Wednesday, January 27, 2010

अनिल चमड़िया को निकालने, सजातीय मैटरचोर अनिल राय को बचाने की V.N.RAI की चाल

-सत्ताचक्र गपशप-
तब लाली पार्टियों (वामपंथी दलो) के सहयोग से चल रही यू.पी.ए.-1 सरकार में कामरेड नेताओ,तथाकथित वामपंथी कवियों,शिक्षाविदो आदि से जुगाड़ लगवा महात्मा गांधी अंतरर्राष्ट्रीय हिन्दी वि.वि.,वर्धा में कुलपति बन गये महाजुगाड़ी पुलिसवाले विभूति नारायण राय ( V.N.RAI ) के कारनामे एक –एक करके सामने आने लगे हैं। पहले तो इस पुलिसिया कुलपति ने नई एक्जक्यूटिव काउंसिल नहीं होने के आड़ में कुलपति पद के आपातकालीक पावर का उपयोग करके तरह –तरह की मनमानी किया।जिसमें तरह-तरह के आरोपी सजातीय मैटर चोर से लगायत वामपंथी कवियों,आलोचको के चाऱण कीर्तनियों , यू.जी.सी.के अफसरों आदि तक के लोगो को नौकरी पर रखा, जगह-जगह सेंटर खोला, सेमिनार-सेमिनार शुरू किया। पुलिसिया कुलपति ने वि.वि. को अपनी जेबी थाना की तरह चलाने और इस तरह के कारनामे शुरू किया तो ये सब मीडिया में भी आने लगा। जिसे दबाने के लिए ये तरह-तरह के पुलिसिया अनुभव, लतवाला उपक्रम करने लगे । उसी क्रम में बिना पूरी एक्जक्यूटिव काउंसिल के गठन के ही उन्होने 13 जनवरी 2010 को दिल्ली में अधूरी नई एक्जक्यूटिव काउंसिल की बैठक करा कर उसमें अपनी सभी मनमानी पर मुहर लगवा ली। एक्जक्यूटिव काउंसिल में म.अं.हि.वि.वि.,वर्धा के जो 10 डीन,प्रोफेसर,रीडर आदि सदस्य होने चाहिए उनमें से किसी को नहीं रखा। यानी इन्टरनल कमेटी बनाये बिना ही एक्जक्यूटिव काउंसिल की 13 जनवरी को बैठक कर ली। इस पुलिसिया कुलपति द्वारा एक केन्द्रीय वि.वि.को अपने जेबी थाने की तरह चलाने का यह एक प्रमाण है। जो सुनाम धन्य लोग इस पर ऐतराज किये बगैर पुलिसिया कुलपति के हर हां में हां मिलाये और मुहर लगाये उनके बारे में विस्तार से जानकारी बाद में। उसी मुहर लगवाने में पुलिसिया कुलपति ने अपने चहेते सजातीय मैटर चोर ( नकल करके एक दर्जन पुस्तकें लिखने व अन्य शैक्षणिक कदाचार के आरोपी) अनिल कुमार राय अंकित(Dr. ANIL K. RAI ANKIT) की प्रोफेसर पद पर नियुक्ति पर मुहर लगवा दिया। लेकिन अनिल चमड़िया की प्रोफेसर पद पर नियुक्ति पर मुहर नहीं लगवाया। सूत्रो के मुताबिक - कहा कि अनिल चमड़िया पर कई मामले हैं। सूत्रों के अनुसार पुलिसिया कुलपति ने यह कराने के बाद, अब एक चिट्ठी तैयार कराने की योजना बना रहा है। जिसमें यह होगा कि अनिल चमड़िया की नियुक्ति पर एक्जक्यूटिव काउंसिल ने मंजूरी नहीं दी ,इसलिए उनकी सेवा समाप्त की जाती है। सूत्रो का कहना है कि पुलिसिया कुलपति ने नागपुरवासी एक भाषाशास्त्री से और दिल्ली के एक पत्रकार से भी कहा था कि अनिल चमड़िया की तो छुट्टी करूंगा। पुलिसवाले के चहेतो व कीर्तनियों का कहा यदि सच है तो अनिल चमड़िया को पुलिसिया कुलपति आज-कल में सेवासमाप्ति का पत्र दिलवा देगा।
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