Sunday, November 22, 2009

चोरगुरूओं,उनके सहयोगियों,संरक्षकों का उजागर होने लगा दोहरा चरित्र

-सत्ताचक्र गपशप-
पूर्वी उ.प्र. के एक वि.वि.के कैटालागर लाइब्रेरियन वि.वि. के अपने कुछ चंपुओं व मातहतो के सामने तो सीना चौड़ाकर उन पत्रकारो के बारे में बहुत अनाप-शनाप बक रहे थे जिनने नकलची प्रोफेसरो,रीडरो,लेक्चररो के नकल करके किताबें लिखने,उन्हे छापने-सप्लाई करने,खरीदने,खरीदवाने वालों के कालेधंधे का भण्डा फोड़ शुरू किया है।लेकिन जब यह सामने आ गया कि 1- वह लाइब्रेरियन महोदय पत्नी व बच्चे सहित पुस्तक सप्लायर के यहां दिल्ली में शादी में गये थे,जिसकी सारी व्यवस्था सप्लायर ने की थी ,2-वह लाइब्रेरियन महोदय उस सप्लायर द्वारा सप्लाई की हुई विभिन्न विषयों की नकलची गुरूओं द्वारा लिखी अति महंगे दामवाली करोड़ो रूपये की इन्साइक्लोपीडिया के वालूम के वालूम को लाइब्रेरी के पहली मंजिल के कमरो में डम्प किये हुए हैं, 3- नकलची गुरूओं की लिखी हर साल मंगाई गई ढ़ेर सारी पुस्तको को बहुत समय तक इन्ट्री,कैटालागिंग न करके वैसे ही डम्प रखा गया है,छात्रो को कई –कई साल तक इसु नहीं किया गया है। यह सब सामने आने के बाद बहुत बढ़-चढ़कर अनाप-शनाप बोल रहे कैटालागर महोदय की धुक-धुकी बढ़ गयी। वह कैटालागर लाइब्रेरियन महाशय म.प्र. के एक विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन के अंडर में पी.एच.डी.सबमिट किये हैं। अपना कर्म उजागर होने से पुकपुकाये यह साहब जिसके अंडर में पी.एच.डी. सबमिट किये हैं,उससे फोन करवा रहे हैं।यह कि हुजूर बख्श दीजिए। विश्वविद्यालयों में लाइब्रेरियन का प्रभार प्रोफेसरके पास होता है,यहां यह कैटालागर लाइब्रेरी का प्रभारी है।
नकलचेपी प्रोफेसर बाहर बढ़-चढ़कर बोल रहा अंदर सिफारिश लगवा रहा: नकल करके दर्जनो पुस्तकें लिखने वाला एक नकलचेपी महाराष्ट्र के एक नये केन्द्रीय वि.वि. में अपने जाति के कुलपति की कृपा से प्रोफेसर –हेड बना है। उसके नकल करके ढ़ेर सारी पुस्तकें लिखने के कारनामे अखबारो में आ रहे हैं। उस नकलची ने अपने संरक्षको,चंपुओं के सामने तो खबर लिखनेवालों के बारे में बहुत अंड-बंड कहता रहा। उसके बड़बोले आका भी उसी की जुबान बोलते रहे हैं। नकलची ने नकल करके लिखी अपनी एक पुस्तक अपने एक मददगार को समर्पित की है। उनसे वह बहुत बार आरजू किया कि सर जो लोग लिख रहे हैं उनसे कहिए मत लिखें। यह है नकलचेपी का अंदर कुछ और बाहर कुछ और मामला।ऐसे बहुत हैं।उसके आका का भी यही हाल है।