो दूरभाष से जुड़े हुए हैं। कह रहे हैं गुरू आगे बढ़ो, पर्दे के पीछे से हम तुम्हारे साथ हैं। सो चोर गुरूओं का यह नेता चाय से लगायत पान की दुकान तक पर खूब भांज रहा है। यह कि हम जैसे गुरूओं का शैक्षणिक कदाचार उजागर करने वालो को देख लेंगे , ए कर देंगे,वो कर देंगे। यह ऐसे ही भोपाल में भी सेमिनार में जुटे कुछ अपने प्रवृति, कर्म व मिजाज वाले मास्टरो के बीच बमबमा रहे थे। उसी समय उस चोर गुरू को दिल्ली के एक न्यूज चैनल के पत्रकार ने सलाम ठोका। आग्रह किया कि आपसे बात करनी है, आपने मैटर चोरी करके अपनी जो डि-लिट.की शोध-प्रबंध लिखी है , उसको किताब के तौर पर छपवाया है , उस पर आपकी टिप्पणी लेनी है। इस पर उस तथाकथित चोर गुरू ने पहले तो इधर-उधर की हांक कर कन्नी काटनी चाही , लेकिन जब पत्रकार ने उनसे कहा कि आपसे कुछ सवाल करने हैं उसका जबाब दे दीजिए। उस समय बचने के लिए उस तथाकथित चोर गुरू ने कहा –ठीक है, आप 6 बजे के लगभग, मैं जहां ठहरा हूं उस होटल में आइये, बात करेंगे। उनके बताये समय पर पत्रकार पहुंचा। उनको बताया की आ गया हूं। लेकिन तथाकथित चोर गुरू दरवाजा खोलने को राजी नहीं। फिर धौंस देने लगे, मैं ....( पूर्व राज्य सभा सांसद व कांग्रेसी नेता) का दामाद हूं, मेरा एक भाई ..... में जज है, मेरा ... ...कोर्ट में वकील है, ...पाण्डेय (मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त) मेरे भाई हैं, ...। जिस पर पत्रकार ने कहा , यह तो और अच्छी बात है, तब तो आपको बिना किसी तीन-पांच के हमारे सवालो का जबाब दे देना चाहिए। सूत्रो के मुताबिक उसके बाद वह तथाकथित चोर गुरू और बमकने लगे । जिस वि.वि. में मास्टर हैं उसके कुछ अध्यापको व और कुछ लोगो के बारे में अशिष्ट शब्दो का प्रयोग करने लगे । इस पर पत्रकार ने कहा – आपने मैटर चुराकर डि-लिट. का शोध-प्रबंध लिखा है,उसको किताब के तौर पर छापा है, उस आधार पर नौकरी व प्रमोशन पाया है, इस बारे में आपका क्या कहना है ? इस पर तथाकथित चोरगुरू ने कहा- ये सब गलत है, मैने जहां से मैटर लिया है उसका संदर्भ दिया है। तब पत्रकार ने पूछा – आपने अपनी पुस्तक के फलां पेज पर संदर्भ दिया है कि मैटर फलां की किताब के फलां पेज से लिया है। जिस किताब के जिस पेज का सन्दर्भ दिया है उस किताब के उस पेज पर वह मैटर दिखाइये। इस सवाल पर तथाकथित चोर गुरू और बमक गये। सूत्रो के मुताबिक कहने लगे – चैनेल वाले कुछ लोगो के कहे में आकर मेरे पीछे पड़े हैं। सबको देख लूंगा। मेरे मित्र यहां आई.जी. हैं, उनको अभी बुलाता हूं।
पत्रकार ने कहा –अच्छी बात है, आई.जी . को बुलाइये , उनके सामने ही आपसे सवाल पूछूंगा , वह भी जान लें कि उनका मित्र कैसा है।
तथाकथित चोर गुरू ने तैश में कहा- आपका कैमरा तोड़ दूंगा।
पत्रकार ने कहा- मैं अपना काम कर रहा हूं। आपने साक्षात्कार देने, बात करने के लिए बुलाया है तो आया हूं। आप कैमरा तोड़ने की धमकी दे रहे हैं।
फिर तथाकथित चोर गुरू ने वि.वि. के कुछ लड़को को बुलाने की धमकी दी।
जिस पर पत्रकार ने कहा- आप जिसको बुलाना हो बुलाइये, मैं इस शहर का हूं।
इसके बाद तथाकथित चोर गुरू का चेहरा लटक गया।समझ गये कि धौंस –पट्टी नहीं चलने वाली। तब उन्होने कहा कि ठीक है कल सबेरे 10 बजे आइये। जिस पर पत्रकार ने कहा – कल का बहाना करके आप भाग गये तो। इस पर तथाकथित चोर गुरू ने कहा- पत्रकारिता वि.वि. में कल एक वाइवा लेना है, उसके लिए कल ( 9मार्च 2010) रहना है। देखिये धौंस –पट्टी दिखाने वाला तथाकथित चोर गुरू, आज पत्रकार से बात करता है या भाग जाता है।