-सताचक्र गपशप-
जामिया मिलिया इस्लामिया,दिल्ली के सेंटर फार कल्चर एंड मीडिया गवर्नेस में दीपक केम रीडर हैं। उनके पिता यू.जी.सी. में दो साल पहले तक सेक्रेटरी थे और अभी यू.जी,सी. के ही एक विभाग नाक में कुलपति रैंक के पद पर निदेशक हैं।इस पद पर उनकी नियुक्ति यू.जी.सी. के वर्तमान चेयरमैन थोराट ने की है।कैसे की है इसकी स्टोरी बाद में।इसी तरह बड़े केम ने अपने पुत्र दीपक और उनकी पत्नी को किस तरह आगे बढाया है,दीपक को प्रोफेसर बनवाने के लिए कहां-कहां जुगाड़ भिड़ाया जा रहा है,कैसे यू.जी.सी.आदि का प्रोजेक्ट दिलवाया जा रहा है ,इसके बारे में बाद में। पहले दीपक केम के नकल करके कई किताबें लिखने के कारनामों पर। दीपक केम ने, महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में अपने सजातीय पुलिसिया कुलपति विभूति नारायण राय की कृपा से जुलाई09 में प्रोफेसर नियुक्त हुए व हेड बने, अनिल कुमार राय उर्फ अनिल के. राय अंकित के साथ मिलकर PHOTOGRAPHY PRINCIPLES AND PRACTICES नामक 2500 रूपये की किताब लिखी है।जिसे श्रीपब्लिशर व डिस्ट्रीब्यूटर,दरियागंज ,दिल्ली ने छापा है। जिसमें 22 चैप्टर हैं।ये 22 चैप्टर तीन विदेशी पुस्तकों से चैप्टर के चैप्टर हूबहू उतार कर बनाये गये हैं। नकलचेपी दीपक केम और अनिल के. राय अंकित की इस पुस्तक में ढ़ेर सारी फोटो भी हैं। जिसके चयन में भी केम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।नकल करके यह किताब लिखने की बात उजागर होने पर कलाकार केम अब कह रहे हैं “– ये अनिल के. राय कौन है,इसको तो मैं जानता ही नहीं हूं।इस किताब से मेरा कोई लेना –देना नहीं है...।“ जबकि दोनों नकलचेपियो को अच्छी तरह जानने वाले लोग कह रहे हैं कि दोनों एक ही चौर्यकला के चट्टे-बट्टे हैं।दोनो एक दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं।यह भी कहा जा रहा है कि इसी दीपक केम के मार्फत इनके पिता यानी बड़े केम से जुगाड़ लगाकर अनिल के. राय अंकित ने यू.जी.सी. का एक प्रोजेक्ट लिया है। उसमें भी एक प्रोजेक्ट फेलो को, नियुक्त करने के एक साल बैक डेट से सेलरी दिलाने का आर्डर कराने का धांधली किया है। जिसमें यू.जी.सी. का एक कर्मचारी भी शामिल है। केम और अंकित के नकल करके किताब लिखने के कारनामे जब CNEB न्यूज चैनल पर दिखाये जाने के लिए प्रोमो चलने लगा तो यू.जी.सी. की एक कमेटी में मेम्बर एक व्यक्ति के यहां एक सज्जन का फोन गया। कहे- भाई साहब उस लड़के से गलती तो हो गई है,खबर दिखाने से तो उसका कैरियर खत्म हो जायेगा। जिस व्यक्ति के यहां फोन गया था उन्होने जबाब दिया –एक पिता का अपने पुत्र की भविष्य की चिंता मैं अच्छी तरह समझ रहा हूं,लेकिन आपका पुत्र कोई दूध पिता बच्चा नहीं है, प्राचार्य है। पुत्र ने नकल करके किताबें लिखी है तो वह कैसे नहीं दिखाया जाय। जब चोरगुरू खबर दिखा दी गयी और दूसरे दिन भी उसे रिपीट करने के लिए वही प्रोमो चल रहा था तो उस व्यक्ति के यहां एक नकलचेपी ने फोन किया और कहा- अंकल उस प्रोमो सें मेरा फोटो तो हटवा दीजिए..।खबर दिखाये जाने के दो दिन बाद फिर एक नकल चेपी के पावरफुल पिता का फोन उस व्यक्ति के यहां गया- भाई साहब जो खबर चैनल पर दिखाई गई, उसकी सी.डी. को जामिया मिलिया के कुलपति के यहां नहीं भेजवाइयेगा,वरना वह कार्रवाई कर सकते हैं। आगे क्या हुआ बाद में पढ़ियेगा।