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भ्रष्टाचारीगुरू/शैक्षणिक कदाचारीगुरू प्रो.राममोहन पाठक जांच से
बचने के लिए सांसद हर्षवर्धन के यहां लगा रहे जुगाड़,कर रहे याचना
कुलपति जी,भाग रहे प्रो.राम मोहन से बात करने को कहे...
जांच के भय से तथाकथित चोरगुरू राममोहन पाठक की नई चाल,
Harshvardhan(M.P.) |
Pro.Rammohan Pathak CHORGURU |
गोरखपुर के दैनिक जागरण में काम करने वाले कोई
तिवारी हैं । जो महाराज गंज के सांसद हर्षवर्धन
को फोन कर कह रहे हैं, सर , राममोहन पाठक हमारे फुफेरे भाई हैं। वह हमारे गले पड़
गये हैं।कह रहे हैं कि हर्षवर्धन जी से एक पत्र राज्यपाल को लिखवा दो नहीं तो हम
फंस जायेंगे,हमारी पेंशन रूक जायेगी,जांच होने पर जेल जाना पड़ सकता है। जिसमें वह
लिख दें कि राममोहन पाठक चोरगुरू नहीं हैं,भ्रष्टाचारी नहीं हैं,उन्होंने फुल टाइम
नौकरी करते हुए BHU से फुल टाइम पी-एचडी., आदि
जो शैक्षणिक कदाचार किया है उसमें क्लिनचिट मिल गई है।
महात्मा
गांधी काशी विद्यापीठ,वाराणसी के भ्रष्टाचारीगुरू प्रो. राममोहन पाठक ने नकल करके
पी-एचडी. थीसिस लिखने,फुल टाइम नौकरी करते हुए BHU से फुल टाइम पी-एचडी. व अन्य डिग्री लेने
,काशीविद्यापीठ का पुस्तकालय प्रभारी रहते पुस्तकों के खरीद मामले में घोटाला करने
व अन्य कई भ्रष्टाचार के सप्रमाण आरोपों की जांच से बचने के लिए तरह – तरह का उपक्रम
करना और जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है।
विद्यापीठ के
कुलपति नाग तो भ्रष्टाचारी गुरू राममोहन को बचाने के लिए हर हिकमत लगा रहे हैं ।
लेकिन अब भ्रष्टाचारी गुरूओं,चोरगुरूओं की करनी की जांच कराने का पत्र उनके आका का आ गया है सो वह अपना गला बचाने
के लिए राममोहन से कह रहे हैं कि बचने का
जल्दी कोई उपाय करो वरना जांच में दोनों फंसेंगे। सो प्रो.राम मोहन पाठक इन दिनों सांसद हर्षवर्धन के यहां अपने किसी तथाकथित
रिश्तेदार तिवारी से लगातार फोन करवा रहे हैं। वह तिवारी दैनिक जागरण ,गोरखपुर में
काम करते हैं। सांसद हर्षवर्धन को फोन करके गिड़गिड़ा रहे हैं कि राममोहन पाठक
हमारे रिश्तेदार हैं,फूफेरे भाई हैं। वह हमारे गले पड़ गये हैं।कह रहे हैं कि जांच
होगी तो हमारी ( राम मोहन पाठक) नौकरी चली जायेगी,पेंशन रूक जायेगी,जेल जाना पड़
सकता है, बी.एच.यू. की कई डिग्री रद्द हो जायेगी। तो आप एक पत्र राज्यपाल को लिख
दीजिए कि प्रो.राम मोहन पाठक को सभी घोटालों,भ्रष्टाचार के मामलों में क्लिनचिट
मिल चुका है ।
हर्षवर्धन ने उस तिवारी से कहा कि मैने जांच के लिए जो
भी लिखा है प्रमाण सहित लिखा है। यदि प्रो.राममोहन पाठक प्रमाण सहित लिखकर दे रहे
हैं कि उनपर लगे भ्रष्टाचार,शैक्षणिक कदाचार के सभी मामलों में क्लिन चिट मिल चुका
है तो दें,उसे भी राज्यपाल के यहां जांच में शामिल करने के लिए भेज दूंगा,और उसकी
भी जांच कराने की मांग करूंगा कि कैसे क्लिनचिट मिला है,जांच के नाम पर लीपा-पोती तो
नहीं की गई है।
मालूम हो कि इसी तिवारी से राममोहन पाठक ने दो साल
पहले भी सांसद हर्षवर्धन को फोन करवाया था।
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प्रो. राम मोहन पाठक पर
मूर्तिचोरी का आरोप?
क्या प्रो. राम मोहन पाठक ने शपथ पत्र में सच नहीं लिखा है?
क्या प्रो. राम मोहन पाठक की पीएचडी और नौकरी जा सकती है?
जुगाड़ कला के बदौलत
कुलपति बनने की कोशिश क्या प्रो. राम मोहन पाठक ने शपथ पत्र में सच नहीं लिखा है?
क्या प्रो. राम मोहन पाठक की पीएचडी और नौकरी जा सकती है?
कुलपति जी,भाग रहे प्रो.राम मोहन से बात करने को कहे...
जांच के भय से तथाकथित चोरगुरू राममोहन पाठक की नई चाल,