Sunday, November 1, 2009

केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के नकलची प्रोफेसरों के काले कारनामे उजागर होने से हड़कंप


यह खबर 1 नवम्बर 2009 को पंजाब केसरी, दिल्ली के पेज-2 की लीड स्टोरी थी। केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के नकलची प्रोफेसरों के काले कारनामे उजागर होने से हड़कंप
-कृष्णमोहन सिंह
नई
दिल्ली। पंजाब केसरी ने सबसे पहले देशी -विदेशी प्रोफेसरो,वैज्ञानिको,विशेषज्ञो के पुस्तकों,शोध-पत्रों से मैटर लगभग हूबहू उतारकर अपने नाम से किताब छपवा लेने वाले,शोध-पत्र बना लेने वाले नकलची अध्यापको के काले कारनामों को उजागर किया था। सी.एन.ई.बी. चैननल ने उसपर और गहन काम करके उसे और आगे बढ़ाते हुए कई एपिसोड वाली खोजपरक रिपोर्ट की श्रृखला तैयार की है । मैटर चुराकर धड़ाधड़ किताबें लिखने वाले यूनिवर्सिटी लेक्चरर-प्रोफ़ेसरों को बेनकाब करने वाली इस खोजपरक टीवी रिपोर्ट श्रृंखला की शुरुआत इसी रविवार पहली नवंबर से कर रहा है सीएनईबी न्यूज़ चैनल। इस खोज परक रिपोर्ट को तैयार करने में मूल भूमिका पत्रकारद्वय कृष्णमोहन सिंह और संजयदेव की है। श्रृंखला के पहले एपिसोड में वर्धा के अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रमुख अनिल के राय अंकित और दिल्ली के जामिया मिलिया के रीडर दीपक केम के कारनामों का भण्डाफ़ोड़ किया गया है।
एपिसोड में देश की प्रसिद्ध अकादमिक हस्तियों प्रोफ़ेसर बिपिन चंद्रा और प्रोफ़ेसर यशपाल की तीखी टिप्पणियाँ भी हैं जिसमें दोनों ने दोषियों के खिलाफ़ तत्काल कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें बर्खास्त करने की सिफ़ारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी अपनी राय जाहिर करते हुए कहा है कि ऐसे लोगों तत्काल उनकी सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।इस पहले एपिसोड में यह भी दावा किया गया है कि प्रति वर्ष कई सौ करोड़ रुपये के इस धंधे में प्रकाशक और लेखक दोनों की मिलीभगत होती है और इस तरह की किताबें अधिकतर केवल विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों की अल्मारियों में कैद होने के लिए ही लिखी-छापी जाती हैं। इंटरनेट के उभार ने चोरी के इस धंधे को अधिक आसान बना दिया है और लोग एक-एक साल में पाँच-दस नहीं, दो दर्ज़न से भी ज़्यादा किताबें लिख रहे हैं। 28 की शाम से "चोर गुरू" शीर्षक से उसका प्रोमो एक-एक घंटे के अंतराल पर दिखाया जाने लगा है।खबर रविवार शाम 8 बजे से दिखाई जायेगी। प्रोमो में है – जो जेब काटे वो जेबकतरा ,जो डाका डाले वो डकैत और जो ज्ञान चुराकर शिक्षक बन जाये.. उसे क्या कहेंगे? होंगे बेनकाब चोर गुरू CNEB पर । इधर यह भी चर्चा है कि एक नकलची प्रोफेसर ने अपनी प्रशंसावाली एक स्टोरी बनवाकर दिल्ली भेजवाई और उसे भाजपा के एक राज्य सभा सांसद रहे डाक्टर के टी.वी. चैनल पर आज चलवाने की पूरी कोशिश की। उस चैनल में कोई उसका विरादर है ,उसी के मार्फत स्टोरी चलवाने की योजना बनी थी। लेकिन मालिको को असलियत का पता चलजाने के कारण फिलहाल तो स्टोरी नहीं चली,रोक दी गयी।बताया जाता है कि इसमें एक लाइब्रेरी के लिए पुस्तक खरीद घोटाला किया प्रोफेसर ,एक नकलची पूर्व कुलपति और एक विवादास्पद कुलपति की नकलची की प्रशंसा वाली बाइट थी।
CNEB में यह प्रोमो चलने से ही दोनो केन्द्रीय विश्विद्यालयों व यूजीसी के अध्यापको,अफसरो में हड़कंप मचा हुआ है। सभी नकलची अध्यापकों और उनके आका अफसरो को आगे खुदकी असलियत उजागर होने का डर हो गया है । सूत्रो के मुताबिक दोनो विश्वविद्यालयो के कई प्रोफेसरो,रीडरो,लेक्चररो के, देशी-विदेशी विश्वविद्यालयो के प्रोफेसरो आदि की पुस्तको आदि से मैटर लगभग हूबहू उतारकर एक साल में एकसे लेकर 29 तक किताबें अपने नाम छपवाने के कारनामे उजागर होने हैं।जिसके चलते इन वि.वि. के जुगाड़ी आकाओं की धुकधुकी बढ़ गयी है।