Thursday, December 31, 2009

चन्द्रशेखर : यादें

-सत्ताचक्र-
हिन्दी
दैनिक "राष्ट्रीय नवीन मेल" ने "चन्द्रशेखर - यादें " शीर्षक से लेख की श्रृंखला शुरू किया है। जिसमें उनसे जुड़े रहे कोई भी उनके साथ के बीते दिनो की यादों को लिखकर भेज सकते हैं ।

चन्द्रशेखर : यादें
( रामबहादुर राय की लिखी राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित 334 पेज की पुस्तक “चन्द्रशेखर” में से सामग्री काट – छांट कर कृष्णमोहन सिंह ने यह लेख बनाया है )

दिनांक 17 अप्रैल , 1927 को बलिया जिले के इब्राहिम पट्टी गांव में द्रोपदी देवी की कोख से जिस बालक का जन्म हुआ, वह अपने मुंह में चांदी का चम्मच लेकर नहीं पैदा हुआ । वह बालक बहुत ही गरीब परिवार में पैदा हुआ । कठिन परिस्थितियों से जूझते, संघर्ष करते हुए उसने अपनी राह बनाई । बड़े से बड़े तोप सुनामधन्यों से सीधे टक्कर लेने में, बिना लाग लपेट अपनी बात कहने में कभी रत्ती भर भी नहीं हिचका । जो उचित लगा वह ऐलानिया , डंके की चोट पर कहा । उस पर डटा रहा । जिसको सहयोग का वायदा किया दमदारी से उसका साथ दिया । वह हैं चन्द्रशेखर ।
उन्ही के शब्दों में – मैंने निकट से गरीबी और विवशता देखा है । जब मैं छोटा था,अपने गांव के स्कूल में पांचवे दर्जे का विद्यार्थी था , मेरे पैर में बड़ा फोड़ा हुआ। दो लोगो ने हाथ पकड़ा, दो लोगो ने पैर ...........नाई के छुरे से उस फोड़े का आपरेशन हुआ ।.......... बड़ा हुआ और जब मैं कालेज का विद्यार्थी था, मेरी मां को हैजा हुआ था और बिना किसी डाक्टर की सहायता के वह इस दुनिया से चल बसीं....