- सत्ताचक्र -
नईदिल्ली । माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भोपाल में 15 जनवरी 2010 से खाली हो रहे कुलपति पद के लिए एक दावेदार, महात्मागांधी काशी विद्यापीठ,वाराणसी के पुस्तकालय घोटाले सहित अन्य कई मामले में आरोपी, प्रो. राममोहन पाठक भी हैं। सूत्रो के मुताबिक उनकी कोशिश जुगाड़ लगाकर वहां कुलपति बनने की है। यदि मा.प.वि.वि. में कुलपति नहीं बन पाये तो 17 मार्च 2010 से खाली हो रहे कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, रायपुर में कुलपति पद पर भी उनकी निगाह है। सूत्रो का कहना है कि पाठक इसके लिए भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह से पैरवी कराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन चक्कर यह है कि इग्नू में पत्रकारिता विभाग के निदेशक शंभूनाथ सिंह भी राजनाथ सिंह और अपनी दूसरी पत्नी दीक्षा के पिता यानी ससुर जे.एस.राजपूत व इनके संपर्को को अपना नाथ माने हुए हैं।सो राजनाथ सिंह जी कहेंगे भी तो शंभू के लिए कहेंगे या राममोहन पाठक के लिए। इधर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति सच्चिदानंद जोशी का 17 मार्च 2010 को 5 साल का टर्म पूरा हो रहा है। टर्म पूरा होने के बाद सच्चिदानंद भाजपा नेताओं से पैरवी कराकर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भोपाल में कुलपति बन जाना चाहते हैं। जुगाड़कला के महारथी जोशी रायपुर में कुलपति के पद पर जाने के पहले माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भोपाल में रजिस्ट्रार थे।सूत्रो के मुताबिक सच्चिदानंद भाजपा के राज्य सभा सांसद प्रभात झा के मार्फत भोपाल में कुलपति पद पाने की कोशिश कर रहे हैं। संघ के सूत्रो का कहना है कि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भोपाल में कुलपति पद के ये तीनो दावेदार महाजुगाड़ू ,अवसरवादी हैं। यदि भाजपा की सरकार में भी ऐसे अवसरवादियों,जुगाड़ियों ,भ्रष्टाचार के आरोपियों को ही कुलपति बनाया गया तो इस पार्टी का भगवान ही मालिक है।संघ के सूत्रो का कहना है कि इस विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए जो कुछ हो रहा है उस पर नागपुर में बैठे संघ प्रमुख की भी निगाह है।