-सत्ताचक्र SATTACHAKRA-
उ.प्र.के महाराज गंज लोक सभा संसदीय क्षेत्र के सांसद हर्षवर्धन का 20 जून 2010 को दोपहर 01 बजकर 03 मिनट पर फोन आया था।उनसे 05 मिनट 34 सेकेंड बात हुई। हर्षवर्धन ने बताया कि देवरिया(उ.प्र.) से किसी का फोन आया था। कह रहा था- दैनिक जागरण में पत्रकार हूं,एक साल पहले आपसे मिला हूं। ( हर्षवर्धन व उस व्यक्ति में जो बात हुई वह लगभग निम्न क्रम व शब्दों में थी)-
हर्षवर्धन- हां बताइये।
वह व्यक्ति- कोई आपके लेटर हेड का दुरूपयोग कर रहा है।मेरे एक रिश्तेदार हैं प्रो. राममोहन पाठक , उनके बारे में वाराणसी के एक अखबार में पूर्णकालीक नौकरी करते हुए काशी हिन्दू वि.वि. ,वाराणसी से पूर्णकालीक पी.एच-डी करने,नकल करके पी.एच-डी. शोध –प्रबंध लिखने,काशीविद्यापीठ में पुस्तकालय प्रभारी रहते हाथ से तीन गुना दाम बढ़वाकर पुस्तकें खरीदवाने आदि की जांच कराने की मांग आपके लेटर हेड पर लिखकर कोई राज्यपाल आदि के यहां भेजा है।
हर्षवर्धन- देखिये मेरे लेटर हेड का कोई दुरूपयोग नहीं किया है। वह पत्र मैंने ही लिखा है। जिन घोटालों की जांच कराने के लिए लिखा गया है उसका प्रमाण है।उसमें कुछ गलत हो तो आप बताइये।
वह व्यक्ति- आपसे हम लोग मिलना चाहते हैं, आप कहां है?
हर्षवर्धन- मैं अभी सीतापुर की तरफ निकल गया हूं, कल लखनऊ पहुंचुंगा।
वह व्यक्ति- हम लोग आपसे मिलना चाहते हैं।
उक्त बात सांसद हर्षवर्धन और उनको फोन करने वाले व्यक्ति के बीच हुई।यह बात हर्षवर्धन ने खुद फोन करके , खोजपरक कार्यक्रम “चोरगुरू” बनाने वाली टीम के एक सदस्य से बताई।
जिस पर टीम के सदस्य ने हर्षवर्धन से कहा कि आप उस व्यक्ति से कहिए कि दिल्ली आ जाये, साथ में राममोहन पाठक को भी लाये। आपकी उपस्थिति में ही “चोर गुरू” कार्यक्रम बनाने वाली टीम सारे प्रमाण सामने रखकर राममोहन पाठक से आन कैमरा पूछेगी , राम मोहन पाठक उसे गलत साबित करें ।
इस पर हर्षवर्धन ने कहा कि ठीक है,दिल्ली पहुंचकर उनको संदेश देता हूं।
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