-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। दिल्ली की एक सामाजिक संस्था संपूर्ण परिवर्तन ने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और सचिव उच्चशिक्षा को सप्रमाण पत्र देकर ,म.गां.अं.हि.वि.वि. वर्धा के कुलपति वी.एन.राय, ओ.एस.डी व पूर्व कुलपति पी.सी पातंजलि व नकलची प्रो.अनिल राय के खिलाफ सी.बी.आई. जांच की मांग की है। 4 नवम्बर 2009 को रीसीव कराये इस पत्र का मजमून निम्न है-
विषय- देशी-विदेशी लेखको की पुस्तको आदि से नकल करके लगभग एक दर्जन किताब अपने नाम छपवा लेने वाले डा.अनिल के. राय अंकित (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि.वर्धा, महाराष्ट्र में पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर व हेड) और उनको नियुक्त करने व संरक्षण देने वाले वाले कुलपति विभूति नारायण राय के खिलाफ कार्रवाई की मांग।
महोदय,
देशी-विदेशी लेखको की पुस्तको, शोध-पत्रो,विश्वविद्यालयो के पाठ्यसामग्री से नकल करके लगभग एक दर्जन किताब अपने नाम छपवालेने वाले डा.अनिल के. राय अंकित को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि.वर्धा, महाराष्ट्र में पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर नियुक्त करके हेड बना दिया गया है। अनिल के. राय अंकित के नकल के कारनामे सबूत सहित कई अखबार में छपा है। वि.वि. के कुलपति अपने जाति के उस प्रोफेसर के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय उसे बचाने में लगे हुए हैं,क्योंकि उसकी नियुक्ति उन्होने ही कराई है।
अनिल के.राय अंकित ने अन्य पुस्तको से सामग्री लगभग हूबहू उतारकर अपने नाम जो लगभग एक दर्जन पुस्तके छपवा ली हैं उनमें से हिन्दी में लिखी एक पुस्तक संचार के सात सोपान और अग्रेजी की एक पुस्तक Communication Management: Listening Versus Hearing के कुछ पेज के नकल के सबूत संलग्न हैं-
1- संचार के सात सोपान के अध्याय-7,फिल्मो की दुनिया के पेज नं 461 से 519 में ,अवधेश प्रताप सिंह वि.वि.,रीवा के दूरवर्ती शिक्षा केन्द्र की अध्ययन सामग्री बी.जे.एम.सी.-600,प्रेस विधि,संविधान तथा संचार माध्यम तथा करेन्ट अफेयर्स के पेज नं 108 से 166 की सामग्री को लगभग हूबहू उतार लिया है। जिसमें से संचार के सात सोपान का पेज नं462 से 465 तथा रीवा के दूरवर्ती शिक्षा केन्द्र की अध्ययन सामग्री बी.जे.एम.सी.-600,प्रेस विधि,संविधान तथा संचार माध्यम तथा करेन्ट अफेयर्स के प्रश्न –पत्र -400 के पेज नं 108 से111 संलग्न है।
2- Communication Management: Listening Versus Hearing पुस्तक का पूरा चैप्टर -5, सुसान एम.मिलर के शोध- पत्र को हूबहू उतारकर बना लिया है। इस पुस्तक का पेज 230 से235 और सुसान एम.मिलर के शोध- पत्र का कवर पेज सहित 5 पेज संलग्न है।
3- कुलपति विभूति नारायण राय ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय ,जौनपुर(उ.प्र.) के पूर्व
कुलपति प्रेमचंद पातंजलि को अपने विश्वविद्यालय में मोटे पगार पर ओ.एस.डी. नियुक्त किया है। पातंजलि ने भी नकल करके पुस्तकें लिखी हैं। उनकी लिखी पुस्तक DEVELOPMENT OF ADULT EDUCATION IN INDIA इसका प्रमाण है।
आपसे निवेदन है कि उक्त नकलची प्रोफेसरों व उनके संरक्षक विभूति नारायण को सभी प्रशासनिक पदो से हटाकर, पूरे मामले की सीबीआई.से जांच करा कर,उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की कृपा करें ।
नईदिल्ली। दिल्ली की एक सामाजिक संस्था संपूर्ण परिवर्तन ने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और सचिव उच्चशिक्षा को सप्रमाण पत्र देकर ,म.गां.अं.हि.वि.वि. वर्धा के कुलपति वी.एन.राय, ओ.एस.डी व पूर्व कुलपति पी.सी पातंजलि व नकलची प्रो.अनिल राय के खिलाफ सी.बी.आई. जांच की मांग की है। 4 नवम्बर 2009 को रीसीव कराये इस पत्र का मजमून निम्न है-
विषय- देशी-विदेशी लेखको की पुस्तको आदि से नकल करके लगभग एक दर्जन किताब अपने नाम छपवा लेने वाले डा.अनिल के. राय अंकित (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि.वर्धा, महाराष्ट्र में पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर व हेड) और उनको नियुक्त करने व संरक्षण देने वाले वाले कुलपति विभूति नारायण राय के खिलाफ कार्रवाई की मांग।
महोदय,
देशी-विदेशी लेखको की पुस्तको, शोध-पत्रो,विश्वविद्यालयो के पाठ्यसामग्री से नकल करके लगभग एक दर्जन किताब अपने नाम छपवालेने वाले डा.अनिल के. राय अंकित को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि.वर्धा, महाराष्ट्र में पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर नियुक्त करके हेड बना दिया गया है। अनिल के. राय अंकित के नकल के कारनामे सबूत सहित कई अखबार में छपा है। वि.वि. के कुलपति अपने जाति के उस प्रोफेसर के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय उसे बचाने में लगे हुए हैं,क्योंकि उसकी नियुक्ति उन्होने ही कराई है।
अनिल के.राय अंकित ने अन्य पुस्तको से सामग्री लगभग हूबहू उतारकर अपने नाम जो लगभग एक दर्जन पुस्तके छपवा ली हैं उनमें से हिन्दी में लिखी एक पुस्तक संचार के सात सोपान और अग्रेजी की एक पुस्तक Communication Management: Listening Versus Hearing के कुछ पेज के नकल के सबूत संलग्न हैं-
1- संचार के सात सोपान के अध्याय-7,फिल्मो की दुनिया के पेज नं 461 से 519 में ,अवधेश प्रताप सिंह वि.वि.,रीवा के दूरवर्ती शिक्षा केन्द्र की अध्ययन सामग्री बी.जे.एम.सी.-600,प्रेस विधि,संविधान तथा संचार माध्यम तथा करेन्ट अफेयर्स के पेज नं 108 से 166 की सामग्री को लगभग हूबहू उतार लिया है। जिसमें से संचार के सात सोपान का पेज नं462 से 465 तथा रीवा के दूरवर्ती शिक्षा केन्द्र की अध्ययन सामग्री बी.जे.एम.सी.-600,प्रेस विधि,संविधान तथा संचार माध्यम तथा करेन्ट अफेयर्स के प्रश्न –पत्र -400 के पेज नं 108 से111 संलग्न है।
2- Communication Management: Listening Versus Hearing पुस्तक का पूरा चैप्टर -5, सुसान एम.मिलर के शोध- पत्र को हूबहू उतारकर बना लिया है। इस पुस्तक का पेज 230 से235 और सुसान एम.मिलर के शोध- पत्र का कवर पेज सहित 5 पेज संलग्न है।
3- कुलपति विभूति नारायण राय ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय ,जौनपुर(उ.प्र.) के पूर्व
कुलपति प्रेमचंद पातंजलि को अपने विश्वविद्यालय में मोटे पगार पर ओ.एस.डी. नियुक्त किया है। पातंजलि ने भी नकल करके पुस्तकें लिखी हैं। उनकी लिखी पुस्तक DEVELOPMENT OF ADULT EDUCATION IN INDIA इसका प्रमाण है।
आपसे निवेदन है कि उक्त नकलची प्रोफेसरों व उनके संरक्षक विभूति नारायण को सभी प्रशासनिक पदो से हटाकर, पूरे मामले की सीबीआई.से जांच करा कर,उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की कृपा करें ।