sattachakra.blogspot.in
वाहरे
, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति सुन्दर लाल ! गजब काम कर रहा है। विवेकानंद की मूर्ति
के आनावरण कार्यक्रम में मूर्तिचोर आरोपी भ्रष्टाचारी गुरू राममोहन पाठक को
विशिष्ठ अतिथि बनाकर बुलाया । यह करके तो सुन्दर लाल ने बहुत ही सुन्दर तरीके से
विवेकानंद की आड़ में मूर्तिचोर आरोपी भ्रष्टाचारीगुरू राममोहन पाठक को बढ़ावा
देने का काम किया।इससे छात्रों, शिक्षकों,शिक्षा जगत में क्या संदेश जायेगा।यह तो विश्वविद्यालय
के आचार संहिता , कुलपति पद के आचार संहिता के सरासर विरूद्ध है
। इससे तो यह साबित होता है कि इस कुलपति सुन्दर लाल का बाहर का रूप कुछ और अन्दर
का कुछ और है। यह कुलपति आमजनता का पैसा , मूर्तिचोर आरोपी भ्रष्टाचारी गुरू
राममोहन पाठक व अन्य चोरगुरूओं को बढ़ावा देने में खर्च कर रहा है। लोग कहने भी लगे हैं- "सुन्दर –सुन्दर ,लाल-लाल । चोर-भ्रटाचारी बढावें
डाल-डाल ।।"
“महान हस्तियों से सीख लें छात्र
कुलपति प्रो.सुंदर लाल ने कहा कि महापुरुषों की मूर्तियों को इस वजह से लगवाया जा रहा है जिससे छात्र उन्हें देखकर वैसा बनने का प्रयास कर सके। जलनिगम आगणन तैयार कर रहा है जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा।“
(दीपक उपाध्याय -दैनिक जागरण समाचार पत्र में प्रकाशित खबर)
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/jaunpur-10651529.html
कुलपति प्रो.सुंदर लाल ने कहा कि महापुरुषों की मूर्तियों को इस वजह से लगवाया जा रहा है जिससे छात्र उन्हें देखकर वैसा बनने का प्रयास कर सके। जलनिगम आगणन तैयार कर रहा है जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा।“
(दीपक उपाध्याय -दैनिक जागरण समाचार पत्र में प्रकाशित खबर)
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/jaunpur-10651529.html
यह
खबर विबसिंपूविवि जौनपुर (उ.प्र.) के ब्लाग पूरब बानी में 26 अगस्त 2013 को लगी है । http://vbspurvanchaluniversity.blogspot.in/search?updated-max=2013-09-03T02:32:00-07:00&max-results=4
और राम मोहन पाठक की असलियत का प्रमाण यह है SATTACHAKRA.BLOGSPOT.IN में 27-06-13 को छपी खबर -
Sunday,
June 27, 2010
-सत्ताचक्र
SATTACHAKRA-
महामना मदन मोहन मालवीय पत्रकारिता संस्थान, महात्मागांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के प्रोफेसर राम मोहन पाठक(RAM MOHAN PATHAK), उनके सगे बड़े पुत्र अमितांशु पाठक (आलोक मेहता के सम्पादकत्व में निकल रही नई दुनिया के वाराणसी संवाददाता) , छोटे पुत्र किंशुक पाठक के खिलाफ ,जालसाजी करके मंदिर व उसकी प्रापर्टी खरीदने ,मंदिर से मूर्ति राधाकृष्ण की चोरी कर गायब करने,जालसाजी कर जान से मारने की धमकी देने के मामले में न्यायालय के आदेश पर वाराणसी के चेतगंज थाने में दिनांक 23-06-2010 को एफ.आई.आर. दर्ज हुआ है। जिसका नम्बर है- मु.अ.सं.167 / 10 धारा 379 / 419 / 506 ipc ps चेतगंज वाराणसी । बेसर देवी , पत्नी स्व. लालजी मिश्र, कबीर चौरा, वाराणसी ने यह मुकदमा और केस दर्ज कराया है। कई माह से पुलिस वाले केस दर्ज नहीं कर रहे थे तो बेसर देवी न्यायालय की शरण में गईं। न्यायालय के आदेश के बाद चेतगंज पुलिस ने यह रिपोर्ट दर्ज की ।
बेसर देवी ने जो तहरीर दी है उसमें है - ... प्रार्थिनी बेसर देवी ..... भवन सं...पुरानी टकसाल चेतगंज में विराजमान श्री ठाकुर राधाकृष्ण जी की सेवायत हैं। उपरोक्त मंदिर में देखरेख हेतु प्रार्थिनी ने अपने बहन के लड़के त्रिभुवन मिश्र पुत्र श्री विश्वनाथ मिश्र, निवासी ग्राम- गोविन्दपुर ,भीम चंडी, पोस्ट राजातालाब,थाना –रोहनियां, जिला –वाराणसी को देखरेख हेतु रखी थी। त्रिभुवन मिश्र... ने ......भगवान श्री ठाकुर राधाकृष्ण जी मूर्तियों,सिंहासन,मुकुट, पूजा-पाठ श्रृंगार की सामग्री चोरी कर गायब कर दिया साथ ही जालसाजी करके मंदिर मकान को बेच दिया। जिसमें त्रिभुवन ...एवं राममोहन पाठक पुत्र विश्वनाथ पाठक तथा अमितांशु पाठक व किंशु पाठक पुत्र राम मोहन पाठक , निवासी डी-6 / मुहल्ला –रानीभवानी की गली , वार्ड –दशाश्वमेध, थाना-दशाश्वमेध, शहर –वाराणसी ....तथा शंभुनाथ मिश्र ... की जानकारी में यह कृत्य किया गया है। अत: श्रीमान से अनुरोध है कि उपरोक्त सभी मूर्ति विग्रहों की चोरी कर गायब करने तथा म.न.सी.25/ 19 पुरानी टकसाल की ट्रस्ट प्रापर्टी को जालसाजी कर खरीद-फरोख्त करने , भ्रष्टाचार एवं जालसाजी करने एवं प्रार्थिनी को मयपरिवार जान से मारने के धमकी देने पर तत्काल नियमानुसार कार्रवाई करने की महती कृपा की जाय । ताकि न्याय हो सके तथा मूर्ति विग्रहों को पुन: यथास्थान स्थापित कराकर पूजा-पाठ प्रारम्भ कराया जा सके।....
महामना मदन मोहन मालवीय पत्रकारिता संस्थान, महात्मागांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के प्रोफेसर राम मोहन पाठक(RAM MOHAN PATHAK), उनके सगे बड़े पुत्र अमितांशु पाठक (आलोक मेहता के सम्पादकत्व में निकल रही नई दुनिया के वाराणसी संवाददाता) , छोटे पुत्र किंशुक पाठक के खिलाफ ,जालसाजी करके मंदिर व उसकी प्रापर्टी खरीदने ,मंदिर से मूर्ति राधाकृष्ण की चोरी कर गायब करने,जालसाजी कर जान से मारने की धमकी देने के मामले में न्यायालय के आदेश पर वाराणसी के चेतगंज थाने में दिनांक 23-06-2010 को एफ.आई.आर. दर्ज हुआ है। जिसका नम्बर है- मु.अ.सं.167 / 10 धारा 379 / 419 / 506 ipc ps चेतगंज वाराणसी । बेसर देवी , पत्नी स्व. लालजी मिश्र, कबीर चौरा, वाराणसी ने यह मुकदमा और केस दर्ज कराया है। कई माह से पुलिस वाले केस दर्ज नहीं कर रहे थे तो बेसर देवी न्यायालय की शरण में गईं। न्यायालय के आदेश के बाद चेतगंज पुलिस ने यह रिपोर्ट दर्ज की ।
बेसर देवी ने जो तहरीर दी है उसमें है - ... प्रार्थिनी बेसर देवी ..... भवन सं...पुरानी टकसाल चेतगंज में विराजमान श्री ठाकुर राधाकृष्ण जी की सेवायत हैं। उपरोक्त मंदिर में देखरेख हेतु प्रार्थिनी ने अपने बहन के लड़के त्रिभुवन मिश्र पुत्र श्री विश्वनाथ मिश्र, निवासी ग्राम- गोविन्दपुर ,भीम चंडी, पोस्ट राजातालाब,थाना –रोहनियां, जिला –वाराणसी को देखरेख हेतु रखी थी। त्रिभुवन मिश्र... ने ......भगवान श्री ठाकुर राधाकृष्ण जी मूर्तियों,सिंहासन,मुकुट, पूजा-पाठ श्रृंगार की सामग्री चोरी कर गायब कर दिया साथ ही जालसाजी करके मंदिर मकान को बेच दिया। जिसमें त्रिभुवन ...एवं राममोहन पाठक पुत्र विश्वनाथ पाठक तथा अमितांशु पाठक व किंशु पाठक पुत्र राम मोहन पाठक , निवासी डी-6 / मुहल्ला –रानीभवानी की गली , वार्ड –दशाश्वमेध, थाना-दशाश्वमेध, शहर –वाराणसी ....तथा शंभुनाथ मिश्र ... की जानकारी में यह कृत्य किया गया है। अत: श्रीमान से अनुरोध है कि उपरोक्त सभी मूर्ति विग्रहों की चोरी कर गायब करने तथा म.न.सी.25/ 19 पुरानी टकसाल की ट्रस्ट प्रापर्टी को जालसाजी कर खरीद-फरोख्त करने , भ्रष्टाचार एवं जालसाजी करने एवं प्रार्थिनी को मयपरिवार जान से मारने के धमकी देने पर तत्काल नियमानुसार कार्रवाई करने की महती कृपा की जाय । ताकि न्याय हो सके तथा मूर्ति विग्रहों को पुन: यथास्थान स्थापित कराकर पूजा-पाठ प्रारम्भ कराया जा सके।....
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