-सत्ताचक्र-
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय यानी इग्नू के विभिन्न विषयों के पाठ्य सामग्री को हुबहू उतारकर अपने नाम से किताबें लिखने, उन्हें छापने और मंहगे दाम पर विश्वविद्यालयों की लाइब्रेरियों में बेचने का धंधा जोरो पर है।यह कारोबार अरबो रूपये का है। पत्रकारद्वय कृष्णमोहन सिंह व संजयदेव की अगुवाई में बनाये जा रहे खोजपरक कार्यक्रम चोरगुरू के 13वें एपीसोड में रविवार दिनांक 10जनवरी 2010 को रात 8 बजे से साढ़े आठ बजे के स्लाट में CNEB न्यूज चैनेल पर इसके बारे में विस्तार से दिखाया जायेगा। इग्नू के स्टडी मैटेरिल चुराकर किताबें तो बहुतों ने लिखी है जिनमें से इस बार शाहजाद अहमद की लिखी पुस्तक आर्ट आफ़ मॉडर्न जर्नलिज़्म, आर के रवींद्रन की लिखी किताब हैंडबुक आफ़ मास मीडिया, रवीद्रन साहब की एक और किताब है—हैंडबुक आफ़ मास कम्युनिकेशंस। एम एच सैयद. की लिखी एन्साइकलोपीडिया आफ़ मॉडर्न जर्नलिज़्म एण्ड मास मीडिया , में नकलचेपी कारनामों का भंडाफोड़ हुआ है। इन सभी पुस्तकों का प्रकाशक है- ANMOL PUBLICATIONS PVT.LTD. , 4373 / 4 B , ANSARI ROAD , DARYA GANJ, NEW DELHI . । इग्नू के स्टडी मैटेरियल चुराकर 27 हजार रू. तक की इन्साइक्लोपीडिया , मंहगी-मंहगी किताबें छापकर इतने दिनों से खुलेआम कुछ भ्रष्ट कुलपतियों, डीन, प्रोफेसरों ,रीडरों , लेक्चररो ,लाइब्रेरियनों, यू.जी.सी. के अफसरों की मदद से विश्वविद्यालयों में सप्लाई हो रही हैं और इग्नू को पता ही नहीं है। इस बारे में जब इग्नू के कुलपति प्रोफ़ेसर टी एन राजशेखरन पिल्लै को ढ़ेर सारे सबूत दिखाकर पूछा गया तो उनको पसीना छूटने लगा। उन्होने माथा पकड़ लिय़ा। आन कैमरा पिल्लै ने अन्य कुलपतियों की तरह इस पर कार्रवाई करने के लिए कहा तो है , लेकिन करेंगे भी या अन्य की तरह अन्दर –अंदर टालेंगे यह आगे पता चल जायेगा।
सफेदपोश गुरूओं के इस काले धंधे पर कुछ सांसदो ने कड़ा रूख अपनाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद हर्षवर्धन ने संसद के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को उठाने की कोशिश भी की थी। अभी, हाल ही में उन्होंने इस मुद्दे पर एक कड़ा पत्र केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को लिखा है।
सीएनईबी पर दिखाये जाने वाले चोर गुरू कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कांग्रेस के इस वरिष्ठ सांसद ने इग्नू की पाठ्य सामग्री की चोरी और अनिल के राय अंकित, दीपक केम....प्रेम चंद पातंजलि.....रमेश चंद्रा......और डी एस श्रीवास्तव-सरिता कुमारी आदि के नकलचेपी कारनामों की जाँच के लिए सीबीआई जाँच की माँग की है। उन्होने ऐसे नकलचेपी शिक्षकों को किसी न किसी बहाने बचा रहे,अभी तक कोई कार्रवाई नहीं करनेवाले कुलपतियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
उन्होने पत्र में लिखा है कि—
इन तथाकथित बुद्धिजीवियों का यह कृत्य किसी बड़े से बड़े आपराधिक कृत्य से भी गंभीर मामला है।
ये तथाकथित बुद्धिजीवी लेखक संपूर्ण मानवता के दुश्मन हैं।