Monday, April 19, 2010

राज्यपाल से 9 चोरगुरूओं के कदाचार की जांच की मांग

-सत्ताचक्र(sattachakra) -
विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में अफसरों,कुलपतियों,अध्यापकों,पुस्तक प्रकाशकों, की मिलिभगत से अध्यापकों द्वारा नकल करके लिखी व छपी पुस्तकों का सालाना लगभग 500 करोड़ रूपये का अवैध कारोबार हो रहा है। और हर साल इतने बड़े रकम की ऐसी पुस्तकों की खरीद विश्वविद्यालयों के कुछ कुलपतियों,अध्यापकों, प्रकाशकों,सप्लायरों,यू.जी.सी. व संबंधित मंत्रालयो के कुछ अफसरों, हुक्मरानो की तथाकथित आपसी ऊपरी मोटी कमाई वाली काकस के चलते हो रहा है। ऐसे चोरगुरूओं,उनकी नकल करके लिखी पुस्तकें छापने बेचने वाले प्रकाशकों,सप्लायरो, उनके संरक्षक कुलपतियों आदि के शैक्षणिक कदाचार को उजागर करने वाला खोजपरक कार्यक्रम "चोरगुरू" CNEB NEWS CHANNEL पर चल रहा है। इस कार्यक्रम में उ.प्र. के तीन वि.वि. के 9 तथाकथित शैक्षणिक कदाचारी चोरगुरूओं के कारनामो का खुलासा किया जा चुका है। इनमें सबसे अधिक 4 तथाकथित चोरगुरू वी.ब.सिं.पू.वि.वि., जौनपुर के हैं। ऐसे शैक्षणिक कदाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए संबंधित वि.वि. के कुलपतियों को प्रमाण सहित पत्र भी दिया गया है। लेकिन आन कैमरा कार्रवाई करने की बात कहने वाले ये कुलपति, शैक्षणिक कदाचारियों को बचाने में लगे हैं। कोई(पूर्वांचल वि.वि. का कुलपति सारस्वत) दिखावा के लिए बिना समय सीमा के वनमैन जांच समिति बना दिया है , कोई( काशी विद्यापीठ का कुलपति) अभी जांच समिति बनाने पर विचार कर रहा है। सो CNEB NEWS CHANNEL ने राज्य के राज्यपाल को इस बाबत सप्रमाण सी.डी. सहित पत्र और उसके बाद एक रिमाइंडर भेज कर तथाकथित शैक्षणिक कदाचारी चोरगुरूओं व उनके संरक्षक कुलपतियों पर कार्रवाई की मांग किया है।
राज्यपाल को दिनांक 28 जनवरी 2010 को लिखा व दिया 2 पेज का पत्र तथा दिनांक 04 मार्च 2010 को दिया एक पेज का पत्र निम्न हैं -


महामहिम राज्यपाल,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ।

विषयः प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा मैटर चुराकर अपनी किताबों में शामिल करने और इस बारे में संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा समुचित कार्रवाई न करने के बाबत।

महामहिम,

शिक्षा जगत में हो रहे कदाचार के एक पहलू को उजागर करने के उद्देश्य से हमारे समाचार चैनल सीएनईबी न्यूज़ ने पिछले साल पहली नवंबर से एक खोजपरक साप्ताहिक कार्यक्रम चोर गुरू शुरू किया है। इसकी अब तक 14 कड़ियाँ दिखायी जा चुकी हैं।
अन्य प्रदेशों के विश्वविद्यालयों के अलावा इसमें उत्तर प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध रहे वरिष्ठ-कनिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा की गयी चोरी के सप्रमाण किस्से दिखाये गये हैं और यथासंभव इन सभी विश्वविद्यालयो के कुलपतियों के सामने भी यह प्रमाण रखे गये हैं और इस संबंध में संबंधित कुलपतियों की बाइट को भी हमने अपने कार्यक्रम में दिखाया है।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों द्वारा किये जा रहे इस अनैतिक कृत्य को देखकर प्रोफ़ेसर बिपिन चंद्रा, प्रोफ़ेसर यशपाल और प्रोफ़ेसर मुशीरुल हसन सरीखे देश के कुछ बेहद सम्मानित शिक्षाविदों ने भी हमारे कार्यक्रम में अपना दुख और रोष व्यक्त किया है। अनेक राजानीतिक दलों के वरिष्ठ सासदों ने भी इस पर रोष व्यक्त किया है। इस प्रकरण का दुखद पहलू यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई का वायदा करने के महीनों बीत जाने के बाद भी किसी तरह की समुचित कार्रवाई अबतक नहीं की गयी है।
सीएनईबी न्यूज़ के चोर गुरू कार्यक्रम में अबतक उत्तर प्रदेश के जिन तीन विश्वविद्यालयों से जुड़े रहे शिक्षकों के कारनामे दिखाये गये हैं, वे हैं--बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (झाँसी), वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (जौनपुर) और महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ (वाराणसी)।
इन संस्थाओं से जुड़े जिन महानुभावों के कारनामे हमारे चोर गुरू कार्यक्रम में दिखाये गये हैं, उनके नाम निम्नवत हैं—

1. प्रोफ़ेसर रमेश चंद्रा पूर्व कुलपति, बुंदेलखंड विवि
2. प्रोफ़ेसर डी एस श्रीवास्तव पूर्व संकायाध्यक्ष, बुंदेलखंड विवि
3. सुश्री सरिता कुमारी बुंदेलखंड विवि से सम्बद्ध रहीं
4. प्रोफ़ेसर प्रेम चंद पातंजलि पूर्व कुलपति, पूर्वांचल विवि
5. प्रोफ़ेसर रामजी लाल संकायाध्यक्ष, पूर्वांचल विवि
6. प्रोफ़ेसर अनिल के राय अंकित पूर्व विभागाध्यक्ष, पूर्वांचल विवि
7. डॉ एस के सिन्हा विभागाध्यक्ष, पूर्वांचल विवि
8. डा. अनिल उपाध्याय काशी विद्यापीठ
9. प्रोफ़ेसर राममोहन पाठक काशी विद्यापीठ

उत्तर प्रदेश के बाहर के जिन अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के कारनामे सप्रमाण हमने दिखाये हैं, उनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा और इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के नाम प्रमुख हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कई दलों के सांसदों ने इस मुद्दे को संसद के आगामी सत्र में उठाने का मन बनाया है। यह वास्तव में राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है।
अपने इस चोर गुरू कार्यक्रम की कुछ उन कड़ियों की सीडी हम इस पत्र के साथ आपके अवलोकनार्थ भेज रहे हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों से जुड़े मसले हैं। हम मानते हैं कि यह मुद्दा बेहद गंभीर है लेकिन जानबूझकर इसकी अनदेखी की जा रही है और इसीलिए अब इस मुद्दे पर आपकी ओर से समुचित कार्रवाई किये जाने की ज़रूरत है। आप यदि उचित समझें तो हमारी चोर गुरू टीम सभी प्रमाणों को विस्तार से आपके सामने या आपके द्वारा नियुक्त किसी जाँच समिति के सामने रखने को तत्पर रहेगी।
साभार,

प्रदीप सिंह
राजनीतिक संपादक,
सीएनईबी न्यूज़
28-01-10