Friday, June 25, 2010

निशंक की कुर्सी खतरे में , तरूण विजय लगे बचाने में

-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की कुर्सी खतरे में है।उन पर भ्रष्टाचार के कई बड़े आरोप लगने से पहले से ही परवान चढ़ी भाजपा की तथाकथित सुचिता की असलियत और तेजी से उजागर हुई है। सो और बेपर्दा होने से बचाने के लिए निशंक को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मंत्रणा शुरू हो गई है। जिससे बेचैन निशंक ने आडवाणी के यसमैन तरूण विजय पासी से कहा है कि आपको राज्य में जीताकर राज्यसभा में भेजवाया अब आप आडवाणी जी, सुषमा जी, जेतली जी,रामलाल जी, सोनी जी, मदनदास जी से कह कर मुझे बचाइये। सूत्रो के मुताबिक निशंक ने पैरवी के लिए राज्य के उस उप प्रभारी डा.अनिल जैन को भी आगे किया है जिसकी घोषित –अघोषित कम्पनियों व धंधो को निशंक ने अति मोटा फायदा पहुंचाया है। लेकिन अनिल जैन जगह-जगह घूमकर अपने बचाव की कोशिश कर रहे हैं । सूत्रो के मुताबिक पिछले दिनो एक टी.वी. चैनल ने भी निशंक सरकार के भ्रष्टाचार का सप्रमाण खुलासा किया था। एक स्टिंग आपरेशन में अरबो रूपये की एक बड़ी डील का पर्दाफाश हुआ था। बीमार इकाइयों को पुर्नजीवित करने के लिए गठित बोर्ड (बीआइएफआर) के मार्फत अनिल जैन की तथाकथित परिजनों, रिश्तेदारों की कम्पनी को 400करोड़ रूपये लाभ पहुंचाने की कोशिश का मामला, दिल्ली के एक बिल्डर को सारे नियम कायदे ताक पर रखकर कई अरब रूपये की जमीन देने का मामला ,आदि निशंक के तथाकथित भ्रष्टाचार के प्रमाण हैं। जिनके दस्तावेज विरोधी दलो के नेताओं के यहां भी पहुंच गये हैं। सूत्रो के मुताबिक निशंक को अपने जैसे ही भ्रष्टाचार के आरोपियों तरूण विजय पासी और अनिल जैन पर पूरा भरोसा है कि दोनो अपने-अपने आकाओं से गुजारिश करके उनको ( निशंक) बचा देंगे। क्योंकि निशंक ने दोनो को ही खुब लाभ पहुंचाया है। मालूम हो कि तरूण विजय पांचजन्य में पत्रकार रहे हैं।वहां रहते उन्होंने खूब घोटाले किये, जिसकी सप्रमाण शिकायत संघ के ही लोगो ने तबके संघ प्रमुख सुदर्शन से किया।संघ प्रमुख ने बहुत दबाव बनाकर तरूण विजय को पांचजन्य से हटवाया, क्योंकि उनके आका लालकृष्ण आडवाणी कत्तई नहीं चाहते थे कि तरूण को हटाया जाय।जब तरूण को सुदर्शन के दबाव में हटा दिया गया तो आडवाणी ने उनको श्यामाप्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट का मोटी पगार पर निदेशक बनवा दिया। और जब सुदर्शन जी संघ प्रमुख पद से हट गये, मोहन भागवत संघ प्रमुख हो गये , भागवत ने गडकरी को भाजपा प्रमुख बना दिया तो आडवाणी ने नीतिन गडकरी को चांप कर अपने यसमैन तरूण विजय को भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद बनवा दिया। तरूण विजय का उत्तराखंड में बहुत से धंधे हैं ,कौड़ियों के भाव राज्य भाजपा सरकार से जमीन लेकर अपना इंजिनियरिंग कालेज आदि खोलवाये हैं। जिसमें राजनाथ सिंह , सुषमा स्वराज से लगायत बहुतों ने मोटी रकम दिया है। इसी तरह निशंक भी पत्रकार रहे हैं, कुछ-कुछ कवि भी हैं । सबको खुश रखकर अपना काम निकालने में विश्वास रखते हैं। अनिल जैन डाक्टर हैं ,उद्योगपति हैं, सर्वे एजेंसी भी चलाते हैं,वनवासी कल्याण के एक संघ के बड़े की कृपा से भाजपा के डाक्टर सेल में कुछ बने और उसके बाद उत्तराखंड के उपप्रभारी बना दिये गये। इनका नोएडा में कोई फैक्ट्री है या नहीं , अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्री रहते झारखंड में 2 माइन्स मिली हैं या नहीं यह तो अनिल जैन या इनके परिजन, रिश्तेदार या अघोषित पार्टनर ही बता सकते हैं।कुल मिलाकर ये सब के सब जिन्नाजपी स्वंभू सरदार लालकृष्ण आडवाणी के एक से एक नमूने हैं।