Monday, December 28, 2009

क्या प्रो.राममोहन पाठक की पीएच.डी. व नौकरी जा सकती है ?

-सत्ताचक्र-
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी (MAHATMA GANDHI KASHI VIDYAPEETH) के महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान में प्रोफेसर राममोहन पाठक (Pro. RAM MOHAN PATHAK) ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ,वाराणसी के हिन्दी विभाग से सन् 1983 में पी-एच.डी. किया है। इनके पी.एच.डी. के गाइड हिन्दी विभाग के तबके अध्यक्ष डा. विजयपाल सिंह थे। उन्होने दिनांक 20 मार्च 1983 को राममोहन पाठक के पूर्णकालिक शोध छात्र के रूप में पी.एच.डी. पूरा करने के बारे में जो लिखा व हस्ताक्षर किया है वह निम्न है-
हिन्दी विभाग
कला संकाय
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय दिनांक 20 मार्च 1983

प्रमाणित किया जाता है कि श्री राममोहन पाठक , शोध छात्र , हिन्दी विभाग ने पी-एच0 डी0 आर्डिनेंस की धारा 1 के अनुसार पूर्ण समय तक कार्य करते हुए प्रबंध पूरा कर लिया है और पी-एच0डी0 छात्र के रूप में की गयी यह खोज इनके स्वयं के निष्कर्ष पर अघृत है।

( विजय पाल सिंह )
निर्देशक एवं अध्यक्ष
हिन्दी विभाग
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
उक्त पत्र में साफ-साफ लिखा है कि श्री राममोहन पाठक ने पूर्ण कालिक रूप से पी-एच.डी. किया है। यानी उन्होने पी-एच.डी. करते समय कहीं नौकरी या अन्य काम नहीं किया है।
लेकिन इसी राममोहन पाठक ने काशी विद्यापीठ ,वाराणसी के पत्रकारिता विभाग में स्थाई रीडर पद पर नियुक्ति के लिए जो बायोडाटा दिया था, जिसके लिए दिनांक 22-08-1987 को साक्षात्कार हुआ , उसमें अनुभव कालम में 2 नं. पर लिखा है- उपसंपादक रिपोर्टर – जुलाई 1973 से कार्यरत – “आज ” दैनिक पत्र समूह ।
उसमें 3 नं. पर लिखा है- संयुक्त संपादक - मार्च 1979 से फरवरी 1985 तक “अवकाश पाक्षिक ” ।
इस साक्षात्कार के बाद राम मोहन पाठक काशी विद्यापीठ में रीडर हो गये थे। इसी राममोहन पाठक ने इसी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता संस्थान में जब प्रोफेसर पद के लिए आवेदन के साथ बायोडाटा लगाया था , जिसका साक्षात्कार 06-01-1996 को हुआ था, तो उसमें अनुभव वाले कालम के 5 नं. पर लिखा था- सम्पादक हिन्दी आज दैनिक लगभग 15 वर्ष , 16 – 7 -73 से 2 – 9 -87 तक ।
6 नं. पर लिखा था- संयुक्त सम्पादक अप्रैल 79 से 86 .
राममोहन पाठक के ये दोनो बायोडाटा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के रिकार्ड में है। इन दोनो बायोडाटा से जाहिर होता है कि –
1- राममोहन पाठक , काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. करने के दौरान आज अखबार समूह में पूर्णकालिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में काम करते रहे थे ।
2- आज अखबार समूह में प्रिंट लाइन में सम्पादक का नाम पहले सत्येन्द्र कुमार गुप्त छपता था ,उनके बाद शार्दूल विक्रम गुप्त का नाम छपने लगा। ऐसे में प्रिंट लाइन में कब राममोहन पाठक के नाम के आगे सम्पादक छपा ?
3- दोनो बायोडाटा में अनुभव वाले कालम में राममोहन ने अपना पद अलग-अलग लिखा है।