केन्द्रीय विद्यालयों में 11 वीं में 30 हजार छात्र अनचाहा विषय पढ़ने को मजबूर
10 हजार छात्रों का भविष्य अंधकारमय
-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। केन्द्रीय विद्यालय संगठन के नये फरमान से लगभग 10 हजार से अधिक छात्रो का भविष्य अंधरकारमय हो गया है। सहायक आयुक्त पिया ठाकुर के हस्ताक्षर से दिनांक 16.06.10 को जारी सरकुलर ( F.11016/01/2010-KVSHQ/Acad/ ) के अनुसार
साइंस स्ट्रीम में उन्ही छात्रों का एडमिशन होगा जिनके कक्षा 10 वीं में प्राप्तांक 6 सीजीपीए यानी लगभग 60 प्रतिशत होगा । गणित में बी2 और विज्ञान में भी बी2 होगा ।यानी इन विषयों में 61 से 70 अंक होगा।
कामर्स स्ट्रीम में उन्ही छात्रो का नाम लिखा जायेगा जिनके कक्षा 10 वीं में प्राप्तांक 6 सीजीपीए यानी लगभग 60 प्रतिशत होगा। गणित में बी2 यानी 61 से 70 अंक होगा।
ह्यूमनिटीज स्ट्रीम ( मानविकी/ कला विषय) में 6 सीजीपीए यानी 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले छात्रों का एडमिशन होगा।
इस नये फरमान के चलते केन्द्रीय विद्यालयों में 11 वीं कक्षा में विज्ञान( साइंस) विषय में उन्हीं छात्रो को प्रवेश दिया जा रहा है जिनका कुल प्राप्तांक 70 प्रतिशत व अधिक है।
वाणिज्य (कामर्स) विषय में उन छात्रो का नाम लिखा जा रहा है जिनके प्राप्तांक 60 प्रतिशत व अधिक हैं।
सूत्रो के मुताबिक केन्द्रीय विद्यालयों में इस वर्ष 10वीं में 55 से 59 प्रतिशत अंक पाने वाले लगभग 10 हजार छात्र हैं। केन्द्रीय विद्यालय संगठन के नये फरमान के चलते ये छात्र केन्द्रीय विद्यालय में वाणिज्य विषय नहीं ले सकते । इनको अब मजबूरी में कला वाला विषय पढ़ना होगा या वाणिज्य पढ़ने के लिए केन्द्रीय विद्यालय छोड़कर राज्यों के स्कूल में दाखिला लेना होगा। कई केन्द्रीय विद्यालयों में तो ह्यूमनिटीज स्ट्रीम ( मानविकी/ कला विषय) की पढ़ाई ही नहीं होती है, जैसे – केन्द्रीय विद्यालय,डी.एल.डब्लू., वाराणसी। यहां 59 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले बच्चे एडमिशन कराने के लिए दूसरे स्कूलों में धक्के खा रहे हैं। मोटी फीस व मोटे अघोषित डोनेशनी दान वसूलने वाले प्राइवेट स्कूल ( सीबीएससी सिलेबस वाले)इसका खूब फायदा उठा रहे हैं।
यही हाल विज्ञान पढ़ने के इच्छुक छात्रों का है। जिन छात्रों का कक्षा 10वीं में 70 प्रतिशत से कम अंक आया है उनका केन्द्रीय विद्यालयों में विज्ञान में एडमिशन नहीं हो रहा है। ऐसे में 61 से 69 प्रतिशत तक अंक पाने वाले छात्र विज्ञान विषय से नाम लिखाने के लिए सीबीएससी सिलेबस वाले प्राइवेट स्कूलो के लूट के शिकार होने को मजबूर हो रहे हैं।
इस सरकुलर के पहले यह स्थिति नहीं थी। इसके पहले जो सरकुलर था उसके अनुसार 10वीं में कुल 55 प्रतिशत अंक और विज्ञान में 60 प्रतिशत, गणित में 60 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्रों का एडमिशन 11वीं में विज्ञान वर्ग में हो जाता था।
इसी तरह कुल 55 प्रतिशत अंक और गणित में 60 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र का एडमिशन वाणिज्य वर्ग में हो जाता था। लेकिन इस साल से 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले को विज्ञान में और 60 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले को वाणिज्य में एडमिशन का नियम बनाकर लगभग 20 हजार छात्रो को विज्ञान की जगह वाणिज्य और लगभग 10 हजार छात्रो को वाणिज्य की जगह मानविकी / कला विषय लेने को मजबूर कर दिया गया है।