-सत्ताचक्र गपशप-
प्रख्यात पत्रकार आलोक तोमर ने ठीक ही लिखा है- प्रभाष जी की आत्मा को शांति नहीं चाहिए..। यदि उनकी आत्मा को शांति मिल गई तो उन सफेदपोश चोरो की चांदी हो जायेगी जिनकी चांदी की चमचमाती पन्नी में काईंयापन से ढ़की सिर तक सराबोर कदाचार की करनी को वह अपनी लेखनी से तार-तार कर दुनिया के सामने उनके असली चेहरे उजागर करते थे। सफेदपोशो के कदाचार,धतकर्मो को तार –तार करने के लिए प्रभाष जी की उस सागर आत्मा को हमारे बीच प्रेरणा श्रोत बने रहना होगा। वरना उनके ही नाम पर कार्यक्रम आयोजित करके चौर्यकला महारथी प्रोफेसर ,रीडर,लेक्चरर इनके संरक्षक कुलपति अपने स्याह कर्म को सफेद करने लगेंगे।
यह शुरू भी हो गया है। महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि. वर्धा के पुलिसिया कुलपति विभूति नारायण राय ने देशी-विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरो,वैज्ञानिको आदि की पुस्तकों,शोधपत्रों से लगभग हूबहू उतार कर एक दर्जन से अधिक अंग्रेजी व हिन्दी में पुस्तकें ,शोध-पत्र अपने नाम से छपवालेने वाले अनिल के राय अंकित को प्रभाष जी पर कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी दी है।विभूति राय ने ही अनिल कुमार राय को वि.वि. में प्रोफेसर नियुक्त कराया व जनसंचार विभाग का हेड बनाया है।सो अब एक नकलचेपी प्रोफेसर और उसका संरक्षक आयोजित कर रहे हैं प्रभाष जी पर कार्यक्रम।
प्रख्यात पत्रकार आलोक तोमर ने ठीक ही लिखा है- प्रभाष जी की आत्मा को शांति नहीं चाहिए..। यदि उनकी आत्मा को शांति मिल गई तो उन सफेदपोश चोरो की चांदी हो जायेगी जिनकी चांदी की चमचमाती पन्नी में काईंयापन से ढ़की सिर तक सराबोर कदाचार की करनी को वह अपनी लेखनी से तार-तार कर दुनिया के सामने उनके असली चेहरे उजागर करते थे। सफेदपोशो के कदाचार,धतकर्मो को तार –तार करने के लिए प्रभाष जी की उस सागर आत्मा को हमारे बीच प्रेरणा श्रोत बने रहना होगा। वरना उनके ही नाम पर कार्यक्रम आयोजित करके चौर्यकला महारथी प्रोफेसर ,रीडर,लेक्चरर इनके संरक्षक कुलपति अपने स्याह कर्म को सफेद करने लगेंगे।
यह शुरू भी हो गया है। महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि. वर्धा के पुलिसिया कुलपति विभूति नारायण राय ने देशी-विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरो,वैज्ञानिको आदि की पुस्तकों,शोधपत्रों से लगभग हूबहू उतार कर एक दर्जन से अधिक अंग्रेजी व हिन्दी में पुस्तकें ,शोध-पत्र अपने नाम से छपवालेने वाले अनिल के राय अंकित को प्रभाष जी पर कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी दी है।विभूति राय ने ही अनिल कुमार राय को वि.वि. में प्रोफेसर नियुक्त कराया व जनसंचार विभाग का हेड बनाया है।सो अब एक नकलचेपी प्रोफेसर और उसका संरक्षक आयोजित कर रहे हैं प्रभाष जी पर कार्यक्रम।