-सत्ताचक्र गपशप-
दिल्ली विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के एक मामले की आरोपी डा.अनिता रामपाल को NCERT का निदेशक बनवाने के लिए प्रो.यशपाल और प्रो. कृष्णकुमार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। यहां का निदेशक पद कुलपति के रैंक का होता है। निवर्तमान कुलपति प्रो.कृष्णकुमार एक्सटेंसन पर चल रहे हैं। उनकी चाहत अनिता हैं। बुजुर्ग यशपाल की चाहत भी अनिता हैं।सूत्रों के मुताबिक दोनो ने ही अनिता के लिए अपने जुगाड़ दाव पर लगा दिया है। सूत्रो का कहना है कि इसके लिए इनने सेक्रेटरी स्कूल अन्शु वैश्य और प्रो.मृणाल मिरी से कहा है। NCERT का निदेशक खोज कमेटी बनी है उसमें अन्शु वैश्य , प्रो.मृणाल मिरी, प्रो. जयन्त नार्लिकर और हैदराबाद के एक प्रोफेसर हैं । इसकी बैठक दिनांक 18 जनवरी 2010 को पूना में हो रही है।सूत्रो के मुताबिक हैदराबादवाले प्रोफेसर देश से बाहर हैं । सो केवल अन्शु वैश्य , प्रो.मृणाल मिरी, प्रो. जयन्त नार्लिकर ही बैठक कर सूची बना सकते हैं। कहा जाता है कि प्रो.यशपाल और प्रो. कृष्णकुमार की लाबिंग के चलते अन्शु वैश्य और प्रो.मृणाल मिरी का बहुमत तो डा. अनिता रामपाल का नाम सूची में निश्चित ही डलवा देगा। चर्चा है कि अनिता के पति भी इस पद के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं। जहां तक अनिता पर आरोप का सवाल है तो वह पहले लाल बहादुर शास्त्री नेश्नल एकेडमी में थी।वहां से NOC और रिलिविंग आर्डर लिए बगैर ही 2002 में दिल्ली वि.वि. में नौकरी ज्वाइन कर लीं। यहां और वहां दोनो जगह से सेलरी लेती रहीं। जब एकेडमी ने दिल्ली वि.वि. को लिखकर पूछा कि क्या अनिता रामपाल आपके यहां नौकरी कर रही हैं।उसके बाद राज खुला। फिर लालबहादुर शास्त्री एकेडमी ने उस दौरान दी सेलरी अनिता से रिकवरी किया। कहा जाता है उससे संबंधित फाइल दिल्ली वि.वि. से गायब करा दिया गया है। तो ऐसी धांधली की आरोपी मैडम अनिता रामपाल यदि प्रो.यशपाल और प्रो. कृष्णकुमार की कृपा और लाबिंग से NCERT की निदेशक बन गईं तो क्या गुल खिलायेंगी इसका अनुमान लगाया जा सकता है। क्योंकि यहां तो बजट बहुत है और अनिता पर वित्तिय व नैतिक कदाचार का जो आरोप है उसके मद्देनजर तो यहां बहुत कुछ गुल खिल सकता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के एक मामले की आरोपी डा.अनिता रामपाल को NCERT का निदेशक बनवाने के लिए प्रो.यशपाल और प्रो. कृष्णकुमार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। यहां का निदेशक पद कुलपति के रैंक का होता है। निवर्तमान कुलपति प्रो.कृष्णकुमार एक्सटेंसन पर चल रहे हैं। उनकी चाहत अनिता हैं। बुजुर्ग यशपाल की चाहत भी अनिता हैं।सूत्रों के मुताबिक दोनो ने ही अनिता के लिए अपने जुगाड़ दाव पर लगा दिया है। सूत्रो का कहना है कि इसके लिए इनने सेक्रेटरी स्कूल अन्शु वैश्य और प्रो.मृणाल मिरी से कहा है। NCERT का निदेशक खोज कमेटी बनी है उसमें अन्शु वैश्य , प्रो.मृणाल मिरी, प्रो. जयन्त नार्लिकर और हैदराबाद के एक प्रोफेसर हैं । इसकी बैठक दिनांक 18 जनवरी 2010 को पूना में हो रही है।सूत्रो के मुताबिक हैदराबादवाले प्रोफेसर देश से बाहर हैं । सो केवल अन्शु वैश्य , प्रो.मृणाल मिरी, प्रो. जयन्त नार्लिकर ही बैठक कर सूची बना सकते हैं। कहा जाता है कि प्रो.यशपाल और प्रो. कृष्णकुमार की लाबिंग के चलते अन्शु वैश्य और प्रो.मृणाल मिरी का बहुमत तो डा. अनिता रामपाल का नाम सूची में निश्चित ही डलवा देगा। चर्चा है कि अनिता के पति भी इस पद के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं। जहां तक अनिता पर आरोप का सवाल है तो वह पहले लाल बहादुर शास्त्री नेश्नल एकेडमी में थी।वहां से NOC और रिलिविंग आर्डर लिए बगैर ही 2002 में दिल्ली वि.वि. में नौकरी ज्वाइन कर लीं। यहां और वहां दोनो जगह से सेलरी लेती रहीं। जब एकेडमी ने दिल्ली वि.वि. को लिखकर पूछा कि क्या अनिता रामपाल आपके यहां नौकरी कर रही हैं।उसके बाद राज खुला। फिर लालबहादुर शास्त्री एकेडमी ने उस दौरान दी सेलरी अनिता से रिकवरी किया। कहा जाता है उससे संबंधित फाइल दिल्ली वि.वि. से गायब करा दिया गया है। तो ऐसी धांधली की आरोपी मैडम अनिता रामपाल यदि प्रो.यशपाल और प्रो. कृष्णकुमार की कृपा और लाबिंग से NCERT की निदेशक बन गईं तो क्या गुल खिलायेंगी इसका अनुमान लगाया जा सकता है। क्योंकि यहां तो बजट बहुत है और अनिता पर वित्तिय व नैतिक कदाचार का जो आरोप है उसके मद्देनजर तो यहां बहुत कुछ गुल खिल सकता है।