Monday, April 5, 2010

क्या म.गां.अं.हि.वि.वि.के कुलाधिपति नामवर,कुलपति विभूति शराब पीते हैं,मांस खाते हैं ?

-सत्ताचक्र-
महाराष्ट्र का वर्धा जिला मोहनदास करम चंद गांधी यानी महात्मा गांधी की कर्म भूमि रही है। महात्मा गांधी मांस,मदिरा खाने –पीने के घोर विरोधी थे।उसी गांधी की कर्म भूमि में ,उसी गांधी के नाम पर बने अंतररष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय का, क्या शराब पीने वाले ,मांस खाने वाले को कुलाधिपति(CHANCELLOR) ,कुलपति (VICE- CHANCELLOR) बनाया जाना चाहिए ?
गांधी हिन्दी के सबसे बड़े पैरोकारों में से थे। वह हिन्दी को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय फलक पर स्थापित करने की हर संभव कोशिश किये। उन्ही के प्रयास को मानस में रख केन्द्र सरकार ने उनके ही कर्म भूमि वर्धा में , उनके ही नाम पर अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि. खोला । केन्द्रीय विश्वविद्यालय।इस वि.वि. की स्थापना के बिल पर मंजूरी देते समय सांसदो के दिल –दिमाग में यह बात थी कि इस वि.वि. के कुलाधिपति और कुलपति महात्मा गांधी के आचार-विचार और सुचिता के अनुरूप होंगे, उनका मन-बचन-कर्म-खान-पान गांधी के सिद्धान्तो के अनुरूप होगा। वे गांधीवादी तरीके से हिन्दी की राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय छवि बनाये रखने के लायक होंगे। शैक्षणिक कदाचार ,अनैतिकता प्रश्रय देने वाले नहीं होंगे। इसी को ध्यान में रख सरकार ने वर्धा शहर में शराब बिक्री व पीने पर तथा म.गां.अं.हि.वि.वि. में शराब व मांस पर प्रतिबंध लगा रखा है। म.गां.अं.हि.वि.वि., वर्धा के तो एक्ट में है कि वि.वि. परिसर में शराब-मांस की बिक्री व खाना-पीना प्रतिबंधित है।
म.गां.अं.हि.वि.वि., वर्धा के कुलाधिपति हैं नामवर सिंह और कुलपति हैं विभूति नारायण राय ।
क्या कुलाधिपति नामवर सिंह और कुलपति विभूति नारायण राय शराब पीते हैं, मांस खाते हैं ?