Friday, January 29, 2010

IIT -BHU निदेशक पद पर के .पी. की नियुक्ति रोकवाने उपाध्याय लाबी गयी कोर्ट

-सत्ताचक्र गपशप-
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ,वाराणसी एक्जक्यूटिव काउंसिल ने बीते माह हुई बैठक में, आई.आई.टी. के निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए ,विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट के हेड के.पी. सिंह के नाम पर मुहर लगा दिया । जो निवर्तमान निदेशक एस.एन.उपाध्याय से 1 फरवरी2010 को पदभार लेगें। लेकिन के.पी. सिंह को किसी भी हालत में निदेशक नहीं बनने देने के लिए कटिबद्ध निवर्तमान निदेशक उपाध्याय व इलेक्ट्रानिक्स विभाग के एक भू ने मिलकर पहले तो दिल्ली में जबरदस्त लाबिंग की। जिसमें प्रचारित किया गया कि IIT-BHU को फुल फ्लैज IIT बनाने का काम उपाध्याय बेहतर कर सकते हैं । सो उनको ही अभी निदेशक पद पर एक्सटेंशन दे दिया जाय या एक नोडल बना उसका इंचार्ज बना दिया जाय। फिर जब फुल फ्लैज IIT बन जाय तो उसका निदेशक नियुक्त कर दिया जाय। इस तरह 8 माह बाद रिटायर होने वाले उपाध्याय जी की निगाह 5 साल और नौकरी का समय बढ़ जाने तथा IIT बनाने के लिए मिलने वाले 500 से 1000 करोड़ रूपये के ग्रांट पर है। लेकिन दिल्ली में जब दाल नहीं गली तो उनकी नियुक्ति पर स्टे के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस दायर करवा दिया। जिसकी तारीख आज है।जिसमें तर्क दिया गया है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ,वाराणसी एक्जक्यूटिव काउंसिल ने कम अनुभव वाले के.पी. सिंह को निदेशक बनाकर गलत किया, सो उनकी नियु्क्ति पर रोक लगाई जाय। इधर इलेक्ट्रानिक्स विभाग के एक भू प्रोफेसर ने दिल्ली के एक बड़े अखबार समूह के एक अंग्रेजी चैनेल के वाराणसी के सजातीय संवाददाता के मार्फत के.पी. सिंह के खिलाफ खबर लगवाने की कोशिश शुरू किया है। उस संवाददाता ने गुड ...से अभिवादन करने के नियम वाले एक चिट फंड कंपनी के हिन्दी टी.वी.चैनल के जौनपुर संवाददाता से फोन करके कहा कि के.पी. सिंह जब पूर्वांचल वि.वि. जौनपुर में कुलपति थे उस दौरान उनपर जो-जो आरोप लगे थे उसके कागजात एक दिन के भीतर उपलब्ध करा दो। उसे 30 या 31 जनवरी 2010 को टेलिकास्ट कराना है। जौनपुर के उस रिपोर्टर ने कहा कि नकल करके एक दर्जन के लगभग अंग्रेजी और हिन्दी में पुस्तकें अपने नाम छपवा लेने वाले चोरगुरू अनिल के. राय अंकित( जो पूर्वांचल वि.वि. ,जौनपुर में लेक्चरर अवैतनिक अवकाश पर है, और अपने सजातीय कुलपति विभूति नारायण राय की चाह से म.अं.हि.वि.वि. वर्धा में प्रोफेसर व हेड हो गया है) ने नकल करके लिखी अपनी एक किताब के.पी. सिंह को समर्पित की है। मैटर चोर अनिल राय अंकित ने यू.जी.सी. के मेजर प्रोजेक्ट में भी फ्राड किया है। दिल्ली के जिस प्रकाशन व सप्लायर के यहां उसकी नकलचेपी किताबे छपी हैं, उस सप्लायर से वि.वि. में अपनी 100 के लगभग अति मंहगी किताबें सप्लाई करवाया है। उसके और भी धतकर्म हैं। उस सब पर दस्तावेज भेज रहा हूं , अच्छी स्टोरी बनेगी।जौनपुर के रिपोर्टर की बात सुनकर भू पत्रकार हें..हें...हें. करने लगा

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