-सत्ताचक्र-
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय , 10 जनवरी 2009 को डि.लिट. देगा। उपाधि देने का यह कार्यक्रम दिल्ली में वाजपेयी के आवास पर होगा।जिसमें विश्वविद्यालय के चांसलर यानी कुलाधिपति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी रहेंगे। उसी दिन उसके बाद दिल्ली में ही विश्वविद्यालय के अगले कुलपति का नाम खोजने के लिए सर्च कमेटी की बैठक होगी।
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय , भोपाल में कुलपति पद जनवरी के दूसरे सप्ताह में खाली हो रहा है। अगले कुलपति को ढ़ूढ़ने के लिए एक सर्च कमेटी बनाई गई है। ऐसी सर्च कमेटियां कैसे सर्च करती हैं और कैसे इसमें जुगाड़ तंत्र चलता है या इनकी बनाई लिस्ट में कैसे बाद में नाम जोड़ दिया जाता है, और उसमें से कैसे जोड़-तोड़ या राजनीतिक या नौकरशाही पौवे में भारी व्यक्ति कुलपति बनते हैं इस सबके बारे में बाद में। तो माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय,भोपाल के कुलपति पद के लिए उपयुक्त नाम खोजने के लिए जो खोज कमेटी बनी है, उसमें नंद किशोर त्रिखा,सच्चिदानंद जोशी और राधेश्याम शर्मा के होने की चर्चा है। सूत्रो का कहना है कि 10 जनवरी को दिल्ली में इस कुलपति ढ़ूंढ़ो कमेटी की बैठक होगी। जो कितनी ईमानदारी से नामो की सूची बनायेगी इसका पता 15 जनवरी तक चल जायेगा। त्रिखा ,जोशी और शर्मा तीनो ही मध्यप्रदेश के नहीं हैं। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय , भोपाल में अब राज्य के ही किसी विद्वान व संघ के प्रतिबद्ध व्यक्ति को कुलपति बनाने की मांग जोर पकड़ ली है। इधर भाजपा के कई केन्द्रीय नेता राज्य के बाहर के अपने कीर्तनियों को इस विश्वविद्यालय का कुलपति बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर दबाब बनाये हुए हैं।उनके ही नाम सर्च कमेटी वाली सूची में डलवाने का भी इंतजाम हो रहा है। सर्च कमेटी में जो भी नाम चर्चा में हैं वे उन नेताओं के दबाव के आगे कुछ नहीं कर पायेंगे। और यदि इन पर छोड़ भी दिया गया तो ये अपने घोर जुगाडुओं का नाम आगे करेंगे। इस हालात में जो सूची बननी है वह कुछ उनका कुछ अपना वाली बननी है। लेकिन उसमें से किसी एक के नाम पर अंतिम मुहर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ही लगानी है।क्योंकि वही इस विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। कहा जाता है कि जातिवाद व घोर तिकड़म के आरोपी महेश प्रसाद श्रीवास्तव म.प्र. जनसम्पर्क विभाग के सचिव मनोज श्रीवास्तव और कैलाश सारंग की कृपा से, काशीविद्यापीठ वाराणसी में पुस्तक घोटाले,मूर्ति चोरी,नकलकरके पी.एच-डी.लिखने आदि के आरोपी राममोहन पाठक, दो बीवियों के पति शम्भूनाथ सिंह,भ्रष्टाचार के आरोपी बी.के. आदि कुलपति पद के लिए लाइन में हैं। इनमें कोई भी संघ का प्रतिबद्ध नहीं है। लेकिन घोर भाजपाई होने का दिखावा कर घनघोर जुगाड़ से पद पाने के लिए सब उपक्रम कर रहे हैं।