-सत्ताचक्र-
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ,जौनपुर के डिपार्टमेंट आफ फाइनांसियल स्टडीज में वरिष्ठ शिक्षक डा.एस.के.सिन्हा ( जिनका इसी वि.वि. में रीडर पद पर सेलेक्शन हो गया है,लिफाफा खुलने की देरी है। इन नकलचेपी प्रोफेसरो ,रीडरो,लेक्चररो को बचाने का ,मामला दबाने का तरह-तरह से उपक्रम शुरू हो गया है। ये नकलची प्रोफेसर,रीडर,लेक्चरर और इनकी पुस्तकें छापकर इसी वि.वि. की पुस्तकालयों में,इन्ही नकलची आध्यापकों और वि.वि. के कुछ अफसरो के सहयोग से बीते 6-7 साल से प्रति वर्ष 70-80 लाख रूपये की पुस्तकें सप्लाई करने वाले प्रकाशक,सप्लायर का रैकेट राज्य के कुछ तथाकथित घूसखोर नेताओं,अफसरों के मार्फत मामला दबाने में लग गया है) के नकल करके किताबें लिखने का कारनामा CNEB न्यूज चैनल के खोज परक कार्यक्रम “चोरगुरू” के अगले एपीसोड में दिखाया जायेगा। जो कि रविवार दिनांक 06 दिसम्बर 2009 को रात्रि 8 से साढ़े आठ बजे के स्लाट में दिखाया जायेगा। डा.एस.के.सिन्हा ने नकल करके जो किताब लिखा है उसका नाम है – LOGISTICS AND SUPPLY CHAIN MANAGEMENT . इस पुस्तक को SHREE PUBLISHERS & DISTRIBUTORS , ANSARI ROAD, DARAYA GANJ , NEW DELHI -110002 . ने छापा है। पुस्तक 2007 में छपी है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर नकलचेपी शिक्षकों का गढ़ हो गया है। यहां के पूर्व कुलपति प्रेम चंद पातंजलि, डीन रामजी लाल, लेक्चरर एस.के. सिन्हा, लेक्चरर अनिल कुमार राय उर्फ अनिल के. राय अंकित (अवैतनिक अवकाश पर , इस समय म.अं.हि.वि.वि. वर्धा में सजातीय पुलिसिया कुलपति की कृपा व संरक्षण से जनसंचार विभाग के प्रोफेसर व हेड ) के नकल करके एक साल में एक दर्जन तक किताबें लिखने का मामला सामने आया है। इन सब नकलचेपियों की पुस्तकें SHREE PUBLISHERS & DISTRIBUTORS ने छापा है। इन सबके नकलचेपी कारनामों को CNEB न्यूज चैनल पर चल रहे चोर गुरू कार्यक्रम में दिखाया जा चुका है। चोर गुरू कार्यक्रम की आठवीं कड़ी में रविवार दिनांक 06-12-09 को रात 8 से साढ़े आठ बजे के स्लाट में एस.के. सिन्हा के बारे में दिखाया जायेगा कि किस तरह उन्होने विदेशी लेखक विलियम सी कोपैसिनो की किताब SUPPLY CHAIN MANAGEMENT से लगग हूबहू उतारकर अपनी पुस्तक का 21 से 42 तक का पेज बना लिया है। CNEB न्यूज चैनल की टीम ने पूर्वांचल वि.वि. के कुलपति और रजिस्टार के सामने जब पूछताछ की तो उसमें सिन्हा ने स्वीकारा है। कैमरा के सामने आने के पहले सिन्हा को कुलपति और रजिस्टार ने अलग कमरे में ले जाकर कुछ पूछा,समझाया कि क्या कहना है।लेकिन कैमरे के सामने सिन्हा ने काफी कुछ बता दिया ।सिन्हा ने साफगोई से सबकुछ बताना शुरू किया तो कुलपति और रजिस्टार थोड़ा असहज हो गये और सिन्हा को आगाह करते हुए कम बोलने का संकेत किया। फिर भी सिन्हा ने बहुत कुछ बताया। उन्होने तो यह भी बताया कि जिस प्रशांत जैन की कम्पनी SHREE PUBLISHERS & DISTRIBUTORS के यहां से किताबें छपवाई हैं उसी के यहां से मुफ्त में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ,जौनपुर के डिपार्टमेंट आफ फाइनांसियल स्टडीज का एक जर्नल भी छपता है। इस बारे में पूछने पर प्रशांत जैन ने कैमरे के सामने स्वीकार किया की वह यह बिजनेस प्रमोशन के लिए करते हैं। यानी सप्लायर,पब्लिशर,वि.वि. के अधिकारी व शिक्षक सब इस बिजनेस प्रमोशन की एक लाभवाली कड़ी के अंग बन गये हैं। ईमानदार शिक्षाविद इसे रैकेट कहने लगे हैं। जिसके मार्फत भारत में प्रेफेसरो,रीडरो,लेक्चररों द्वारा नकल करके लिखी पुस्तकों का सालाना लगभग 500 करोड़ रूपये का कारोबार हो रहा है। ये किताबें विश्वविद्यालयों के लाइब्रेरियों में रैकेट के मार्फत बिक रही हैं। जिनपर आन रिकार्ड केवल 10 से 20 प्रतिशत छूट दिखाया जाता है। किताबों के छपे दाम का बाकी 40 से 50 प्रतिशत रैकेट में शामिल अफसरो,मास्टरों,लाइब्रेरियनों,क्लर्कों के बीच चढ़ावा चढ़ जाता है। CNEB के इस एपीसोड में आप यह भी देखेंगे कि किस तरह नकलचेपी शिक्षकों की लाखो-लाखो- रूपये की ढ़ेर सारी पुस्तकें,इनसाइक्लोपीडिया मंगाकर लाइब्रेरी में रखा जाता है। इस तरह की पुस्तकें सप्लाई करने वाली कम्पनियों में से एक इंडिका और छापने वाली कम्पनी श्री पब्लिशर के मालिक प्रशांत जैन के मजेदार तर्क भी इस एपीसोड में देखने को मिलेगा।