Tuesday, August 27, 2013

anil kumar rai ne research paper- "impact of mass media on extra marital affairs" nakal karake likha hai



Sattachakra.blogspot.in
27-08-2013,2.10p.m.
चोरगुरू अनिल कुमार राय ने शोधपत्र इम्पैक्ट आफ मास मीडिया आन एक्स्ट्रा मैरिटल एफेयर्स को भी नकल करके लिखा है
-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली।महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा(महाराष्ट्र))  के अंतरराष्ट्रीय चोरगुरू अनिल कुमार राय ने नौकरी के लिए वर्धा में  बायोडाटा ,प्रोफेसर पद के आवेदन के साथ जमा किया था और जिसके आधार पर उसको नौकरी मिली ,उसके  पृष्ठ 2 पर रिसर्च पेपर्स वाले पैरा में  दिये दूसरे शोध पत्र का शीर्षक है- इम्पैक्ट आफ मास मीडिया आन एक्स्ट्रा मैरिटल एफेयर्स।अनिल कुमार राय ने अपने इस शोध पत्र को भी नकल करके लिखा या लिखवाया है।अनिल कुमार राय ने अपने बायोडाटा में इसकी जो फोटोकापी लगाया है उसमें इसके शीर्षक के नीचे लिखा है- BY- Sudhir K.Rinten (इनका असली नाम सुधीर कुमार राय है, और यह चोरगुरू अनिल कुमार राय के अति अंतरंग चेला हैं ) । चोरी करके लिखा गया यह तथाकथित शोध पत्र  एक ओपेन कन्टेंट नेटवर्क की साइट ,एसोसियेटेड कन्टेंट में छपा है।जिसपर कोई भी व्यक्ति किसी भी विषय पर किसी भी फारमेट में कन्टेंट सबमिट कर सकता है।इस तरह शोधपत्र छापने के लिए और उसको प्रमाण के तौर पर देकर नौकरी पाने के लिए इसका महत्व नहीं है। लेकिन शैक्षणिक कदाचारी अनिलकुमार राय ने खुद इसमें सबमिट किये या अपने ही जैसे शैक्षणिक कदाचारी चेले से कराये, चोरी के इस तथाकथित शोधपत्र के इसमें छपने की फोटोकापी अपने बायोडाटा में लगाया है। जो बायोडाटा में पेज 216 से 225 तक कुल 10 पेज है।इसमें पेज 217,218,219 की सामग्री , केवल जे.कुमार की पुस्तक से हूबहू उतारी गई है।
इस शोधपत्र की शुरूआती अढाई पेज सामग्री, केवल जे. कुमार की पुस्तक मास कम्युनिकेशन इन इंडिया  के सेक्शन – II ,शीर्षक द मास मीडिया : हिस्ट्री,प्रैक्टिसेज एंड वैल्यूज पेज 41,42,43,44 से बीच – बीच में कुछ पंक्ति छोड़कर बाकी हूबहू उतारकर बनाया है।इसकी शुरूआत किया है – इन इसेंस, द मास मीडिया.... से , जो केवल जे. कुमार की पुस्तक के पेज 41 की पहली पंक्ति है।यहां से लगायत लगातार दो पैरा की 18 पंक्ति , इंटरैक्टिव टेक्नालाजी , तक हूबहू उतार लिया है। चोर गुरू अनिल कुमार राय ने यह करके अपने शोध पत्र का पूरा एक पेज बना लिया है। केवल जे. कुमार की पुस्तक के पेज 42  का पैरा 1 के, ऐज जनरली, से लगायत 6 पंक्ति , एरिया आफ ए कंट्री , तक और पैरा 3 के , येट अनादर , से पेज 43 की पहली तीन पंक्ति , इवर- न्यू वेज , तक की सामग्री हूबहू उतारकर अपने शोध पत्र का पूरा दूसरा पेज बनाया है। केवल जे. कुमार की पुस्तक के पेज 43 के पैरा 2 के , माडर्न मास मीडिया , से तीन लाइन , कंट्री टूडेज , तक और पेज 44 का पहला पैरा, इन रूरल से, दूसरे पैरा के अंत तक , चौथे पैरा की शुरूआत , सिम्बालिक फंक्शन , से ,लिमिनल एक्सपीरियंस , तक की सामग्री हूबहू उतारकर , अपने शोध पत्र का तीसरा पेज बनाया है। चोरगुरू अनिल कुमार राय ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय , जौनपुर में लेक्चरर रहने के दौरान इस तरह के ज्यादेतर शैक्षणिक कदाचार,नकल करके पुस्तकें ,शोधपत्र लिखने ,मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट में घोटाला करने आदि भ्रष्टाचार,धोखाधड़ी,फरेब,चारसौबीसी,चोरी का काम किया है। जिसकी शुरूआत वहां कुलपति रहे चोरगुरूओं के पितामह पातंजलि के सहयोग व संरक्षण में किया ।उसके बाद तो अन्य भ्रष्टाचारी कुलपतियों के सहयोग व संरक्षण में रायपुर व वर्धा में उसका भरपूर लाभ लेकर मालामाल हुआ है।और अपने ही जैसे शैक्षणिक कदाचारियों का लाभालाभी  रैकेट बना लिया है।  इसतरह अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय चोरगुरू ने यह सब धतकर्म,शैक्षणिक कदाचार ,फ्राड,धोखाधड़ी करने के बाद भी, पुलिस से कुलपति बने छिनाली फेम वाले विभूति नारायण राय (v.n.rai ips) के संरक्षण , सहयोग के चलते  प्रोफेसर ,डीन बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि भयंकर घोटालों के आरोपी ( कैग रिपोर्ट के मुताबिक ) विभूति नारायण राय अपने और अपने इस चहेते चोरगुरू को क्लीनचिट दिलाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। तरह-तरह के उपक्रम कर रहे हैं।  
       
 
   ANIL KUMAR RAI KA MGAHV WARDHA ME Prof. PAD KE LIYE DIYE BIODATA KA PAGE -2 , JISAME RESEARCH PAPERS ME DUSARE NO. PAR LIKHE RESEARCH PAPER KO , KEVAL J. KUMAR KI PUSTAK SE NAKAL KARAKE LIKHA HAI